हमारा राष्ट्रीय पक्षी मोर पर निबंध
मोर (Peacock) एक बहुत ही चतुर पक्षी है कहा जाता है कि यह इंसानो की आवाज़ भी पहचान लेता है।
Updated: Jul 16, 2024, 10:22 IST
मोर भारत का राष्ट्रीय पशु है।
मोर की आवाज़ दूर दूर तक सुनाई देती है।
अगर वे पहाड़ पे बेथ का चिल्लाते है तो आसपास के बहुत से गावो तक आवाज़ जाती है।
मोर के बारे में हैम सभी जानते है। मोर जंगलो में रहते है। लेकिन ये बहुत बार सामान्यतया गावो ओर कभी कभी शहरों में भी पाले जाते है। मोर को लोग पालतू पक्षी के रूप में पालते भी है। मोर एक बहुत ही खूबसूरत पक्षी होता है इसकी गर्दन नीली रंग की होती है। मोर दिखने में बहुत खूबसूरत लगता है इसका कारण इसके हरे रंग के सुंदर दिखने वाले पंख भी है, जिन्हें भारतीय नागरिक सामान्यतया मोर पंख कहते है। मोर के पंख दिखने में बहुत सुंदर होते है जिसके दाये ओर बाये ओर नीले रंग की आकृतिया रहती है। उन आकृतियों में एक काले कलर का धब्बे जैसी गोल आकृति भी होती है।
Peacock के बारे में कुछ सामान्य जानकारी :
मोर बहुत ही खूबसूरत और हरे व नील रंग का पक्षी होता है। मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। मोर (Peacock) एक बहुत ही चतुर पक्षी है कहा जाता है कि यह इंसानो की आवाज़ भी पहचान लेता है। इनके बारे में एक ओर रोचक बात है कि मोर बहुत ही शर्मिंदा होते है। मोर के सिर पर एक कलगी होती है जो मोर के खूबसूरत चेहरे पे चार चांद लगाने का काम करती है। मोर के सिर के ऊपर इस लगी कलगी में 4 से 6 दण्डिया होती है जो दिखने में बहुत खूबसूरत होती है। मोर लोगो से बहुत डरता है अगर आप इसके थोड़ा पास जाने की कोशिश भी करोगे तो वो डर के भाग जाएगा लेकिन ये भागते हुए बहुत ही मज़ेदार लगता है .
मोर भारत का राष्ट्रीय पशु है। मोर की आवाज़ दूर दूर तक सुनाई देती है। अगर वे पहाड़ पे बेथ का चिल्लाते है तो आसपास के बहुत से गावो तक आवाज़ जाती है। कई जगह तो सुंदर पक्षी मोर एक घड़ी का काम भी करते है। ये कोई भी विशेष समय पर चिल्लाते है ओर लोगो को इसके समय के बारे में आता लग जाता है। मोर भारत के सबसे विशेष पक्षियों में आता है। मोर ज्यादातर भारत मे ही पाए जाते है। इनकी कई प्रजातियां होती है। मोर बारिश के आते ही नाचने लगते है। मोर को सबसे ज्यादा सावन का महीना ही पसन्द होता है। मोर के नाचने पर बारिश का आना आज भी भारत मे परम्परा माना जाता है। इसलिए किसान लोग मोर को बहुत मानते है और उनके प्रति बहुत अच्छा व्यवहार भी रखते है।
मोर को राष्ट्रीय पक्षी बनाने का कारण :
1963 में मोर को राष्ट्र पक्षी घोषित किया गया यह तो ज्यादातर सब को याद है लेकिन क्यों किया गया ये बहुत कम लोगो को याद है तो आइये जानते है इसका कारण..। राष्ट्रीय पक्षी के लिए पहले सारस, हंस, ब्राम्हिणी काइट के नामों पर भी विचार किया गया था, लेकिन मोर को ही चुना गया। इसके पीछे कई वजहें मानी जाती हैं। नेशनल बर्ड सिलेक्शन के लिए 1960 में तमिलनाडु राज्य के उधागमंडलम नामक एक गाँव में एक मीटिंग की हुई थी। मीटिंग की गाइडलाइन्स के अनुसार, देश के हर हिस्से में पाए जाने वाले पक्षी को नेशनल बर्ड के लिए चुनना जरूरी था। इसके अलावा, आम आदमी उस पक्षी को जानता भी हो और वो भारतीय संस्कृति का हिस्सा हो, इन सब बातों पर मोर ही खरा उतरा।
मोर का भारतीय सभ्यता में महत्व :-
वैसे तो मोर को विश्व की कई सभ्यता में बहुत ही सुंदर ओर योग्य पक्षी मन गया है लेकिन भारत मे मोर को जितना माना जाता है उतना ओर किसी पक्षी को नही माना जाता। मोर को भारत मे सुंदरता और शिष्टता का प्रतीक माना जाता है। मोर का महत्व भारत की सभ्यता में प्राचीन काल से ही है। मोर पंख को बड़े बड़े महाराज मुकुट ओर सिंघासन में लगाते थे। मोेर पंख में स्याही भरकर लिखने वाले कवियों ने इसकी महत्ता को बताया है। मोर हिंदू धर्म में खास तौर पर मान्य है। भगवान कृष्ण मोर पंख को माथे पर धारण करते थे। इसके अलावा शिव पुत्र कार्तिकेय का वाहन भी मोर है।
मोर खुले मैदानों में और घाटियों में रहना पसंद करते हैं। मोर बहुत ही कम उड़ते हैं। रात होने पर वे पेड़ों पर चढ़ जाते हैं और अलसुबह ही उतर कर खुले मैदानों में आ जाते हैं। मोर अपना घोंसला घनी झाड़ियों के बीच बनाते हैं, जो जमीन पर होती हैं और पत्तियों से ढंकी होती है। मोर विशेष तौर पर अन्न के दाने पसंद करते हैलेकिन वह मानव की यरह ही सर्वाहारी जीव है यानी बो छिपकली, कीड़े, किट आदि भी खाते है। मोर की एक वे खास बात है मोर मोरनियों को प्रसन्न करने में लिए धीमी गति में नृत्य करते है।