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गृह विज्ञान- अचार बनाने की विधि का वर्णन कीजिए।

अचार तैयार कर लेने के पश्चात् सूखी विसंक्रमित बोतलों या मर्तवानों में भरना चाहिए।
 
आचार
आचार बनाने  के लिए ताजे सख्त तथा दाग रहित सब्जी या फल का चुनाव करें।

आचार बनाने  के लिए ताजे सख्त तथा दागरहित सब्जी या फल का चुनाव करें। उन्हें धोने के उपरांत पोंछकर  उचित आकार के टुकड़ों में काट में तया कुछ समय हवा लगवा कर थोड़ा सूखने दें। कुछ  विशेष आचार बनाने के लिए सब्जी को पहले सेव (Blanch) करना पड़ता है अर्थात् सब्जी के टुकड़ों को उबलते  पानी से निकाल कर सुखा  लिया जाता है।

जिससे कि उनमें एन्ज़ाईम्त तथा जीवाणुओं की क्रिया रुक जाती है। ऐसा करते समय यह ध्यान  रखना चाहिए कि बसैचिंग केवल  थोड़े समय के लिए हो ताकि सब्जियों आवश्यकता से अधिक गल न जाएं ।   सब्जियों तैयार कर लेने के उपरान्त उनमें तेल मिलाया जाता है।

बहुत से अचार तो तेल के साथ-साथ नमक ,मसालें ,हल्दी आदि मिला देने के बाद धूप में रख कर तैयार किए जाते हैं लेकिन बहुतों में सब्जी को तेल में थोड़ा तल कर पका लिया जाता है। पकाते समय नमक नहीं डालना चाहिए नहीं तो अचार तुरन्त ही आवश्यकता से अधिक गल  जाता है।

राई को गर्म तेल में अन्य पदार्य डालने से पहले थोड़ा फुटका लिया जाए तो वह  अच्छा स्वाद देती हैं ।   बाकी  के सभी मसाले तथा नमक अचार बनाने की प्रक्रिया में सबसे अन्त में डाले जाने चाहिय ताकि अच्छी  सुगन्ध उत्पन्न करते हैं।

अचार तैयार कर लेने के पश्चात् सूखी विसंक्रमित बोतलों या मर्तवानों में भरना चाहिए। पतले कपड़े से ढक कर  ठंडा होने दें तथा पूर्णतः ठंडा हो जाने के उपरान्त ही ढक्कन लगाएँ। जिन अचारों को धूप में कर पकाना हो उन्हें कपड़ा बांध कर ही रखना चाहिए तथा केवल धूप के समय ही बाहर रखा जाए।

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