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महाशिवरात्रि पर महादेव की बरसेगी कृपा, इस चमत्कारी पाठ करने से मिलेंगे ढेरों लाभ

हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि पर कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है.
 
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इस साल महाशिवरात्रि 18 फरवरी के दिन मनाई जाएगी.

हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन महाशिवरात्रि मनाई जाती है. इस दिन महादेव की कृपा पाने के लिए शिव जी की पूजा का विधान है. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. ये त्योहार भगवान शिव को समर्पित है. मान्यता है कि इस शुभ दिन भगवान शिव और माता पार्वती  विवाह के सूर्त्र में बंधे थे.  इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना और उपासना करने से सभी संकट दूर होते हैं और भक्तों को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.  बता दें कि इस साल महाशिवरात्रि 18 फरवरी के दिन मनाई जाएगी.

हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि पर कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है. ऐसे में इस दिन धार्मिक अनुष्ठानों का फल कई गुना ज्यादा मिलेगा. शास्त्रों में भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए कई मंत्रों का उल्लेख किया गया है. इन मंत्रों का सही उच्चारण व्यक्ति को विशेष लाभ देता है.  इतना ही नहीं, शिवरात्रि के दिन पंचाक्षर स्त्रोत का पाठ विशेष लाभदायी बताया गया है.

शिव पंचाक्षर स्तोत्रम् (Shiv Panchakshar Stotram Lyrics)

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।

नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम:शिवाय।।

मंदाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय नन्दीश्वरप्रमथनाथ महेश्वराय।

मण्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय तस्मै मकाराय नम:शिवाय।।

शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्दसूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।

श्रीनीलकण्ठाय बृषध्वजाय तस्मै शिकाराय नम:शिवाय।।

वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्यमुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय।

चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनाय तस्मै वकाराय नम:शिवाय।।

यक्षस्वरूपाय जटाधराय पिनाकहस्ताय सनातनाय।

दिव्याय देवाय दिगम्बराय तस्मै यकाराय नम:शिवाय।।

पञ्चाक्षरिमदं पुण्यं य: पठेच्छिवसन्निधौ।

शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते।।

शिव पंचाक्षर स्तोत्र के लाभ

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जो व्यक्ति प्रत्येक सोमवार, प्रदोष व्रत और शिवरात्रि के दिन शिव पंचाक्षर स्त्रोत का पाठ करता है उसे जीवन में धन, आरोग्यता, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इस स्त्रोत के पाठ से कुंडली में कालसर्प दोष के अशुभ प्रभावों को कम करने में मदद मिलती है.

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