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महाशिवरात्रि 2025: जानें भगवान शिव का प्रसाद खाना चाहिए या नहीं?

यह भगवान शिव का आशीर्वाद माना जाता है और इसे ग्रहण करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
 
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शिवपुराण में बताया गया है कि केवल वही प्रसाद ग्रहण करें, जो शिवलिंग के पास रखा गया हो।

महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव की आराधना का विशेष दिन होता है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं, रात्रि जागरण करते हैं और शिवलिंग का अभिषेक कर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। पूजा-पाठ में भगवान को नैवेद्य (प्रसाद) चढ़ाने की परंपरा होती है, लेकिन शिवलिंग पर चढ़े प्रसाद को लेकर अलग-अलग मान्यताएं प्रचलित हैं।

कुछ लोग मानते हैं कि शिवलिंग पर चढ़ाया गया प्रसाद नहीं खाना चाहिए, जबकि कुछ इसे ग्रहण करने की बात कहते हैं। शिवपुराण के 22वें अध्याय में इस विषय पर विस्तार से चर्चा की गई है, जिसमें बताया गया है कि शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद ग्रहण करना चाहिए या नहीं।

क्या शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं?

शिवपुराण के अनुसार, भगवान शिव के प्रसाद को देखना मात्र ही पापों को दूर करता है और यदि इसे भक्तिपूर्वक ग्रहण कर लिया जाए, तो हजारों यज्ञों से अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है। सूत जी ने शिवपुराण में कहा है कि जो भी भक्त श्रद्धा से शिवजी के प्रसाद को ग्रहण करता है, उसे शिव सायुज्य (भगवान शिव की कृपा) प्राप्त होती है।

लेकिन शिवपुराण में इस बात का भी उल्लेख है कि हर प्रकार के शिवलिंग पर चढ़े प्रसाद को ग्रहण नहीं करना चाहिए। यह स्पष्ट रूप से बताया गया है कि शिवलिंग के पास रखा हुआ प्रसाद भक्तों के लिए होता है और उसे ग्रहण किया जा सकता है, लेकिन जो प्रसाद सीधे शिवलिंग पर चढ़ाया गया है, उसे ग्रहण नहीं करना चाहिए।

ऐसा इसलिए क्योंकि यह प्रसाद चण्डेश्वर (शिव के गण) के लिए माना जाता है। यदि कोई व्यक्ति गलती से शिवलिंग के ऊपर चढ़े हुए प्रसाद को ग्रहण कर लेता है, तो इसे धार्मिक दृष्टि से अनुचित माना जाता है।

शिवजी पर चढ़ा कौन-सा प्रसाद ग्रहण करना चाहिए?

शिवपुराण में बताया गया है कि केवल वही प्रसाद ग्रहण करें, जो शिवलिंग के पास रखा गया हो। इसे भक्तिपूर्वक खाने से पुण्य की प्राप्ति होती है। लेकिन यदि किसी स्थान पर चाण्डालों (अधार्मिक कर्म करने वालों) का अधिकार हो, तो वहां का प्रसाद ग्रहण नहीं करना चाहिए।

शिवजी के प्रसाद का महत्व

शिवपुराण के अनुसार, भगवान शिव का प्रसाद ग्रहण न करने वाले व्यक्ति को पाप लगता है और उसे नरक भोगना पड़ता है। इसलिए शिवजी के प्रसाद को ग्रहण करना पुण्यकारी होता है और इससे भगवान की कृपा प्राप्त होती है।

निष्कर्ष

शिवपुराण के अनुसार, शिवलिंग पर सीधे चढ़ाया गया प्रसाद नहीं खाना चाहिए, लेकिन जो प्रसाद शिवलिंग के पास रखा हो, उसे भक्तों को ग्रहण करना चाहिए। यह भगवान शिव का आशीर्वाद माना जाता है और इसे ग्रहण करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। महाशिवरात्रि के अवसर पर, शिवजी की विधिपूर्वक पूजा करें और उचित तरीके से प्रसाद ग्रहण कर भगवान शिव की कृपा प्राप्त करें

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