https://www.choptaplus.in/

औषधीय गुणों से भरपूर है फिटकरी, जानिए हमारे जीवन में कितना कम आती है फिटकरी

शेविंग के बाद क्यों लगाते हैं फिटकरी
 
fitkari

फिटकरी का रासायनिक नाम पोटेशियम एल्युमिनियम सल्फेट है। यह क्रिस्टल की तरह होती है। फिटकरी को अंग्रेजी में एलम कहते हैं। यह औषधीय गुणों से भरपूर है। इसमें एंटीबायोटिक, एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी इंफ्लेमेटरी और एस्ट्रिंजेंट गुण होते हैं। इन सभी गुणों की वजह से फिटकरी का उपयोग कई रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है।

चोट लगने पर फिटकरी लगाएं-- छोटी-मोटी चोट लगने पर घाव या चोट पर कुछ भी करने की बजाय सबसे पहले उसे फिटकरी के पानी से धो लें। ऐसा करने से घाव से निकलने वाला खून बंद हो जाएगा। फिटकरी के पाउडर को भी घाव पर लगाया जा सकता है, लेकिन फिटकरी के पानी से घाव को साफ करना बेहतर उपाय है।

पसीने की बदबू दूर करे-- शरीर पर जमी गंदगी और पसीने की बदबू को खत्म करने के लिए फिटकरी के पानी से नहाना बहुत अच्छा है। जिन लोगों को ज्यादा पसीना आता है उनके लिए फिटकरी का इस्तेमाल फायदेमंद है। उन लोगों को नहाते समय बाल्टी में फिटकरी डालकर उस पानी से नहाना चाहिए। इससे पसीना आने की समस्या से निजात मिलती है।

दांत दर्द में फायदेमंद--- माजूफल दांतों के दर्द में फायदेमंद होता है। इसके लिए आप माजूफल और फिटकरी का पानी तैयार कर लें। इस पानी को माउथवॉश की तरह इस्तेमाल करें। माजूफल को बारीक पीसकर इसका मंजन भी बना सकते हैं। रोजाना माजूफल से ब्रश करने से मुंह की दुर्गंध और दर्द से छुटकारा मिलता है। माजूफल और फिटकरी का पानी मुंह या जीभ के छालों का भी इलाज कर सकता है। इसके लिए आप माजूफल को धीरे-धीरे चबा भी सकते हैं। मुंह में गंभीर अल्सर है, तो डॉक्टर से कंसल्ट करना बेहतर है।

मुंहासों से छुटकारा दिलाए---मुंहासों से छुटकारा पाने के लिए फिटकरी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए माजूफल और फिटकरी के पानी को मुंहासों पर लगा सकते हैं। दरअसल, माजूफल एस्ट्रिंजेंट की तरह काम करता है और स्किन के एक्स्ट्रा ऑयल को कम करता है। इससे चेहरे के ओपन पोर्स कम होते हैं, साथ ही मुंहासों से भी छुटकारा मिलता है।

यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन ठीक करे-- यूटीआई यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन एक आम समस्या है। वजाइना में इचिंग, जलन और इरिटेशन यूटीआई के लक्षण हैं। फिटकरी यूटीआई के इलाज के लिए फायदेमंद है। इसके लिए गर्म पानी में माजूफल और फिटकरी को अच्छी तरह उबाल लें। इस पानी से प्राइवेट पार्ट की सफाई करें। इससे इंफेक्शन को खत्म करने में मदद मिलेगी और वजाइनल हाइजीन भी बनी रहेगी।

बुखार, खांसी और अस्थमा का इलाज करे---खांसी, बुखार जैसी परेशानियों को फिटकरी से ठीक किया जा सकता है। सूखी खांसी हो रही है या खांसने पर बहुत ज्यादा बलगम है तो दोनों ही स्थितियों में फिटकरी का इस्तेमाल फायदेमंद है। फिटकरी के पानी से गरारे कर सकते हैं। फिटकरी पर शहद लगाकर चाटने से भी खांसी से आराम मिलेगा। फिटकरी का चूर्ण बनाकर शहद के साथ ले सकते हैं। इसके अलावा बुखार में भी फिटकरी कारगर है। बुखार आने पर फिटकरी के पानी से नहाने से बुखार छूमंतर हो जाता है। एक चुटकी फिटकरी का पाउडर लें, उसमें सोंठ मिलाएं और बताशे के साथ इस मिश्रण का सेवन करें। दिन में दो बार इस उपाय को करने से धीरे-धीरे बॉडी टेम्प्रेचर कम होता है। अस्थमा के मरीजों को खांसी आए, तो आधा ग्राम पिसी हुई फिटकरी को शहद में मिलाकर खाएं। गले में जमा बलगम कई बीमारियों की वजह बन सकता है। गले से बलगम साफ करने के लिए फिटकरी का इस्तेमाल कर सकते हैं। बलगम निकालने के लिए फिटकरी को शहद के साथ मिलाकर ले सकते हैं।

