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फल उत्कृष्टता केंद्र मांगेआना में फलों की नीलामी 7 सितंबर को, अधिक जानकारी के लिए क्लिक करे...

 
mangeyana

नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रत्येक ठेकेदार को 50 हजार रुपये की धरोहर राशि जमा करवानी होगी

फल उत्कृष्टता केंद्र इंडो इजरायल परियोजना मांगेआना का इजरायली विशेषज्ञ ने किया दौरा,

इंडो इजरायल परियोजना केंद्र नए आयाम की ओर

सिरसा । फल उत्कृष्टता केंद्र, मांगेआना में आगामी 7 सितंबर को दोपहर 2 बजे नींबू वर्गीय, अनार, अमरूद व जैतून के बाग में लगे पौधों के फलों की नीलामी की जाएगी।

फल उत्कृष्टता केंद्र मांगेआना के उपनिदेशक डा. सुभाष ने बताया कि नीलामी से पहले पौधे देखने के इच्छुक ठेकेदार किसी भी कार्यदिवस में आकर पौधों का निरीक्षण कर सकते हैं। नीलामी के दौरान कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए सभी बोलीदाता सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखेंगे।

इच्छुक ठेकेदार को अपना आधार कार्ड साथ लाना अनिवार्य है। अधिक जानकारी के लिए मोबाइल नंबर 9416662510, 9813200625 एवं 9996788114 पर संपर्क कर सकते है।

उन्होंने बताया कि सिट्रस अनार के 4 से 10 वर्ष आयु के 3548 पौधों, अनार के 7 से 10 वर्ष आयु के  986 पौधे, अमरूद के 10 वर्ष आयु के 603 पौधे तथा जैतून के 10 वर्ष आयु के 621 फलदार पौधे की नीलामी की जाएगी। उन्होंने बताया कि नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रत्येक ठेकेदार को 50 हजार रुपये की धरोहर राशि जमा करवानी होगी, जो कि सफल बोलीदाता के अतिरिक्त सभी को नीलामी के पश्चात वापिस कर दी जाएगी तथा नीलामी के नियम व शर्ते मौके पर बताई जाएगी।

फल उत्कृष्टता केंद्र इंडो इजरायल परियोजना मांगेआना का इजरायली विशेषज्ञ ने किया दौरा, इंडो इजरायल परियोजना केंद्र नए आयाम की ओर

सिरसा 31 अगस्त। राष्ट्रीय बागवानी मिशन स्कीम के तहत इंडो इजराइल वर्क प्लान में इजरायल व भारतवर्ष के आपसी समन्वय से स्थापित फल उत्कृष्टता केंद्र एक इंडो इजरायल परियोजना के रूप में नए आयाम स्थापित कर रहा है। इजराइल से फल उत्पादकता विशेषज्ञ येअर एशेल द्वारा भारतीय उत्पादकता विशेषज्ञों की टीम के साथ दौरा किया तथा कार्यप्रणाली की जानकारी ली।

इस बारे में जानकारी देते हुए डॉ सुभाष चंद्र उपनिदेशक उद्यान विभाग ने बताया कि मांगेआना स्थित इंडो इजरायल परियोजना केंद्र 2011 में स्थापित किया गया। जहां पर बागवानी की विभिन्न किस्मों की जानकारी देने हेतु सिट्रस, अनार, खजूर, ओलीव, नाख, आडू, आलूबुखारा, बेलपत्र का उत्कृष्ट केंद्र बनाया गया है। इजराइल तकनीक से बाग की स्थापना, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली, इजरायल की सिट्रस की विभिन्न किस्मों के प्रदर्शन प्लांट के साथ-साथ केंद्र को एक प्रशिक्षण संस्थान के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। जिसमें भारत सरकार की कौशल विकास योजना के अंतर्गत साप्ताहिक प्रशिक्षण क्वालिटी पैकेजिंग कोर्स (200 व 270 घंटे) प्रशिक्षण का प्रावधान किया गया है। एक वर्ष में कुल 16 विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण व एवं वेबीनार आयोजित किए जा चुके हैं।

उन्होंने बताया कि इस केंद्र की स्थापना से अब तक नर्सरी संभाग से लगभग चार लाख ग्राफ्टेड फलदार पौधे व 1 करोड़ 70 लाख विभिन्न सब्जियों की किस्मों के पौधे किसानों को उपलब्ध कराए जा चुके हैं। लगभग एक लाख से ज्यादा किसानों को इन प्लांटिंग मेटेरियल वे विभिन्न प्रशिक्षण एवं एक्सपो के माध्यम से लाभार्थ किया गया है जो कि उद्यान विभाग हरियाणा की उत्कृष्ट उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।

उप निदेशक डा सुभाष चंद्र ने बताया कि इस परियोजना की स्थापना के बाद लगभग 840 लाख रुपए की सरकारी आय की उपलब्धि यह स्पष्ट रूप से इस संस्थान में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों की कड़ी मेहनत, लगन, निष्ठा पूर्वक कार्य प्रणाली को दर्शाती है। इसके अलावा समय-समय पर इजरायली एक्सपर्ट इसके अंदर की प्रगति की समीक्षा व तकनीकी जानकारी हेतु निरंतर केंद्र पर दौरा करते रहते हैं तथा आधुनिक तकनीक को फलदार फसलों में अपनाने की सिफारिश करते हैं। इसी शृंखला में गत दिवस को इजरायली दूतावास नई दिल्ली के एग्रीकल्चर से संबंधित डा येअर एशेल द्वारा केंद्र का दौरा किया गया। उनके साथ डा. सुभाष चंद्र उपनिदेशक उड़ान, डॉ रमेश कुमार, डॉ कुलदीप सिंह, डॉ गौरव कांत विषय वस्तु विशेषज्ञ मौजूद रहे।

उन्होंने बताया कि विषय विशेषज्ञ द्वारा विभिन्न किस्मों के पौधों के प्रबंधन फर्टिलाइजेशन, कैनोपी मैनेजमेंट के बारे विस्तृत रूप से चर्चा की गई तथा सिंचाई प्रबंधन एवं इस वर्ष हीटवेव से चलने से फसलों में हुए नुकसान पर भी चर्चा की गई तथा इस संबंध में उचित मार्गदर्शन के साथ-साथ केंद्र पर बाग क्षेत्र में किए गए कुशल प्रबंधन की प्रशंसा भी की गई। विदेशी विशेषज्ञ द्वारा विचार विमर्श भी किया गया। उत्कृष्टता केंद्र में ओलीव व खजूर के फसलों में विशेष प्रबंधन एवं तकनीकी डेमोंसट्रेशन हेतु इस वर्ष के अंत तक इन फसलों के विशेषज्ञों का केंद्र दौरा करने का आश्वासन दिया गया। डॉ येअर एशेल द्वारा दिए गए मार्गदर्शन एवं दिशा निर्देशों का दृढ़ता से पालन करने हेतु डॉ सुभाष चंद्र उपनिदेशक उधार ने सभी अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए ताकि केंद्र के चहुंमुखी विकास के साथ-साथ किसानों की आमदनी बढ़ाने में कारगर साबित हो सके।

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