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जानिए भीमराव अम्बेडकर के बारे में ..................................

मैं अपने लोगों की विनती को गंभीरता से लेते हुए यह कहना चाहता हूं कि वे मेरी शादी के लिए जोर ना डालें। मुझे अपने जीवन साथी के लिए एक काबिल व्यक्ति ढूंढना बहुत मुश्किल हो रहा है। मेरे लाखों लोगों के लिए मुझे जिंदा रहना होगा और मैं इस मामले को गंभीरता से लेता हूं।

 
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मैं अपने लोगों की विनती को गंभीरता से लेते हुए यह कहना चाहता हूं कि वे मेरी शादी के लिए जोर ना डालें। मुझे अपने जीवन साथी के लिए एक काबिल व्यक्ति ढूंढना बहुत मुश्किल हो रहा है। मेरे लाखों लोगों के लिए मुझे जिंदा रहना होगा और मैं इस मामले को गंभीरता से लेता हूं।

डॉ. भीमराव अंबेडकर ने डॉक्टर शारदा कबीर के सामने शादी का प्रस्ताव रखा था। तब वे नहीं समझ पाईं थीं कि उनसे शादी के लिए पूछ रहे हैं। उनके बाद मुंबई से दिल्ली के लिए निकलते वक्त अंबेडकर ने कहा था कि वह अपने लिए सही व्यक्ति की तलाश शुरू करते हैं। कुछ दिनों बाद शारदा कबीर को अंबेडकर की एक चिट्ठी मिली थी जिसमें उन्होंने शादी के प्रस्ताव किया था। उनके बाद दोनों ने शादी कर ली थी। शादी के बाद शारदा कबीर को लोग सविता अंबेडकर के नाम से जानने लगे थे।

यह घटना सविता अंबेडकर की जीवन की बेहद महत्वपूर्ण एक घटना थी

भारत के संविधान निर्माता और समाजसेवी डॉ. भीमराव अंबेडकर की जीवनी में उनकी दूसरी शादी एक अहम घटना है। अंबेडकर जी की पहली पत्नी रामाबाई अक्कलकोट के अंतर्गत थीं। उन्हें चार बच्चे हुए थे, लेकिन सभी बच्चे शीघ्र ही निधन हो गए।

अंबेडकर जी के समाज के लोगों के मध्य शादी को लेकर एक ऐसी सोच थी, जिसमें उन्हें स्वतंत्रता मिलने के बाद भी स्वतंत्र नहीं था। वे जब भी शादी को लेकर बात करते तो उन्हें एक आक्रोश से देखा जाता था। यह आक्रोश विवाह को एक बचाव के रूप में देखने वाले उन लोगों से था, जो भारत के अधिकांश हिस्सों में अंतर-जातीय विवाह को अस्वीकार करते थे।

अंबेडकर जी अपनी पहली पत्नी से दुखी थे लेकिन शादी को लेकर दोबारा सोचते थे। उन्हें एक ऐसे साथी की तलाश थी, जो उन्हें स्वतंत्रता दे सके और जिंदगी को खुशहाल बना सके। लेकिन वे इसके लिए एक ऐसे संगठन की तलाश में थे,

आज, भारत में डॉ. भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती मनाई जा रही है। इस मौके पर, हम अंबेडकर और उनकी दूसरी पत्नी सविता से जुड़े किस्सों और बाबा साहेब की जिंदगी के कुछ ऐसे ही अनछुए पहलुओं को याद करेंगे।

डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्यप्रदेश के महू जिले में एक महार परिवार में हुआ था। उनकी पूर्वज महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के अंबाडावे गांव से थे। उनके पिता सेना में थे और नौकरी के सिलसिले में महू जिले में रहते थे।

1906 में, भीमराव अंबेडकर ने रमाबाई से शादी की। रमाबाई ने उनकी पढ़ाई में बहुत मदद की थी। दोनों के पांच बच्चे थे, जिनमें से केवल यशवंत अंबेडकर जीवित रहे। 27 मई 1935 को लंबी बीमारी के बाद, रमाबाई की मृत्यु हो गई।

बाद में, भीमराव अंबेडकर ने सविता से शादी की। सविता उनसे 24 साल छोटी थी। उन्होंने उन्हें बड़ी संस्कृतिक विद्या दी और उनकी पढ़ाई में मदद की

सविता, जो प्रोग्रेसिव सोच वाले ब्राह्मण परिवार में जन्मीं थीं, उनकी दूसरी पत्नी थीं। उनका जन्म 27 जनवरी 1909 को हुआ था और वे भीमराव से शादी के बाद सविता अंबेडकर बनीं। वे मध्यमवर्गीय सारस्वत ब्राह्मण परिवार से थीं और उनके पिता इंडियन मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार थे। शारदा ने 1937 में मुंबई से MBBS की डिग्री हासिल की थी। उनके जवान दौर में लड़की का डॉक्टर बनना एक अद्भुत और उपलब्धि की बात थी।

डॉ. सविता अपनी आत्मकथा में लिखती हैं कि मेरा परिवार पढ़ा-लिखा और आधुनिक था। उनके 8 में से 6 भाई-बहनों ने अपनी जाति के बाहर शादी की, लेकिन उनके माता-पिता ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई

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