हरियाणा में फर्जी भर्ती गिरोह का पर्दाफाश: पुलिस ने पांच आरोपियों को किया गिरफ्तार

भिवानी : आज के दौर में बेरोजगार युवा सरकारी या निजी नौकरियों की तलाश में ऑनलाइन वेबसाइटों पर भरोसा करते हैं। इसी कमजोरी का फायदा उठाकर ठग गिरोह फर्जी भर्तियां करवाकर युवाओं से लाखों रुपये ऐंठते हैं। हाल ही में हरियाणा पुलिस ने एक ऐसे ही Fake Recruitment Scam का भंडाफोड़ किया है, जिसमें Cyber Crime Unit ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।
इस गिरोह ने Shagun Gramin Health and Family Council नाम से एक Fake Organization खड़ी कर केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के नाम पर फर्जी नौकरी देने की स्कीम चलाई। आरोपियों ने युवाओं से Fake Job Offer देकर भर्ती प्रक्रिया चलाई, इंटरव्यू लिया और फिर उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिए।
फर्जी वेबसाइट के जरिए लाखों की ठगी
इस गिरोह ने नवंबर 2024 में Fake Website के माध्यम से विभिन्न पदों के लिए भर्ती का विज्ञापन निकाला। युवाओं ने बड़ी संख्या में आवेदन किए। इस भर्ती प्रक्रिया में Area Inspector, Field Supervisor, MPS (Manager Public Services) जैसे पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे।
गिरोह ने उम्मीदवारों से पहले Online Form भरवाया, फिर Written Exam करवाया और इंटरव्यू लिया। इसके बाद सफल कैंडिडेट्स को नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया। गिरोह ने 960 उम्मीदवारों से आवेदन लिया, जिसमें से 500 ने परीक्षा दी और 25 को चयनित दिखाया गया। हर कैंडिडेट से ₹2 से ₹4 लाख तक की उगाही की गई।
शक होने पर खुली पोल
इस गिरोह की पोल तब खुली जब भिवानी जिले के जाटु लोहारी गांव के Neeraj, जिन्हें Field Supervisor के रूप में नियुक्त किया गया था, को संदेह हुआ। वह ग्रामीण इलाकों में सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे Mukhyamantri Vivah Shagun Yojana, Ladki Samman Yojana, Pradhanmantri Shaadi Shagun Yojana के तहत पंजीकरण करवा रहे थे।
जब उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत की, तो उन्हें अहसास हुआ कि कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ है। उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। संदेह बढ़ने पर उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
पुलिस ने गिरोह के 5 सदस्य किए गिरफ्तार
भिवानी Cyber Police ने इस मामले की तफ्तीश शुरू की और 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए लोगों में शामिल हैं:
- बलजीत (गांव बड़ेसरा) – मुख्य सरगना
- रीतू
- संजय (गांव सरसाना)
- गुलशन (चंडीगढ़)
- बलकार (जींद)
पुलिस ने इनके पास से भारी मात्रा में नकदी और इलेक्ट्रॉनिक सामान जब्त किया, जिसमें शामिल हैं:
- ₹1.57 लाख कैश
- ₹1.21 लाख बैंक अकाउंट में फ्रीज किए गए
- 2 चांदी के सिक्के और 2 अंगूठियां
- 13 मोबाइल फोन, 11 पासबुक, 11 ATM कार्ड
- 43 रजिस्टर, 8 Payment Slips
- कंप्यूटर और अन्य दस्तावेज
कैसे करते थे ठगी?
- Fake Website पर जॉब पोस्ट करना – सरकारी नौकरी जैसी दिखने वाली फर्जी वैकेंसी पोस्ट करना।
- Online Application Process – युवाओं से आवेदन फॉर्म भरवाकर फीस के नाम पर पैसे लेना।
- Written Exam और Interview – उम्मीदवारों से परीक्षा और इंटरव्यू लेकर चयन प्रक्रिया का नाटक करना।
- Fake Appointment Letter जारी करना – जॉब पाने वाले उम्मीदवारों से भारी रकम वसूलना।
- नए भर्ती हुए लोगों से ग्रामीणों से ठगी करवाना – सरकारी योजनाओं के नाम पर रजिस्ट्रेशन शुल्क लेना।
कैसे बचें ऐसे Online Scams से?
1. आधिकारिक वेबसाइट की पुष्टि करें:
सरकारी नौकरियों के लिए हमेशा Official Websites देखें। किसी भी वेबसाइट की URL Check करें और सरकारी पोर्टल पर क्रॉस-वेरिफाई करें।
2. पैसे मांगने वाली नौकरी से बचें:
कोई भी Government Job आवेदन शुल्क के अलावा किसी प्रकार का पैसा नहीं मांगती। यदि कोई भर्ती प्रक्रिया जॉब के बदले पैसे की मांग करे तो यह Fraud हो सकता है।
3. संदेह होने पर जांच करें:
अगर कोई भर्ती प्रक्रिया संदिग्ध लगे तो Local Authorities या Cyber Crime Department को तुरंत सूचित करें।
4. Social Media और News पर अपडेट रहें:
कई बार ऐसे Fake Recruitment Scams की जानकारी पहले से मीडिया या सरकारी एजेंसियों के जरिए दी जाती है।
5. Physical Office की जांच करें:
अगर कोई संस्था खुद को सरकारी बताती है, तो उसके Physical Office की जांच करें और सत्यापन करें कि क्या वह वास्तव में सरकार से मान्यता प्राप्त है या नहीं।
इस फर्जी भर्ती घोटाले ने एक बार फिर साबित कर दिया कि बेरोजगार युवाओं को कैसे ठग गिरोह आसानी से निशाना बना सकते हैं। Bhiwani Police की सतर्कता से इस मामले का पर्दाफाश हुआ और पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
लेकिन, यह मामला उन हजारों युवाओं के लिए एक सीख है जो बिना जांच-पड़ताल किए Online Job Offers पर भरोसा कर लेते हैं। इसलिए, नौकरी के लिए आवेदन करने से पहले सावधानी बरतें, आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें और किसी भी संदेहास्पद गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।