तुम्हें अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अनुशासन के महत्व को भी पली-भांति समझना चाहिए।
शिवानी सदन ,
323-37 पटेल नगर,
करनाल,
13 जनवरी ,2024
प्रिय केशव
शुभाशीष।
तुम्हारा पत्र मिला। ज्ञात हुआ कि तुम्हारा स्कूल 20 जनवरी से खुल रहा है। अब तुम्हें दूसरे सत्र के पाठ्यक्रम की पढ़ाई करवाईजाएगी ।
तुम दसवीं कक्षा के विद्यार्थी हो। विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन का अत्यधिक महत्व होता है। विद्यार्थी ही नहीं, अपितु प्रत्येक ,व्यक्ती के जीवन में भी अनुशासन का वैसा ही महत्व होता है। जो विद्याची अनुशासन का पालन करते हुए अपनी शिक्षा प्राप्त करते हैं, वे अन्य विद्यादियों से अच्छे तो माने ही जाते हैं अपितु उन्हें अपने जीवन में सफलता भी मिलती है। समाज में उनका सम्मान भी होना है। वे माता-पिता के ही नहीं, अपितु सबके स्नेह के अधिकारी बन जाते हैं। सभी उनकी हर प्रकार की सहायता के लिए तत्पर रहतें है।
एक के बाद एक सफलता उनके कदम चूमती है। इसके विपरीत अनुशासन के अभाव में किसी प्रकार की सफलता एवं विकास जीवन में नहीं हो सकता। विद्यार्थी-जीवन में अनुशासन का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि यह समय विद्यार्थी का ज्ञान प्राप्त करने का है जिसके आधार पर उसके भावी जीवन की नींव रखी जाती है।
अतः तुम्हें अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अनुशासन के महत्व को भी पली-भांति समझना चाहिए। बाकी मिलने पर। माता-पिता को नमस्ते एवं विशु को प्यार l
तुम्हारी बहन ,
मान्या