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कब है गंगा सप्तमी? जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और गलतियां

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल  पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी का त्योहार मनाया जाता है. इस बार गंगा सप्तमी 14 मई, मंगलवार को मनाई  जाएगी. गंगा सप्तमी को गंगा जयंती के नाम से भी जाना जाता है.
 
गंगा सप्तमी की शुरुआत 14 मई को रात 2 बजकर 50 मिनट पर होगी और समापन  मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, इस बार गंगा सप्तमी 14 मई को ही मनाई जाएगी. गंगा सप्तमी का पूजन का मुहूर्त सुबह 10 बजकर 56 मिनट से लेकर से लेकर दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक रहेगा. 


सनातन धर्म में गंगा सप्तमी का विशेष महत्व है. इस दिन मां गंगा की पूजा की जाती है. माना जाता है कि इस विशेष दिन पर गंगा का पृथ्वी पर पुनर्जन्म हुआ था. . हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी मनाई जाती है. इस बार गंगा सप्तमी 14 मई को मनाई जाएगी. 


: हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल  पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी का त्योहार मनाया जाता है. इस बार गंगा सप्तमी 14 मई, मंगलवार को मनाई  जाएगी. गंगा सप्तमी को गंगा जयंती के नाम से भी जाना जाता है. यह दिन मां गंगा को समर्पित है. कहा जाता है कि गंगा सप्तमी के दिन गंगा नदी में स्नान  से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. इस दिन दान-पुण्य करना बहुत शुभ और फलदायी माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा स्नान, तप औ सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. इस दिन दान-पुण्य करना बहुत शुभ और फलदायी माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा स्नान, तप और दान-पुण्य करने से  मनुष्यों को मोक्ष प्राप्त होता है. साथ ही मंगल दोष व अन्य दोषों में भी लाभ मिलता है.

  
गंगा सप्तमी शुभ मुहूर्त (Ganga Saptami 2024 Shubh Muhurat)

गंगा सप्तमी की शुरुआत 14 मई को रात 2 बजकर 50 मिनट पर होगी और समापन  मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, इस बार गंगा सप्तमी 14 मई को ही मनाई जाएगी. गंगा सप्तमी का पूजन का मुहूर्त सुबह 10 बजकर 56 मिनट से लेकर से लेकर दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक रहेगा. 


गंगा सप्तमी शुभ योग (Ganga Saptami Shubh Yog]
गंगा सप्तमी के दिन पुष्य नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग का संयोग भी बनने जा रहा है. इस दिन पुष्य नक्षत्र का संयोग 13 मई को सुबह 11 बजकर 23 मिनट
से शुरू होगा और समापन 14 मई को दोपहर 1 बजकर 5 मिनट पर होगा. वहीं, सर्वार्थ सिद्धि योग इस दिन दोपहर 1 बजकर 5 मिनट पर शुरू होगा और समापन 15 मई को सुबह 5बजकर 30 मिनट पर होगा. इसके अलावा रवि योग सुबह 5 बजकर 31 मिनट से शुरू होगा और समापन दोपहर 1 बजकर 5 मिनट पर होगा. 

गंगा सप्तमी पूजन विधि -
गंगा जयंती के शुभ दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा स्नान करना चाहिए. यदि संभव न हो तो घर में ही स्नान वाले पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर नहा लें. इसके बाद मां गंगा की मूर्ति या फिर नदी में फूल, सिंदूर, अक्षत, गुलाल,लाल फूल, लाल चंदन अर्पित करके मां गंगा की विधि-विधान से पूजा करें. मां गंगा को भोग में गुड़ या फिर कोई सफेद मिठाई अर्पित करें. फिर आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गंगा आरती करें. अंत में धूप-दीप जलाकर श्री गंगा सहस्त्रनाम स्तोत्र का.पाठ करें और साथ ही गंगा मंत्र- ऊं नमो भगवति हिलि हिलि मिलि मिलि गंगे मां पावय पावय स्वाहा’ का जाप करें.

गंगा सप्तमी पर शिव पूजा
गंगा सप्तमी पर शाम को चांदी या स्टील के लोटे में गंगा जल भरें. इसमें बेलपत्र डाल कर घर से शिव मंदिर जाएं. शिवलिंग पर जल डालकर बेलपत्र अर्पित करें. मन ही मन आर्थिक संकट दूर होने की प्रार्थना करें.

गंगाजल प्रयोग की सावधानियां 

गंगाजल को हमेशा पवित्र और धातु के पात्र में ही रखें. गंगाजल को हमेशा ईशान कोण में ही रखना चाहिए. अपवित्र हाथों से गंगाजल नहीं छूना चाहिए. भगवान शंकर की पूजा में गंगाजल जरूर प्रयोग करना चाहिए.  

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