कंप्यूटर की उपयोगिता पर निबंध – Computer Ki Upyogita Essay In Hindi
गत हजार वर्षों में विज्ञान ने मानव जीवन को पूर्णत: परिवर्तित कर दिया है। परन्तु इन हजार वर्षों में से जितना परिवर्तन पहले 900 वर्ष में नहीं हो पाया था जितना परिवर्तन केवल अन्तिम 100 वर्षों में हो गया। इसी प्रकार पूर्ण बीसवीं शताब्दी में जो विकास और परिवर्तन उपस्थित हुए हैं उनमें से अन्तिम दशक में हुए परिवर्तन ही अधिक महत्त्वपूर्ण हैं। अभिप्राय यह है कि विज्ञान के विकास की गति तीव्र से तीव्रतर होती जा रही है। पिछले सौ वर्ष में वैज्ञानिक अनुसंधानों और आविष्कारों में सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण योगदान कम्प्यूटर का ही है।
पिछले कुछ वर्षों में तो इस यन्त्र का उपयोग जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में इतना अधिक हो गया है कि किसी भी प्रयोगशाला, उद्योग, अनुसंधान केन्द्र यहाँ तक कि आधुनिक कार्यालय और विभाग के कम्प्यूटर विहीन होने की कल्पना ही नहीं की जा सकती। – कम्प्यूटर का परिचय–वैसे तो आधुनिक कम्प्यूटर की योजना चार्ल्स बैबेज (1792–1871) ने की थी परन्तु इसका उल्लेखनीय उपयोग सबसे पहले अमेरिका के विद्वान हरमान होल्लेरिथ ने किया था। इनके बाद कम्प्यूटर को पहली बार द्वितीय विश्वयुद्ध के समय बिजली से चलाने की कला का विकास हुआ।
विकास करते–
करते आधुनिक रूप में कम्प्यूटर एक बहु–आयामी और बहु–उपयोगी यन्त्र बन चुका है। कम्प्यूटर एक ऐसा यन्त्र है जिसमें गणित सम्बन्धी सूत्रों तथा विभिन्न तथ्यों को सूत्र रूप में भर दिया जाता है और जो आशातीत गति से विभिन्न समस्याओं और गणनाओं को सुलझा सकने में समर्थ है। कभी–कभी मानव द्वारा बनाये गये इस यन्त्र की कार्यक्षमता एवं तीव्र गति को देखकर आश्चर्य होता है।
सार्वजनिक क्षेत्रों में कम्प्यूटर के उपयोग–वैसे तो कम्प्यूटर अब धीरे–धीरे हमारे जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रवेश करता जा रहा है। हम अपनी विभिन्न गतिविधियों के लिए कम्प्यूटर पर अधिक–से–अधिक आश्रित होते जा रहे हैं, फिर भी सुविधा के लिए इसके विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्रों में उपयोग का विस्तार से अध्ययन कर लेना अच्छा रहेगा।
1. गणना एवं सूचना–संग्रह (बैंकिंग आदि)–अब तक बैंकों में खातों का हिसाब रखने का काम लिपिकों द्वारा खाता पृष्ठों पर किया जाता था परन्तु अब खाता पृष्ठों और किताबों के बनाने और सुरक्षित रखने की आवश्यकता नहीं है। अब इन्हें कम्प्यूटरों में भर कर सुरक्षित भी रखा जा सकता है और उनमें गणनाएँ भी तीव्रता से की जा सकती हैं। कम्प्यूटर की इस क्षमता का उपयोग कर बड़ी–बड़ी परीक्षा संस्थाओं (जैसे यू०पी० बोर्ड एवं विश्वविद्यालय आदि) परीक्षा–फल थोड़े ही समय में तैयार किये जा सकते हैं। गणनाओं के संचय और उपयोग की क्षमता से ही अब चूनाव परिणामों को कम्प्यूटरीकृत मशीनों द्वारा अल्पकाल में ही प्राप्त किया जा सकता है।
