समाधान शिविर में रखी जाने वाली एक-एक समस्या के समाधान पर जिला प्रशासन का पूरा फोकस : उपायुक्त आर.के. सिंह
hindi news, हरियाणा सरकार की ओर से आम जनमानस की समस्याओं को दूर करने के उद्देश्य से लगाए जा रहे समाधान शिविरों में अपनी समस्या लेकर आने वाले लोगों की समस्याओं को जिला प्रशासन के विभागीय अधिकारी पूरी तत्परता के साथ दूर कर रहे हैं। समाधान शिविर में रखी जाने वाली एक-एक समस्या के समाधान पर जिला प्रशासन का पूरा फोकस है।
बुधवार को उपायुक्त आर.के. सिंह ने समाधान शिविर में आमजन की शिकायतें सुनते हुए उनका प्राथमिकता के आधार पर समाधान करवाया। आमजन ने उपायुक्त के समक्ष 59 समस्याएं रखी, जिस पर उन्होंने अधिकारियों को तत्परता से निवारण के दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पूरा प्रशासन आपसी सामंजस्य के साथ शिकायतों का समाधान कर रहा है। शिविर को लेकर नागरिकों का रूझान बढ़ा है तथा नागरिक अपनी अर्जी लेकर उनका समाधान करवाने के लिए समाधान शिविर में पहुंच रहे हैं।
उपायुक्त आर.के. सिंह ने कहा कि समाधान शिविर में आने वाले नागरिकों की शिकायतों के प्राथमिकता के आधार पर त्वरित समाधान को लेकर जिला प्रशासन सजगता से कार्य कर रहा है। समाधान शिविर में आने वाली शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान करते हुए नागरिकों को राहत प्रदान करने में पूरा प्रशासन तालमेल के साथ काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के निर्देशों पर जिला प्रशासन द्वारा जिला मुख्यालय व उपमंडल स्तर पर समाधान शिविरों का प्रत्येक कार्यदिवस के दिन आयोजन किया जा रहा है। नागरिक अपनी शिकायतों को लेकर समाधान शिविरों में निरंतर पहुंच रहे हैं। जिला स्तर पर शिकायतों की सुनवाई की जाती है और अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए जाते हैं।
सी आई सी आर में कृषि विशेषज्ञों द्वारा नरमे व कपास को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन
सिरसा, 24 जुलाई। केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान (सीआईसीआर) एवं पीएयू - कृषि विज्ञान केंद्र, मानसा के कृषि विशेषज्ञों ने गांव खेड़ा खुर्द, ब्लाक सरदूलगढ़, जिला मानसा में नरमें-कपास की फसल के रखरखाव पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में विभिन्न गांवों के 105 किसानों ने भाग लिया।
केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डा. अमरप्रीत सिंह ने किसानों को बताया कि नरमें-कपास की फसल में यूरिया खाद का उपयोग करना चाहिए। फूल आने के बाद से एक सप्ताह के अंतराल पर 2 प्रतिशत पोटेशियम नाइट्रेट (13:0:45) का 4 बार छिड़काव करें और खेतों में खरपतवार न होने दें।
कृषि विज्ञान केंद्र मानसा के कीट विज्ञान के सहायक प्रो. डा. रणवीर सिंह ने किसानों से कहा कि नरमें-कपास में सफेद मक्खी की रोकथाम के लिए सुबह 10 बजे से पहले पौधे के ऊपरी हिस्से में इसकी संख्या 6 हो जाने पर सिफारिश की गयी कीटनाशकों का छिड़काव शुरू कर दें। उन्होंने कहा कि फसल को गुलाबी सुंडी के हमले से बचाने के लिए फूलों और टिंडों का लगातार सर्वेक्षण करते रहें और यदि 100 फूलों में से 5 क्षतिग्रस्त फूल पाए जाते हैं या 20 हरे टिंडों में से 2 या 3 से अधिक टिंडों में सुंडी मिलती हैं, तो कीटनाशकों का छिड़काव करें।
कृषि विशेषज्ञों ने नरमें-कपास के कीटों कि आर्थिक कगार, पहचान एवं खेत में फेरोमोन ट्रेप लगाने की विस्तारपुर्वक जानकारी भी दी। इस अवसर पर प्रतिभागियों के साथ, नरमें-कपास की फसल के खरपतवारों और कीटों के साथ-साथ बीमारी को समझने के लिए नई तकनीकों का अवलोकन करना और नरमें-कपास की फसल से अधिक पैदावार लेने को लेकर सर्वोत्तम कृषि पद्धतियां अपनाने पर गहन चर्चा की गई।