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गुरु प्रदोष व्रत कब है? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है और उनकी कृपा से तमाम मनोकामनाओं की पूर्तिहोती है. गुरुवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को गुरु प्रदोष कहा जाता है.
 
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हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को गुरु प्रदोष व्रत पड़ रहा है.

 

हर महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष का व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है और उनकी कृपा से तमाम मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. गुरुवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को गुरु प्रदोष कहा जाता है. ज्योतिषविदों का कहना है कि माघ मास के गुरु प्रदोष व्रत की महिमा और महत्व बहुत खास होता है. आइए जानते हैं कि गुरु प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और उपाय.

गुरु प्रदोष व्रत की तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को गुरु प्रदोष व्रत पड़ रहा है. त्रयोदशी तिथि 19 जनवरी को दोपहर करीब 1 बजकर 18 मिनट से शुरू होकर 20 जनवरी को सुबह करीब 9 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में गुरु प्रदोष व्रत 19 जनवरी जाएगा. 19 जनवरी के गुरु प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 49 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 30 मिनट तक रहेगा.

गुरु प्रदोष व्रत की महिमा

प्रदोष व्रत में भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों की उपासना से जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. उनकी पूजा-अर्चना भी बेहद सरल है. गुरु प्रदोष व्रत रखने से मनचाही इच्छा पूरी होती है. संतान संबंधी किसी भी मनोकामना की पूर्ति इस दिन की जा सकती है. गुरु प्रदोष व्रत रखने से शत्रु और विरोधी शांत होते हैं. मुकदमों और विवादों में विजय मिलती है. लेकिन गुरु प्रदोष व्रत में शिव की आराधना के कुछ विशेष नियम हैं. ऐसा कहते हैं कि इस व्रत का पूरा के सारे नियमों का पालन करते है।

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