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खरमास 16 दिसंबर से : खरमास में क्या करें क्या न करें?

 
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धनु राशि बृहस्पति की आग्नेय राशि है और इसमें सूर्य का प्रवेश विशेष परिणाम देता है. इसे धनु खरमास भी कहते हैं, जिसमें शुभ कार्य करना मनाही  है. इस साल धनु खरमास 16 दिसंबर से लगने वाला है .

 

सूर्य जब  धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे धनु संक्रांति कहा जाता है. धनु राशि बृहस्पति की आग्नेय राशि है और इसमें सूर्य का प्रवेश विशेष परिणाम देता है .   इसे  धनु खरमास भी कहते हैं, जिसमें शुभ कार्य करने की मनाही है .  इस वर्ष धनु खरमास 16 दिसंबर को  लगने वाला है. इसके बाद सूर्य जब 15 जनवरी 2023 को  मकर राशि में प्रवेश करेंगे तो धनु खरमास समाप्त हो जाएगा. आइए जानते हैं कि खरमास में क्या करें क्या न करें.

 

खरमास में ना करें शादी

किसी भी विवाह का सबसे बड़ा उद्देश्य सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. धनु राशि को संपन्नता का शुभ  माना जाता है. सूर्य जब धनु राशि में चला जाता है तो इसे सुख समृद्धि के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. ऐसा कहते हैं कि खरमास में विवाह करने से सुख समृद्धी चली जाती है .

खरमास में क्यों नहीं करते शुभ व मांगलिक कार्य?

खरमास में नया व्यवसाय आरम्भ करना आर्थिक मुश्किलों को जन्म देता है, क्योंकि इस समय आपके खर्चे काफी  बढ़ सकते हैं. व्यवसाय शुरू करने के लिए ये समय बिल्कुल अच्छा  नहीं है. आपके कंधो पर कर्जों का बोझ  बढ़ सकता है. फंसा हुआ धन मिलने की उम्मीद  बहुत कम होती हैं.

धनु खरमास में क्यों नहीं खरीदते संपत्ति

संपत्ति बनाने का उद्देश्य  सुखपूर्वक उपभोग करना है. खरमास की अवधि में बने मकानों का  सुख मिल पाना काफी कठिन होता है. आपके काम भी बीच में अटक सकते हैं. कभी-कभी दुर्घटनाओं की सम्भावनाएं बन जाती हैं. इस अवधि में बनाए गए मकान कमजोर होते हैं और उनसे निवास का सुख नहीं मिल पाता है.

खरमास में कौन से कार्य कर सकते हैं?

अगर प्रेम-विवाह या स्वयंवर  हो तो  खरमास में विवाह किया जा सकता है. अगर कुंडली में बृहस्पति धनु राशि में हो तो भी इस अवधि में शुभ कार्यकिए जा सकते हैं.  उन पर भी खरमास का कोई बंधन या दबाव नहीं है.  जातकर्म इस अवधि में किए जा सकते हैं. गया में श्राद्ध भी इस अवधि में किया जा रहा है .

खरमास 16 दिसंबर से  : खरमास में कौन से कार्य कर सकते हैं?

धनु राशि बृहस्पति की आग्नेय राशि है और इसमें सूर्य का प्रवेश विशेष परिणाम देता है. इसे धनु खरमास भी कहते हैं, जिसमें शुभ कार्य करना मनाही  है. इस साल धनु खरमास 16 दिसंबर से लगने वाला है .

सूर्य जब  धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे धनु संक्रांति कहा जाता है. धनु राशि बृहस्पति की आग्नेय राशि है और इसमें सूर्य का प्रवेश विशेष परिणाम देता है .   इसे  धनु खरमास भी कहते हैं, जिसमें शुभ कार्य करने की मनाही है .  इस वर्ष धनु खरमास 16 दिसंबर को  लगने वाला है. इसके बाद सूर्य जब 15 जनवरी 2023 को  मकर राशि में प्रवेश करेंगे तो धनु खरमास समाप्त हो जाएगा. आइए जानते हैं कि खरमास में क्या करें क्या न करें.

खरमास में ना करें शादी

किसी भी विवाह का सबसे बड़ा उद्देश्य सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. धनु राशि को संपन्नता का शुभ  माना जाता है. सूर्य जब धनु राशि में चला जाता है तो इसे सुख समृद्धि के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. ऐसा कहते हैं कि खरमास में विवाह करने से सुख समृद्धी चली जाती है .

खरमास में क्यों नहीं करते शुभ व मांगलिक कार्य?

खरमास में नया व्यवसाय आरम्भ करना आर्थिक मुश्किलों को जन्म देता है, क्योंकि इस समय आपके खर्चे काफी  बढ़ सकते हैं. व्यवसाय शुरू करने के लिए ये समय बिल्कुल अच्छा  नहीं है. आपके कंधो पर कर्जों का बोझ  बढ़ सकता है. फंसा हुआ धन मिलने की उम्मीद  बहुत कम होती हैं.

धनु खरमास में क्यों नहीं खरीदते संपत्ति

संपत्ति बनाने का उद्देश्य  सुखपूर्वक उपभोग करना है. खरमास की अवधि में बने मकानों का  सुख मिल पाना काफी कठिन होता है. आपके काम भी बीच में अटक सकते हैं. कभी-कभी दुर्घटनाओं की सम्भावनाएं बन जाती हैं. इस अवधि में बनाए गए मकान कमजोर होते हैं और उनसे निवास का सुख नहीं मिल पाता है.

खरमास में कौन से कार्य कर सकते हैं?

अगर प्रेम-विवाह या स्वयंवर  हो तो  खरमास में विवाह किया जा सकता है. अगर कुंडली में बृहस्पति धनु राशि में हो तो भी इस अवधि में शुभ कार्यकिए जा सकते हैं.  उन पर भी खरमास का कोई बंधन या दबाव नहीं है.  जातकर्म इस अवधि में किए जा सकते हैं. गया में श्राद्ध भी इस अवधि में किया जा रहा है .

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