आतंकवाद विरोधी दिवस 2024 पर निबंध कविता व अनमोल वचन शायरी भाषण शपथ
इस संसार में हमें प्रतिदिन किसी ना किसी आतंकवादी के द्वारा फैलाये आतंक की घटना सुनने को मिल ही जाती है. इसके पीछे का कारण है कि सभी आतंकवादी संगठन दुनिया के हर इंसान के अंदर अपने नाम का डर पैदा करना चाहते हैं. इन आतंवादियों के अंदर इंसानियत और रहम नाम की भावनाएं बिलकुल भी नहीं होती है, इन भावनाओं को खत्म करने के लिए इनका ब्रैनवास किया जाता है. जिसकी वजह से इन लोगों को किसी भी मासूम को मारने में थोड़ी सी भी हिचकिचाहट नहीं होती है. संसार के लगभग सभी देश आतंकवादियों के खिलाफ हैं, क्योंकि इन आतंकवादियों के बमों के धमाके हर देश में हजारों- लाखों की संख्या में निर्दोष लोगों की जान ले लेते हैं.
इसी वजह से सभी देश एक साथ मिलकर आतंकवाद को जड़ से उखाड़कर फेकना चाहते हैं. लेकिन इस मिशन को पूरा करने के लिए हमें लोगों के अंदर शांति एवं इंसानियत की भावनायें जगानी होंगी. भारत की सरकार ने सबसे पहले दुनिया के सामने आकर आतंकवाद के खिलाफ कदम उठाये हैं, इसके साथ ही भारत सरकार ने हर साल आतंकवाद विरोधी दिवस मनाने का फैसला लिया है.
आतंकवाद विरोधी दिवस कब मनाया जाता है (World anti-terrorism date)
भारत के पूर्व प्रधान मंत्री वी पी सिंह ने 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस मनाने की घोषणा की थी. तब से हर साल भारत में 21 मई को केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार मिलकर इस दिन को मनाने के लिए तमाम तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं. इस दिन सिर्फ भारत में नहीं बल्कि संसार के सभी देशों में होने वाली आतंकवादी गतिविधियों को ध्यान में रखकर ही आतंकवाद के खिलाफ फैसले लिए जाते हैं.
हर साल की तरह इस वर्ष भी आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया जाना है, 21 मई को भारत में आतंकवाद की इस बड़ी समस्या के खिलाफ विभिन्न कार्यक्रम संपन्न किए जाएंगे. अगर आप चाहें तो आप भी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ इस मुहीम में शामिल हो सकते हैं.
आतंकवाद विरोधी दिवस का इतिहास (Anti Terrorism day history)
भारत के प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बाद इस पद को संभालने की जिम्मेदारी राजीव गाँधी को दी गई थी. भारत में सबसे कम उम्र में प्रधानमंत्री बनने का रिकॉर्ड राजीव गाँधी ने ही बनाया था, इनको जनता से जुड़कर रहने वाला प्रंधानमंत्री कहा जाता था. लेकिन कुछ आतंकवादियों को इनकी इंसानियत से नफरत होने लगी थी.
उस समय भारत के प्रधानमंत्री का रैली में जाना और लोगों से सीधे मिलना आम बात थी. क्योंकि पहले प्रधानमंत्री की इतनी शख्त सिक्योरिटी नहीं हुआ करती थी. राजीव गाँधी से मिलने के लिए किसी भी नागरिक को बहुत इंतजार नहीं करना पड़ता था, ऐसी राजनीती करने की वजह से बहुत से आतंकवादी संगठन राजीव गाँधी से नाराज थे. क्योंकि राजीव गाँधी लोगों के अंदर इंसानियत एवं शांति की भावना जगा रहे थे. जिससे आतंकवाद संगठन प्रभावित होते थे. राजीव को रोकने के लिए इन्हें बहुत सी धमकियाँ दी गई, लेकिन इन्होंने अपनी राह पर चलते रहना उचित समझा.
इतना सब हो जाने के बाद राजीव गाँधी जी ने तमिलनाडु में एक रैली करने का निश्चय लिया . इसी रैली के दौरान एक महिला, राजीव गाँधी से मिलने की बार-बार गुजारिश कर रही थी. उस समय लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम नाम के संगठन ने प्रधानमंत्री को मारने की साजिश रची थी एवं इस महिला का सम्बन्ध इसी संगठन से था. किसी को भी उस समय इस साजिश का अंदाजा ही नहीं हुआ और महिला आतंकवादी को राजीव गाँधी से मिलने की इजाजत दे दी गई. जिसके चलते एलटीटीई की महिला आत्मघाती हमलावर (सुसाइड बॉम्बर) ने इन पर हमला किया और राजीव गाँधी का जीवन समाप्त हो गया.
उसी समय राजीव गाँधी के पास में खड़े 25 और लोग इस बम का शिकार हुए थे, इन हत्याओं के बाद सरकार ने आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कड़े कदम उठाना शुरू कर दिया.
आतंकवाद विरोधी दिवस क्यों मनाया जाता है
इस दिन को मनाने की शुरुआत करने के पीछे भारत में होने वाले आतंकी हमलों पर रोक लगाना था. आतंकवाद भविष्य में कितना खतरनाक साबित हो सकता है, इस बात का अंदाजा आतंकी हमले में देश के प्रधानमंत्री की जान जाने से ही लगाया जा चुका था. भारत के प्रधानमंत्री की हत्या हो जाना कोई मामूली बात नहीं थी, इस समय पूरा देश में राजीव गाँधी की मृत्यु के शोक में डूबा हुआ था. इसके साथ ही सरकार को देश के लोगों की सुरक्षा एवं आतंवादियों के खिलाफ नए फैसले लेना भी जरुरी हो चुका था. इसके लिए आतंकवादियों को समाप्त करने के लिए सरकार ने कई अहम फैसले लिए एवं राजीव की मृत्यु के बाद भारत के नए प्रधानमंत्री ने वी. पी. सिंह ने आतंकवाद विरोधी दिवस को मनाने की घोषणा कर दी. जिससे पूरे देश को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट किया जाए एवं आतंकी संगठन को खत्म करने की मुहीम चलाई जा सके.
आतंकवाद विरोधी दिवस कैसे मनाया जाता है
स्पेशल मीटिंग को बुलाना
इस दिन आतंकवाद से निपटने के लिए सेमिनार कॉन्फ्रेंस एवं मीटिंग आदि का आयोजन सुचारु रूप से किया जाता है. 21 मई के दिन भारत के कई विशेषज्ञ आतंकवादियों को मिटाने के तरीके एवं योजनायें सबके सामने लाते रहते हैं.
आतंकवाद विरोधी कविता शायरी (Anti Terrorism Day Poem)
क्या नज़ारा हैं हैवानियत का
मासूमों के कत्ले आम का
कहते हैं लिया हैं बदला
अपने बीवी बच्चो का
ओ कायरो
कभी शेर सा दहाड़ कर देखों
क्यूँ गीदड़ की तरह वार करते हो
लड़ना हैं तो सामने आओ
क्यूँ बीवी के पल्लू में छीपते हो
माना
ये आतंक हुआ दुश्मन के धरातल पर
पर, इंसानियत हैं हमारे अन्दर भर-भर कर
देंगे अपने भाईयों का साथ
लेकर हाथों में हाथ
हैं भारत माँ के लाल हम
लड़ेंगे और जीतेंगे हर एक जंग ||