2. सूचना तकनीक के क्षेत्र में अब कम्प्यूटर द्वारा देश–विदेश की सूचनाओं को तीव्रगति से प्रेषित एवं संकलित किया जा सकता है। अन्तरिक्ष यानों एवं उपग्रहों में स्थापित विभिन्न अनुसंधान संयन्त्रों द्वारा प्रेषित बड़ी–बड़ी सूचनाएं एवं गणनाएं अब क्षणों में एक स्थान से दूसरे स्थान को प्रेषित की जा रही हैं। पूर्व रेलवे आरक्षण एवं वायुयान आरक्षण भी इसी कारण सम्भव हो सके हैं। इन्टरनेट, ईकॉम, ईमेल और फैक्स मशीनों में भी कम्प्यूटर का उपयोग होता है।
3. मुद्रण एवं प्रकाशन कम्प्यूटर द्वारा संचालित फोटो कम्पोजिंग मशीन ने पत्र–पत्रिकाओं और पुस्तक प्रकाशन के कार्य को तीव्रगति एवं सुविधा प्रदान की है। पहले छापेखानों में एक–एक अक्षर का टाइप एकत्र कर जो कम्पोजिंग किया जाता था अब उसकी आवश्यकता नहीं रही है। अब तो चुम्बकीय डिस्क में सामग्री भर कर उसका क्षणों में कम्पोजिंग और मुद्रण हो जाता है। गणनाएँ और अक्षर ही नहीं, अब कम्प्यूटर द्वारा चित्रों आदि की छपायी भी सरल हो गयी है। यही कारण है कि पहले जिन पुस्तकों और पत्रिकाओं को प्रकाशित होने में बहुत–सा समय व्यय हो जाता था अब वह प्रकाशन अपेक्षाकृत अल्पकाल में ही सम्भव हो गया है।
4. कला, संगीत एवं डिजाइनिंग के क्षेत्र में कम्प्यूटर अब गणना और स्मृति के लिए ही नहीं, कला, संगीत और डिजाइनिंग के क्षेत्र में भी मनुष्य को सहयोग दे रहा है। कलाकार कम्प्यूटर की सहायता से अपने चित्र, डिजाइन और स्वरों तक का उचित समायोजन कर सकते हैं।
5. वैज्ञानिक अनुसंधान एवं खोज–कम्प्यूटरों की सहायता से विभिन्न प्रयोगशालाओं और वेधशालाओं में वैज्ञानिक अनुसंधान किये जा रहे हैं। अब गणनाओं और परिणामों को अपेक्षाकृत अधिक शुद्ध रूप से और तीव्रगति से प्राप्त किया जा सकता है। वैज्ञानिक उत्पादन एवं विभिन्न उद्योग–धन्धों में भी इसके उपयोग से हम लाभान्वित हो रहे हैं।
6. युद्ध के क्षेत्र में पहले विद्युतीकृत कम्प्यूटर का प्रयोग अमेरिका ने अणुबम के विस्फोट सम्बन्धी गणनाओं के लिए किया था। अब अन्तरिक्ष अनुसंधानों, मिसाइलों, रडार और सूक्ष्मातिसूक्ष्म यन्त्रों और उपकरणों का इस प्रकार कम्प्यूटरीकरण हो गया है कि अब लगने लगा है कि भविष्य के युद्धों में कम्प्यूटरों की अहम् भूमिका रहेगी। . कम्प्यूटर एवं मानव–अब सरकारें, बड़ी–बड़ी व्यावसायिक एवं औद्योगिक संस्थाएँ और अनुसंधान केन्द्र ही नहीं प्रत्येक सम्पन्न व्यक्ति कम्प्यूटर को अपने व्यक्तिगत सहायक के रूप में रखने का इच्छुक है।
मानव की कम्प्यूटर पर बढ़ती आश्रितता को देखकर कभी–कभी मनुष्य अपने द्वारा बनाये गये इस यन्त्र को मनुष्य से अधिक उपयोगी और महत्त्वपूर्ण समझने लगता है, परन्तु वह भूल जाता है कि मानव द्वारा निर्मित इस उपकरण में मनुष्य की अपेक्षा अनेक दोष हैं। इसमें अनुभूति और उस पर आधारित सद्भावों का अभाव है। वह बिना संचालक के अपंग है उसमें अन्त: प्रेरणा एवं स्वयं निर्णय का मानवोचित गुण नहीं है।
उपसंहार–
हमारे देश में कम्प्यूटर क्रान्ति लाने का श्रेय हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी को है। समान्य जानकारियों के अतिरिक्त भविष्य में कम्प्यूटर विवाह हेतु जोड़े तैयार करेगा फिर भी हर वैज्ञानिक अनुसंधान की भाँति कम्प्यूटर के अनुचित प्रयोग का खतरा वर्तमान है और क्योंकि कम्प्यूटर का क्षेत्र और कार्यक्षमता अधिक है, अत: इसके खतरे भी असीम हैं।