आधुनिकीकरण आधारित उपागम का वर्णन करें।

Chopta plus. आधुनिकीकरण आधुनिक शब्द से बना हैं। आधुनिक का अर्थ गत्यात्मक होता हैं और गत्यात्मक का अर्थ होता हैं , परंपरा वादी विचारों , मान्यताओं , अदरसों आदि को छोड़कर नवीन विचारों और मूल्यों को आत्मसात करना। आधुनिकीकरण का सिद्धात हमें यह बताता है कि किस प्रकार विश्व के विभिन्न औद्योगिक सताओं से विकसित हुए तथा ये स्पष्ट करते है कि ऐसे कैसे एवं क्यों हुआ?
आधुनिकीकरण सिद्धात ने पारंपरिक समाज और आधुनिक समाजों के बीच अंतर को स्पष्ट किया। पारंपरिक समाज वे थे जो कि बड़े पैमाने पर वैयक्तिक एवं स्वाभाविक किस्म के और जो कि बाजारी संबद्धों की तुलना में निम्न थे । दूसरी तरफ आधुनिक समाज तटस्थ थे और बाजार एवं पर्यावरण का शोषण करने की क्षमता रखते थे।
समाज की एक प्रमुख सस्था है, परिवार और इसकी प्रकृति जो कि पुनः पार परिक एवं आधुनिक समाज में भिन्न है। पारपरक समाज में परिवार बहुत से कार्यों के लिए उत्तरदायी था।
इसके विविध कार्य थे और इसमें धर्म कल्याण शिक्षा प्रजनन एवं संवेगात्मक व्यूहरचना जैसे मुद्दों का समावेश था। दूसरी तरफ आधुनिक समाज में परिवार का कार्य राज्य के क्षेत्र या दायरे से जुड़ा हुआ होना था।
इस सिद्धांत में सामाजिक अवरोध उत्पन्न होता है जब समाज के कुछ या एक भाग अपेक्षित अनुमान से निम्न दर्जे का काम शुरू करने लगते हैं। ऐसे अवरोधों में शामिल हैं , शांतिपूर्ण/हिसा प्रदर्शन क्रांति गुरेला युद्ध एवं अब आतंकवाद।
हालांकि ऐसी गतिविधियों का एक कष्टदायक पहलू भी है क्योंकि कोई व्यक्ति विशेष संस्था जो राज्य को उत्तेजित करती है. तो उसे ऐसा करने से कड़ा रुख अपना कर रोका जाता है। इन कार्यों को मानवतावादी आधारित कहा जाता है। मानव अधिकारों का प्रश्न हाल ही की परिघटना है और संगठनों को ध्यान देना होगा कि किसी भी कीमत पर लोकतंत्र का उल्लघन न हो।
समेल्सर का नजरिया हम जिस ओर इशारा कर रहे है, उससे भिन्न है। उसने समग सामाजिक सरचना पर अर्थव्यवस्था एवं संबद्ध संस्थानों के प्रभाव की तरफ इशारा किया। उसने इस ओर इशारा किया कि आधुनिकीकरण प्रक्रिया में समाज सरल प्रौद्योगिकी से जटिल विचारधारा की ओर विकसित हुआ।
इसके अलावा जहाँ तक कृषि का सवाल है, यह जीवन-निर्वाह के बदले नकदी फसलों की ओर झुकने वाला मुहिम था। इसके अलावा समेल्सर ने दर्शाया कि मशीनी शक्ति ने मानव (शारीरिक) श्रम को पीछे धकेल दिया। अंततः ग्रामीण क्षेत्रों के विकास की बजाए शहरीकरण एवं शहरी संरचनाओं पर विशेष जोर दिया जा रहा था।
समेल्सर इस बात को समझ रहा था कि ऐसा विकास सरल और रैखिक नहीं था लेकिन ये प्रक्रम साथ-साथ विकसित तो हुए लेकिन समान दर पर नहीं।