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सावन सोमवार के दिन भूलकर भी न करें 7 गलतियां, कहीं भगवान शिव न हो जाएं क्रोधित

सावन के शुभ महीने का आरंभ 22 जुलाई से होने जा रहा है। सावन का महीना भगवान शिव की उपासना के लिए विशेष फलदायी बताया गया है।
 
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सोमवार के दिन भगवान शिव का अभिषेक करना बहुत ही शुभ फलदायी है।

सावन के पूरे महीने में सात्विक भोजन करना चाहिए। यानी प्याज, मांस मदिरा आदि का सेवन भूलकर भी न करें।

सावन के शुभ महीने का आरंभ 22 जुलाई से होने जा रहा है। सावन का महीना भगवान शिव की उपासना के लिए विशेष फलदायी बताया गया है। सावन सोमवार का यदि आप व्रत कर रहे हैं तो आपको 7 गलतियों को करने से बचना चाहिए। आइए जानते हैं सावन सोमवार व्रत के नियम।


वैसे तो सावन का पूरा महीना ही भगवान शिव की उपासना के लिए विशेष फलदायी है। लेकिन, सावन सोमवार का सबसे अधिक महत्व है। मान्यता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से भगवान शिव की उपासना करता है भगवान शिव उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। ऐसे में सावन सोमवार की पूजा पूरे विधि विधान से करनी चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को विशेष फल प्राप्त होता है।

सावन सोमवार के नियम-


1) सोमवार के दिन भगवान शिव का अभिषेक करना बहुत ही शुभ फलदायी है। ऐसे में आप भगवान शिव के अभिषेक के लिए जिस दूध का इस्तेमाल करेंगे उसका सेवन बिल्कुल भी न करें। भगवान शिव के अभिषेक के बाद जो दूध बच जाए उसे किसी जरुरमंद को दान कर दें।

2) शास्त्रों के अनुसार, सावन के सोमवार के दिन दिन में भूलकर भी न सोएं। शाम के समय भगवान शिव का भी पूरे विधि विधान के साथ पूजन करें।


3) सावन के पूरे महीने में सात्विक भोजन करना चाहिए। यानी प्याज, मांस मदिरा आदि का सेवन भूलकर भी न करें।


4) सोमवार के दिन बेल के पत्तों को तोड़कर शिवजी पर नहीं चढ़ाना चाहिए। आप चाहें तो इसलिए 1 दिन पहले से ही बेलपत्र तोड़कर रख लें।


5) सावन सोमवार के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। अगर संभव हो तो पति पत्नी को अलग सोना चाहिए।


भगवान शिव की पूजा करते समय भूलकर भी केतकी के फूल अर्पित न करें।


6) जिस वस्त्र को धारण करके पहले आपने शयन या भोजन किया हो उसे धारण करके भोलेनाथ का पूजन अभिषेक नहीं करना चाहिए।

7) सावन सोमवार के दिन फलाहार में दूध और दूध से बनी हुई चीजों का प्रयोग नहीं करें। इसके अलावा मन वाणी और व्यवहार से किसी को भी कष्ट न पहुंचाएं।
 

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