स्कैल्प की समस्याएं ठीक करे---स्कैल्प से जुड़ी परेशानी है, तो इसमें फिटकरी का इस्तेमाल किया जाता है। फिटकरी सिर के जुओं और गंदगी को हटाने में मदद करती है। इसके लिए आप फिटकरी के पानी से बालों और स्कैल्प की सफाई कर सकते हैं। फिटकरी का पानी डैंड्रफ, खुजली और जलन को भी शांत करता है।

शेविंग के बाद क्यों लगाते हैं फिटकरी

फिटकरी में एंटी बैक्टीरियल तत्व होता है, जो बैक्टीरिया का सफाया करते हैं। दाढ़ी बनाने के बाद इसे चेहरे पर इस्तेमाल करने से इंफेक्शन नहीं होता। शेविंग के दौरान कटने पर खून को बंद किया जा सकता है, साथ ही यह चेहरे को सॉफ्ट भी बनाता है।

•             स्किन के लिए फायदेमंद- स्किन डिजीज से परेशान हैं, तो रोजाना फिटकरी के पानी से स्किन को साफ करें।

•             टॉन्सिल से राहत- टॉन्सिल में दर्द हो, तो गर्म पानी में चुटकीभर फिटकरी और नमक डालकर गरारे करें। इससे टॉन्सिल में होने वाले दर्द से आराम मिलेगा।

•             खून रोकने में सहायक- दाढ़ी बनाते समय कट जाने पर खून निकलने लगे तो फिटकरी से स्किन पर तुरंत रगड़ लें। इससे खून आना बंद हो जाएगा।

•             हैजा से आराम- हैजा होने पर फिटकरी का चूर्ण पानी में मिलाकर घूंट-घूंट करके पिएं। इससे हैजा के मरीजों को आराम मिलता है।

•             स्किन में कसाव लाए- दो ग्राम फिटकरी को 80 मिली पानी में घोलकर योनि को दिन में 2 से 3 बार धोने से योनि का ढीलापन कम हो जाता है।

माजूफल और फिटकरी के फायदे

फिटकरी आमतौर पर पानी के अणुओं, एल्युमिनियम और सल्फेट से बनी होती है। फिटकरी गंधहीन और रंगहीन होती है। इसमें कसैला और एसिड का स्वाद होता है। फिटकरी आमतौर पर सफेद और लाल रंग में मिल जाती है। फिटकरी पानी में ज्यादा घुलनशील होती है। यह औषधीय गुणों से भरपूर होती है। इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटी ओबेसिटी, एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी डैंड्रफ जैसे गुण पाए जाते हैं।

फिटकरी और सुहागा में अंतर

हर कोई फिटकरी और सुहागा में आसानी से अंतर नहीं कर पाता। फिटकरी और सुहागा दिखने में काफी हद तक एक जैसे लगते हैं, लेकिन दोनों एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हैं। ज्यादातर घरों में फिटकरी और सुहागा दोनों का घरेलू उपाय के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। ये दोनों ही औषधीय गुणों से भरपूर हैं और कई स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने में मदद कर सकते हैं।

सुहागा क्या है?

सुहागा को बोरेक्स के नाम से भी जाना जाता है। इसका रासायनिक नाम सोडियम टेट्राबोरेट है। सुहागा औषधीय गुणों से भरपूर है। इसमें कसैले, रोगाणुरोधी और बलगम निकालने वाले गुण होते हैं। सुहागा का उपयोग कई तरह की आयुर्वेदिक दवाइयों में भी किया जाता है। इतना ही नहीं, सुहागा का इस्तेमाल टूथपेस्ट और साबुन में भी किया जाता है।

सुहागा के फायदे

सुहागा स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होता है। सुहागा का उपयोग कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। यह मुंह, आंखों और दांतों के लिए भी अच्छा साबित होता है। सुहागा के फायदे-

•             सुहागा मुंह के छालों को ठीक करता है

•             पीरियड्स के दौरान होने वाली समस्याओं से बचाता है

•             पेट में होने वाले दर्द को ठीक करने में फायदेमंद है

•             गठिया की सूजन और दर्द को कम करने में असरदार है

•             डैंड्रफ हटाने के लिए सुहागा को नारियल के तेल में मिक्स करके लगाएं

•             सुहागा यूरिन में होने वाली जलन, खुजली की समस्या से राहत दिलाता है

•             सुहागा का उपयोग आंखों के संक्रमण को ठीक करने के लिए भी किया जा सकता है

फिटकरी के नुकसान

फिटकरी के फायदे के बारे में तो हम बता चुके हैं, अब इससे होने वाले नुकसान के बारे में भी जान लेते हैं-

•             पोटेशियम एलम यानी फिटकरी स्किन को कमजोर करती है।

•             स्पर्म को प्रभावित करती है।

•             कैंसर और अल्जाइमर का खतरा हो सकता है।

•             पेचिश का खतरा बढ़ जाता है।

•             त्वचा में चकत्ते, लाली जैसी परेशानी को बढ़ा सकती है।

•             नाक-गले में जलन, फेफड़ों को प्रभावित करती है।

•             आंखें बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं।

            

Rajasthan