जानियें लोहे की कमी से हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता हैं ।
रजस्वला हुई किशोर लड़कियों को पर्याप्त मात्रा में लौह तत्व न मिलना।
Aug 19, 2024, 11:48 IST
रोगी के रक्त के लाल कणों में हीमोग्लोबिन की मात्रा सामान्य से बहुत कम हो जाती है ।
हमारे आहार में यदि लौहा सामान्य से बहुत कम मात्रा में ग्रहण किया जाय तथा लंबे समय तक ऐसी हालत बनी रहें तो शरीर में लौहे की न्यूनता हो जाती है। इसके अतिरिक्त जो रोग उत्पन होता हैं उसे अनिमिया कहते हैं ।
अरक्तता अथार्थ अनिमिया - लोहे की कमी से उत्पन होने वाली अरक्ता शरीर की एसी हालत है ,जिसमे रोगी के रक्त के लाल कणों में हीमोग्लोबिन की मात्रा सामान्य से बहुत कम हो जाती है ।
इस प्रकार की आरक्त प्रायः शिशुओं ,युवतियों या गर्भ धारियों महिलाओं में पाई जाती है । लेकिन कोई भी वर्ग इससे अछूता नहीं होता अथवा प्रतिकूल परिस्थितियों में यह किसी भी हो सकती हैं । इसके निम्न कारण हैं -
शिशुओं बालकों तथा गर्भवती महिलाओं के आहार में लोहे की मात्रा उनके शरीर में हो रही तीरव वृद्धि के अनुरूप न होना ।
* रजस्वला हुई किशोर लड़कियों को पर्याप्त मात्रा में लौह तत्व न मिलना।
* भीषण अतिसार या रोगी जिग्र के कारण पाचन संस्थानसे लौहे का उचित अवशोषण न हो पाना या उसे प्रयोग में न लाया जा सकता।
विटामिन 'सी' या कॉपर की कमी के कारण आहार में उपलब्ध लोह तत्व का अवशोषण न हो सकना ।
• किसी दुर्घटना, असामान्य मासिक सत्राव , हुकवारमं संक्रमण या अल्सर आदि के कारण शरीर से रक्त की पारी कमी हो जाना।
* असामान्य रूप से अधिक मात्रा में रक्तदान किया जाना।
अनीमिया हो जाने से रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाता है. जिस कारण उसकी ऑक्सीजन को उठाने की क्षमता गिर जाती है। शरीर के उत्तकों को कम मात्रा में ऑक्सीकरण मिलती है तथा ऑक्सीजन की क्रियाएँ शिथिल पड़ जाती हैं। इसके निम्नलिखित प्रभाव होते हैं-
* रोगी कमजोरी महसूस करता है तथा उसके सिर में प्रायः दर्द रहता है।
* उसका रंग पीता पड़ जाता है। त्वचा, आंखें, नाखून तया बात अस्वस्य दिखाई देते हैं। आँखों के नीचे काले
गड्डे पड़ जाते हैं तथा बाल चमकहीन हो जाते हैं।
रोगी का पेट प्रायः खराब रहता है तथा उसे भूख नहीं लगती।
* वच्चों की शारीरिक वृद्धि सामान्य गति से नहीं होती।
* दिल की धड़कन बढ़ जाती है तथा सांस लेने में कठिनाई होती है।
* रोगी मानसिक रूप से प्रायः अस्थिर (Nervous) गहता है।
लौहे तत्व प्राप्ति के साधन - यकृत ,अंडे की जरदी ,पतेदार सब्जियां , साबुत अनाज ,गुड़ ,सुखी खुमानी व किशमिस