जानें मूल्य क्या है, उदाहरण सहित समझाइए?
मूल्य व्यक्ति के निर्णयों में एक दिशा निर्देशक का कार्य करते हैं और उन्ही के आधार पर हमारे सारे कार्य और व्यवहार निर्भर करते हैं।
मूल्य एक ऐसी चीज है, जिसे व्यक्ति महत्वपूर्ण समझ कर धारण करता है और उसे वरीयता देता है। किसी भी स्थिति में, जहां कई सारे विकल्प मौजूद हों जब व्यक्ति को उसमें से एक का चुनाव करना होता है तो वह उसे अपने मूल्यों के अनुसार चुनता है।
आइए इसे उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए आप अपने दोस्त के घर पर जा रहे है और रास्ते में एक पैसों से भरा एक पर्स पड़ा मिलता है। उसके भीतर पर्स के मालिक का नाम और पता भी लिखा है। ऐसे में आप क्या करेंगे ?
अपने आसपास देखेंगे और जब पता चलेगा कि कोई नहीं देख रहा तो उसे उठा कर आगे बढ़ जाएंगे ? दूसरा विकल्प भी है कि आप पर्स को उसके मालिक तक पहुंचा देंगे। अगर आप पहले विकल्प को चुनते हैं तो आपको बहुत सारे पैसे मिल जाएंगे। जबकि आपको पता है कि वह पैसा आपका नहीं है। आप उस पैसे को बेमानी करके रख लेते हैं। और यदि आप उस पैसे को उसके मालिक तक पहुंचा देते हैं तो आपकी अंतरआत्मा आपको सहयोगी और आप अच्छा महसूस करेंगे ।
इस प्रकार इस उदाहरण में ईमानदारी और आसानी से पैसे पा लेना-दो मूल्य निहित है । और इन दोनों में से किसी एक का चुनाव आपके अपने मूल्यों पर निर्भर करता है।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि मूल्य व्यक्ति के निर्णयों में एक दिशा निर्देशक का कार्य करते हैं और उन्ही के आधार पर हमारे सारे कार्य और व्यवहार निर्भर करते हैं।
2. हमें अपने दैनिक जीवन में कौन-सी मुख्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है?
हमें अपने दैनिक जीवन में कुछ निम्नलिखित मुख्य समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं -
दफ्तरों, दुकानों, स्कूलों, कालेजों आदि में समय का पालन न किया जाना
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* दूसरों के साथ पारस्परिक व्यवहार में अनियमितता
* बुजुगों, अपने कर्मचारियों अथवा मालिकों का आदर न करना
माता-पिता, अध्यापक आदि की आज्ञा का पालन न करना
दूसरों के साथ रूखा और कड़वा व्यवहार करना, विशेषकर बुजुगों के साथ
उपेक्षितों और दलितों के प्रति संवेदनहीनता
लिंग भेद
संसाधनों का दोहन और दुरुपयोग
दूसरों के संसाधनों का गैर जिम्मेवार से उपयोग
असहयोग की भावना
बेईमानी
3. हमारे समाज में बहुत से विकलांग लोग है। हम उनकी मदद कैसे कर सकते हैं?
अपने समाज के विकलांग लोगों की मदद हम निम्न तरीकों से कर सकते हैं-
उन्हें अकेला छोड़ देने की बजाय उन्हें भौतिक सहयोग प्रदान करें।
शारीरिक अक्षमताओं के कारण वे जो काम नहीं कर पाते, उन्हें कराने म
उन्हें सहज महसूस कराने के लिए उनके साथ समय बिताएं।
उनके साथ हमेशा रहने का अहसास करा कर उनका मनोबल बढ़ाएं।
उन्हें अपनी देखभाल स्वयं करने के लिए प्रोत्साहित कीजिए।
उनके पोषण और चिकित्सा संबंधी जरूरतों पर ध्यान दीजिए।
* उनकी बातों और विचारों का आदर कीजिए।
4. हमारे समाज में लड़कियों और महिलाओं की क्या स्थिति है? एक नौजवान होने के नाते आप इसको खत्म करने के लिए क्या कर सकते हैं ?
हमारे समाज में पुरुषों और महिलाओं के साथ अलग -अलग तरीके से व्वयहार किया जाता है । कई मामलों में तो महिलायें स्वंय हि दूसरी महिला या लड़की के बीच भेदभाव बरतती देखि जाती हैं । बहुत सारे परिवारों में तो आज भी पढ़ाई -लिखाई ,खेल कूद ,अन्य गतिविधियों तथा घर से बाहर नौकरियां को लेकर लड़कियों पर बहुत सारी पाबंधिया लगी जाती हैं ।
5. संविधान द्वारा हमें कौन -से मौलिक अधिकार दिए हैं ?
संविधान ने हमें निम्न अधिकार दिए हैं-
समानता का अधिकार
स्वतंत्रता का अधिकार
शोषण के विरुद्ध अधिकार
धर्म संबंधी स्वंत्रता का अधिकार
शैक्षिक एवं सांस्कृतिक अधिकार
संवैधानिक उपचार संबंधी अधिकार
प्राथमिक शिक्षा का अधिकार
इस प्रकार हम सभी की जिम्मेवारी बनती है की यह ध्यान रखें की कहीं भी अधिकारों का दुरुपयोग ना हों ।