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शाहपूरिया के किसान कुलदीप कुलड़िया को परम्परागत खेती के साथ-साथ बागवानी और तरबूज ने किया मालामाल

किसान कुलदीप कुलड़िया ने 2 साल पहले 2 एकड़ में अनार और 3 एकड़ में अमरूद  का लगाया बा
 
अनार और अमरूद के पौधों की कतारों में इस साल तरबूज और प्याज लगाकर की लाखों की कमाई

नरेश बैनीवाल 9896737050 चौपटा। राजस्थान की सीमा से सटे पैंतालिसा क्षेत्र के किसान परंपरागत खेती के साथ-साथ आधुनिक तरीके से खेती करके कमाई कर रहे हैं। किसान बागवानी, पशुपालन, सब्जियां इत्यादि लगाकर अपने घर की आर्थिक स्थिति को मजबूत बना रहे हैं। यह क्षेत्र राज्य के अंतिम छोर पर पड़ने के कारण हमेशा ही नहरी पानी की कमी से जूझता रहता है,  क्षेत्र के किसान आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र में नए-नए तरीकों की खोज करने में लगे रहते हैं इसी कड़ी में गांव शाहपुरिया ( सिरसा) के किसान कुलदीप कुलड़िया ने 2 साल पहले पांच एकड़ जमीन में अनार और अमरूद का बाग लगा कर परंपरागत खेती के साथ बागवानी खेती शुरू की है।

जिसमें 2 एकड़ में अनार व तीन एकड़ में अमरूद का बाग लगाया है । कुलदीप कुलड़िया का कहना है कि जब तक अनार और अमरुद के पौधे फलदार नहीं होते तब तक उसने इन पौधों की कतारों में तरबूज और प्याज लगा कर कमाई करने का जरिया खोजा है।  इसी के तहत तरबूज से एक लाख 70 हजार रुपए की कमाई की है।  किसान कुलदीप कुलड़िया का कहना है कि परंपरागत खेती के साथ-साथ बागवानी, फल सब्जियां इत्यादि लगाकर किसान आत्मनिर्भर बन सकते हैं।

 गांव के ही प्रगतिशील किसान राजवीर सिंवर से  प्रेरणा लेकर लगाया बाग, बढी आमदनी--- शाहपूरिया के प्रगतिशील किसान कुलदीप कुलड़िया ने बताया कि नहरी पानी की कमी, प्राकृतिक आपदाओं, बीमारियों इत्यादि से परंपरागत खेती में फसलों का उत्पादन कम होने लगा और बचत भी नहीं हो पा रही थी। ऐसे में उसने खेती में आमदनी बढ़ाने का जरिया खोजना शुरू किया तो गांव के ही प्रगतिशील किसान राजवीर सिंवर से प्रेरणा लेकर उन्होंने पांच एकड़ जमीन में अनार और अमरूद का बाग लगाया। जिसमें 2 एकड़ में अनार और 3 एकड़ जमीन में अमरूद का बाग लगाया ।

इसमें अभी तक कम ही फल लगने शुरू हुए हैं तो उन्होंने अनार और अमरूद के बाग वाली पौधों की कतारों के बीच 3 एकड़ में तरबूज लगाया जिससे उसे एक लाख 70 हजार रुपए की कमाई की है। इसी के साथ 2 एकड़ जमीन में प्याज लगाए हुए थे जिनमें 100 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से 200 क्विंटल प्याज की पैदावार हुई है ।  इसके साथ ही उन कतारों में नरमें की फसल की बिजाई की हुई है । 

कुलदीप कुलड़िया ने बताया कि उन्होंने सरकार की सहायता से खेत में पानी की डिग्गी बना ली है जिसमें पानी एकत्रित कर लिया जाता है। और जब जरूरत होती है तो उस पानी से ड्रिप सिस्टम द्वारा सिंचाई कर पौधों को खाद और पानी सीधा जड़ो में दिया जाता है जिससे एक तो पानी की बचत होती है और पौधों को जरूरत के हिसाब से पानी व  खाद इत्यादि मिल जाती है । यह सब सरकार के सहयोग से मिला है। 

चोपटा में मंडी व वैक्सिंग प्लांट लगाया जाए-- कुलदीप कुलड़िया ने बताया कि उसके गांव से सिरसा मण्डी 37 किलोमीटर दूर पड़ती है। जिससे फलों को वहां ले जाकर बेचने में यातायात खर्च ज्यादा आता है। तथा बचत कम होती है। इसके अलावा नजदीक में कोई वैकिसंग प्लांट भी नहीं है जिसमें की फलों को संभाल कर रखा जाए।  उसका कहना है कि अगर फलों व सब्ज़िय की मण्डी नाथूसरी चोपटा में विकसित हो जाए तो यातायात खर्च कम होने से बचत ज्यादा हो जाएगी। तथा एक वैक्सिंग प्लांट लगाया जाए।

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