तुम्हारी माता जी की असामयिक मृत्यु के बारें में सुनकर बहुत दुख हुआ ।
679/13 अर्बन एस्टेट ,
लुधियाना ,
22 जुलाई ,2024 .
प्रिय मित्र श्याम,
मधुर स्मृति।
कल ही तुम्हारा पत्र मिला । तुम्हारी माता जी की असामयिक मृत्यु के बारें में सुनकर बहुत दुख हुआ । पहले तो मुझे इस घटना पर विश्वास ही नहीं हुआ। जब चेन्नई से लौटते हुए मैं तुम्हारे पास आया था तब तो वे पूर्णतः स्वस्य थीं। क्रूर काल के हाथ उनको इतनी जल्दी हमसे छीनकर ले जाएंगे, इसकी में स्वप्न में भी कल्पना कर सकता ।
निशचय ही उनकी ममतामयी मृति सह-रहकर मेरी आंखों के सामने आ जाती है। निश्वाय ही उनकी ममतामयाछाया के बिना तुम अपनेआपको बहुत असहाय पाते होंगे।
में इन संकट के क्षणों में तुमहारें लिए कुछ भी तो नहीं कर सकता। मैं क्या कोई भी कुछ नहीं कर सकता। हम तो केवल यह सोचकर धीरज रख सकते हैं कि सभी प्राणियों का यहीं अंत है। मेरी परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक सहानुभूति है। इस संवेदना-पत्र द्वारा में आपको धीरज रखने के लिए आग्रह करता हूँ। मेरी भगवान से प्रार्थना है कि वे आप सवको इस महान् आघात को सहने की शक्ति प्रदान करें तथा दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें .
आपका अभिन्न मित्र,
राजकुमार