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इस मंदिर में पूजा अर्चना करने से हर मनोकामना पूरी होने के साथ साथ चर्मरोग फोड़े फुंसी आदि स्वत: ठीक हो जाते हैं

सतीदादी मंदिर कुम्हारिया में क्या प्रसाद चढ़ाया जाता है ? मेला 17 नवम्बर को

 
sati dadi mandir

चोपटा- राजस्थान की सीमा पर बसे हरियाणा के सिरसा जिले के गांव कुम्हारिया के सती दादी मंदिर की महिमा दूर दूर तक फैली हुई है. मंदिर में हर माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को श्रद्धालुओं द्वारा सती दादी की प्रतिमा के समक्ष पूजा अर्चना कर प्रसाद चढाया जाता है व मन्नत मांगी जाती है।

लोगों में मान्यता है की यहाँ पर प्रसाद चढाने से चर्म रोग, फोड़े फुंसी अपने आप ठीक हो जाते है तथा मनोकामना अवश्य पूरी होती है. इस बार 17 नवम्बर  शुक्रवार को कार्तिक  शुदी चतुर्थी के अवसर धोक लगेगी तथा मेला लगेगा. सती दादी मंदिर के पुजारी रघुवीर शर्मा ने बताया की  हरियाणा-राजस्थान सीमा स्थित गांव कुम्हारिया में सती दादी मंदिर में हर माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मेला लगता है। इसमें हरियाणा तथा निकटवर्ती राजस्थान के गावों के सतीदादी के भक्त सती दादी की धोक लगाने के लिए बङी संख्या मे आते हैं। इनमें महिलाओं की संख्या अधिक होती है।

sati dadi

मन्नत  पूरी होने पर श्रद्धालूओं द्वारा प्रसाद चढाया जाता है। गर्मी हो या सर्दी सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी लंबी कतारें लग जाती है, पैदल, उँट गाङियो, टै्रक्टरों, जीपों, मोटर साइकिलों व अन्य वाहनों में सवार होकर श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला पूरे दिन जारी रहता है। इसमें महिलाओं और बच्चों द्वारा विशेष उत्साह के साथ भाग लिया जाता है। मन्नत पूरी होने पर मंदिर में प्रसाद के रूप में मिठाई, दूध, घी, पतासे, नमक, झाङू, सवामणी , श्रृंगार सामग्री,  चुनरी व चूङियाँ आदि चढाए जाते हैं । मन्दिर परिसर में लगी स्टालों पर महिलाओं द्वारा मनिहारी का सामान, बर्तनों तथा बच्चों के लिए खिलौने खरीदे जाते है।

मेले में पेयजल, सफाई आदि की व्यवस्था ग्राम पंचायत और श्री महारानी सेवा समिति कुम्हारिया द्वारा की जाती है। उन्होंने बताया की इस कार्तिक शुदी चतुर्थी के अवसर पर शुक्रवार 17 नवम्बर को मेला लगेगा. इस दौरान श्रद्धालूओं द्वारा सती दादी की प्रतिमा की पूजा अर्चना कर प्रसाद चढाया व मन्नत जाएगी ।. पुजारी रघुवीर शर्मा ने बताया कि मान्यता है कि यहां पर धोक लगाने व प्रसाद चढाने पर सभी प्रकार के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं और मनोकामना अवश्य पूरी होती है। तथा दूर दूर से लोग धोक लगाने के लिए आते हैं।

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