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जानियें कब हैं, कजरी तीज व्रत, तुरंत नोट करें इसकी सामग्री और जरूरी नियम.

कजरी तीज के दिन भगवान शिव-माता पार्वती के अलावा नीमड़ी माता की पूजा होती है. यह व्रत लगभग करवा चौथ के व्रत की तरह ही रखा जाता है.
 
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सनानत धर्म में आने वाले प्रत्येक तीज-त्योहार का विशेष महत्व बताया गया है.

 

 

Kajari Teej 2024: पूरे साल मनाए जाने वाले तीन तीज में कजरी तीज का महत्व सबसे अधिक है. यह त्योहार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. कजरी तीज रक्षाबंधन के तीन दिन बाद मनाई जाती है. इस बार कजरी तीज  का व्रत 22 अगस्त को रखा जाएगा.

सनानत धर्म में आने वाले प्रत्येक तीज-त्योहार का विशेष महत्व बताया गया है. लेकिन पूरे साल मनाए जाने वाले तीन तीज में कजरी तीज का महत्व सबसे अधिक है. यह त्योहार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. कजरी तीज रक्षाबंधन के तीन दिन बाद मनाई जाती है. इस बार कजरी तीज का व्रत 22 अगस्त को रखा जाएगा.

इस दिन शादीशुदा स्त्रियां अखंड सौभाग्य की कामना के लिए निर्जला उपवास रखती हैं. ज्योतिषविदों का कहना है कि कुंवारी कन्याएं मनचाहे अगस्त को रखा जाएगा. इस दिन शादीशुदा स्त्रियां अखंड सौभाग्य की कामना के लिए निर्जला उपवास रखती हैं. ज्योतिषविदों का कहना है कि कुंवारी कन्याएं मनचाहे की प्राप्ति के लिए भी यह व्रत रख सकती हैं.

कजरी तीज के दिन भगवान शिव-माता पार्वती के अलावा नीमड़ी माता की पूजा होती है. यह व्रत लगभग करवा चौथ के व्रत की तरह ही रखा जाता है. इस व्रत में सुहागिन महिलाएं शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत पारण करती हैं. ये तीन बातें हर विवाहित महिला को पता होंगी. लेकिन इसके अलावा भी इस व्रत में कई प्रकार के नियमों का पालन करना पड़ता है. आइए आज आपको कजरी तीज के नियम और व्रत में उपयोग होने वाली सामग्रीके बारे में बताते हैं.

कजरी तीज की सामग्री

कजरी तीज का व्रत रखने वालों को एक दिन पहले कुछ खास सामग्री की व्यवस्था कर लेनी चाहिए. इसकी पूजा में  एक दीपक, घी, तेल, कपूर, अगरबत्ती, कच्चा सूता, नए वस्त्र, केला के पत्ते, बेलपत्र, शमी के पत्ते, जनेऊ, जटा नारियल, सुपारी, कलश, भांग, धतूरा, दूर्वा घास, पीला वस्त्र, हल्दी, चंदन, श्रीफल, गाय का दूध, गंगाजल, दही, मिश्री, शहद और पंचामृत जैसी सामग्री की आवश्यकता रहती है.

कजरी तीज के नियम

कजरी तीज पर क्या करें?

1. कजरी तीज के दिन झूला झूलने की परंपरा होती है. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है. इस दिन झूला जरूर झूलना चाहिए.

2. कजरी तीज के दिन सुहागन महिलाओं को 16 श्रृंगार करना चाहिए. ऐसा करने पर ही पूजा का फल मिलता है.

3. कजरी तीज के दिन हरे रंग के वस्त्र धारण धारण करने चाहिए. अगर आपके पास हरे रंग के वस्त्र नहीं है तो लाल रंग के वस्त्र पहन सकती हैं.

4. कजरी तीज पर भूलकर भी दिन में सोना नहीं चाहिए. पूरे दिन भगवान शिव व माता पार्वती के नाम का भजन करें.

कजरी तीज पर क्या न करें?

1. कजरी तीज के दिन सुहागन महिलाओं को सफेद रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए क्योंकि यह अशुभ माना जाता है.

2. इस दिन उपवास रखने वाली महिलाओं को अन्न या जल नहीं ग्रहण करना चाहिए.

3. व्रत नहीं रखा है, तब भी घर में लहसुन, प्याज जैसी तामसिक चीजें या मांस-मछली या मदिरा पान से सख्त परहेज करें.

4. व्रत के दिन पति से झगड़ा व किसी प्रकार का क्रोध न करें, न ही किसी प्रकार के गलत शब्दों का प्रयोग करें. 

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