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राष्ट्रीय बालिका दिवस: 950 लिंगानुपात के साथ फतेहाबाद हरियाणा में प्रथम, जींद दूसरे स्थान पर

वर्ष 2011में प्रदेश का लिंगानुपात 879था। यह वर्ष 2023में बढ़कर 917हो गया है। हालांकि अभी सुधार की और गुंजाइश है,
 
BALIKA
फतेहाबाद प्रति हजार लड़कों पर 950लड़कियों के साथ पहले नंबर पर है।

 

हरियाणा प्रदेश का लिंगानुपात प्रति 1000 लड़कों पर 917 लड़कियां है। सुधार के लिए स्वास्थ्य विभाग की पहल सराहनीय रही है। स्वास्थ्य विभाग ने भ्रूण लिंग जांच पर अंकुश लगाने के लिए मारे छापे हैं।

 

 

हरियाणा प्रदेश के लिंगानुपात में पिछले एक दशक में 38 अंकों का उल्लेखनीय सुधार आया है। वर्ष 2011 में प्रदेश का लिंगानुपात 879 था। यह वर्ष 2023 में बढ़कर 917 हो गया है। हालांकि अभी सुधार की और गुंजाइश है, मगर पिछले कुछ वर्षों में स्वास्थ्य विभाग के जागरूकता प्रयास व लगातार भ्रूण हत्या पर अंकुश के लिए की गई कार्रवाई से स्थिति पहले से बेहतर जरूर बनी है।

नवजात शिशुओं के जन्म के आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश के विभिन्न जिलों में पिछले वर्ष जनवरी से दिसंबर तक कुल 531203 बच्चों का जन्म हुआ। इनमें से 254148 लड़कियां हैं। इस हिसाब से प्रदेश का लिंगानुपात 917 बनता है। रोहतक जिला लिंगानुपात सूची में प्रति हजार लड़कों पर 934 लड़कियों के साथ प्रदेश में छठवें स्थान पर है।

यहां पिछले वर्ष 23911 बच्चों ने जन्म लिया। इनमें से 11547 लड़कियां हैं। अंबाला व रोहतक का लिंगानुपात एक समान 934 है। अंबाला में पिछले वर्ष 19380 बच्चों का जन्म हुआ। इनमें से 9350 लड़कियां हैं। फतेहाबाद प्रति हजार लड़कों पर 950 लड़कियों के साथ पहले नंबर पर है। यहां पिछले वर्ष 17138 बच्चों का जन्म हुआ। इनमें से 8348 लड़कियां हैं। रेवाड़ी जिला 883 लड़कियों के जन्म के साथ प्रदेश में सबसे फिसड्डी है। यहां पिछले वर्ष 19330 बच्चों का जन्म हुआ। इनमें से 9063 लड़कियां हैं।

प्रदेश से बेहतर है रोहतक का लिंगानुपात

लिंगानुपात को लेकर रोहतक जिले के हालात प्रदेश से बेहतर हैं। प्रदेश का लिंगानुपात 917 है। जबकि रोहतक का लिंगानुपात 934 है। यह प्रदेश से 17 अंक अधिक है। हालांकि वर्ष 2021 में जिले का लिंगानुपात 945 था। इसमें पिछले वर्ष 11 अंकों की गिरावट आई है। इस गिरावट के बावजूद स्थिति में सुधार है। लिंगानुपात सुधार के लिए किए जा रहे जागरूकता समेत अन्य प्रयास इसकी वजह बताई गई है।

पीएनडीटी एक्ट के तहत दर्ज हुई एफआईआर

स्वास्थ्य विभाग ने लिंगानुपात सुधार की ओर कदम बढ़ाते हुए भ्रूण लिंग जांच पर शिकंजा कसा है। इसके तहत पिछले करीब आठ वर्षों में 73 जगह छापा मारा। इनमें से 49 जगह सफलता मिली। इसके चलते 49 एफआईआर दर्ज हुई। इन केसों में सख्ती के परिणाम स्वरूप लिंगानुपात में सुधार का दावा किया गया है।

लिंगानुपात में सुधार आ रहा है। विभाग की ओर से पिछले कुछ वर्षों में चलाए गए जागरूकता अभियान के सार्थक परिणाम आ रहे हैं। भ्रूण लिंग जांच कराने वालों के खिलाफ भी लगातार कड़ी कार्रवाई की जा रही है। नवजात शिशुओं के जन्म के आंकड़ों के आधार पर जिला लिंगानुपात में 934 के साथ प्रदेश में छठे स्थान पर है। इसमें सुधार के लिए प्रयास जारी हैं। - डॉ. विकास सैनी, नोडल अधिकारी, पीएनडीटी एक्ट

प्रदेश में लिंगानुपात का ब्योरा

    जिला            लिंगानुपात

    फतेहाबाद  950

    जींद             942

    पंचकूला 938

    नूंह             936

    अंबाला            934

    रोहतक 934

    चरखी दादरी 933

    सिरसा            929

    गुरुग्राम 925

    पानीपत 924

    यमुनानगर 923

    पलवल 922

    कैथल            921

    भिवानी 912

    महेंद्रगढ़ 907

    हिसार 904

    करनाल 903

    सोनीपत 898

    झज्जर 893

    कुरुक्षेत्र 893

    फरीदाबाद 892

    रेवाड़ी 883

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