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सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की ऑनलाइन ट्रांसफर ड्राइव शुरू होगी, हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग ने पोर्टल खोलने का लिया निर्णय

 

चंडीगढ़, हरियाणा के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की ऑनलाइन ट्रांसफर ड्राइव सोमवार से शुरू होगी। स्कूल शिक्षा विभाग ने इसके लिए पोर्टल खोलने का निर्णय लिया है। विभाग की कोशिश है कि 15 अगस्त तक ट्रांसफर ड्राइव को पूरा किया जाए। पहले चरण में पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर), फिर टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) और आखिरी चरण में जेबीटी शिक्षकों के ट्रांसफर होंगे

विभाग की ओर से इसके लिए सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन ट्रांसफर की लम्बे समय से मांग की जा रही है।सरकार ने अपने पहले कार्यकाल की शुरुआत में ही शिक्षकों की ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी बनाई थी। हालांकि जेबीटी शिक्षकों की 2017 के बाद अभी तक ऑनलाइन ट्रांसफर नहीं हो पाई है। इस बार भी यह ट्रांसफर सिरे चढ़ेगी, इसमें संशय ही है। कारण साफ है, क्योंकि 2017 में नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों को अभी तक भी स्थाई जिला अलॉट नहीं किए गए हैं।

विभाग ने तय किया है कि ऑनलाइन ट्रांसफर के लिए शिक्षक 27 जून से आवेदन कर सकेंगे। शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ़ जे़ गणेशन का कहना है कि ट्रांसफर ड्राइव के तहत अगस्त के दूसरे सप्ताह से ठीक पहले इस प्रक्रिया को पूरा करने का लक्ष्य रखा है।* यहां बता दें कि जुलाई के प्रथम सप्ताह से सरकारी स्कूल छुट्टियां खत्म होने के बाद फिर से खुलेंगे। इससे प्रदेश के हजारों टीचर्स को इसका लाभ मिलेगा।

जेबीटी शिक्षकों के तबादलों में पंगा इसलिए पड़ सकता है, क्योंकि हुड्डा सरकार के समय चयनित हुए शिक्षकों को सरकार ने स्टेशन अलॉट नहीं किए हैं।* अगस्त-2014 में 9870 जेबीटी शिक्षकों का चयन किया गया था। अक्तूबर-2014 में भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई। हुड्डा सरकार द्वारा की गई इस भर्ती में चयनित हुए शिक्षकों को सरकार ने ज्वाइन नहीं करवाया। मामला कोर्ट-कचहरी तक भी पहुंचा। आखिर में 2017 में सरकार ने इन शिक्षकों को नियुक्ति-पत्र जारी किए।

2011 और 2013 की भर्ती को मिलाकर चयनित जेबीटी शिक्षकों की संख्या 12 हजार 731 पहुंच गई। सरकार ने जब ऑनलाइन ट्रांसफर की कोशिश की तो 2017 में नियुक्ति पाने वाले शिक्षक पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट चले गए। उन्होंने कहा कि ट्रांसफर करने से पहले उन्हें स्थाई जिले अलॉट किए जाएं।भाजपा सरकार ने शिक्षकों को ज्वाइन तो करवा दिया, पर उन्हें स्थाई जिले अलॉट नहीं किए।जेबीटी का पद जिला कैडर में आता है। ऐसे में हाईकोर्ट ने ट्रांसफर ड्राइव पर रोक लगा दी।

सरकार ने जब जिला आवंटन की प्रक्रिया शुरू की तो 2011 में भर्ती हुए जेबीटी शिक्षकों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दस्तक दी। उन्होंने मांग की कि पहले उनकी इंटर-डिस्टि्रक्ट ट्रांसफर की जाए। हाईकोर्ट के आदेश के बाद 2021 में अंतर-जिला तबादले हो भी गए लेकिन अभी भी काफी शिक्षक बचे हुए हैं। हाईकोर्ट ने भी 2011 में भर्ती हुए शिक्षकों को अंतर-जिला तबादले का एक और मौका देने के निर्देश दिए हुए हैं। साथ ही, हाईकोर्ट ने 2017 में नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों को भी स्थाई जिला अलॉट किए जाने के निर्देश दिए हुए हैं।

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि इन पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करने के समय जिलावार जेबीटी के जितने पद खाली थे, उसी हिसाब से जिले आवंटित किए जाएं। मसलन, विज्ञापन के समय अगर किसी जिले में 100 पद खाली थे और अब खाली पदों की संख्या 200 या इससे अधिक भी है तो 2017 में नियुक्ति पाने वालों को पहले वाले 100 खाली पदों पर ही नियुक्ति मिलेगी।

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