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पद्म पुरस्कारों की घोषणा, सिरसा के गुरविंदर सिंह सहित 34 हस्तियों को मिलेगा पद्म अवार्ड

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों का ऐलान
 
gurwinder

 गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर वीरवार को पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया गया। असम की रहने वाली देश की पहली महिला महावत पार्वती बरुआ और जागेश्वर यादव समेत 34 हस्तियों को अवॉर्ड दिया गया है।

 

इसके अलावा लिस्ट में चार्मी मुर्मू, सोमन्ना, सर्वेश्वर, सांगथाम, सिरसा हरियाणा के गुरविंदर सिंह समेत कई बड़े नाम शामिल हैं। पद्म सम्मान देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक हैं और यह तीन श्रेणियों- पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री में प्रदान किए जाते हैं।

 

 

 

गौरतलब है की 23 जनवरी को सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया था।

 

जानिए पद्म पुरस्कार पाने वाली हस्तियों के बारे में...

1. पार्वती बरुआ

असम के गौरीपुर के एक राजघराने से ताल्लुक रखने वाली पार्वती बरुआ को शुरू से ही जानवरों से विशेष लगाव था। विशेषतौर पर हाथि‍यों से। उनका यही प्यार उनकी जिंदगी का लक्ष्य बन गया और उन्होंने अपनी सारी जिंदगी जानवरों की सेवा में लगाने का फैसला कर लिया। वह एशियन एलीफैंट स्पेशलिस्ट ग्रुप, आईयूसीएन की मेम्बर भी हैं। उनकी जिंदगी पर कई डॉक्यूमेंट्री बन चुकी हैं। वो हाथि‍यों को बचाने के लिए भी काफी सक्रिय रहती हैं।

2. चामी मुर्मू

पद्म श्री पाने वाली चामी मुर्मू पिछले 28 सालाें में 28 हजार महिलाओं को स्वरोजगार दे चुकी हैं। चामी मुर्मू को नारी शक्ति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर 2019 में राष्ट्रपति भवन में आयाेजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ काेविंद ने उन्हें यह सम्मान दिया।

2019 में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ ने चामी मुर्मू को नारी शक्ति पुरस्कार से भी सम्मानित किया।

3. जागेश्वर यादव

जशपुर से आदिवासी कल्याण कार्यकर्ता जागेश्वर यादव को भी पद्मश्री के लिए चुना गया है। छत्तीसगढ़ के जागेश्वर यादव 67 साल के हैं। उन्हें सामाजिक कार्य (आदिवासी - पीवीटीजी) के लिए पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने हाशिये पर पड़े बिरहोर और पहाड़ी कोरवा लोगों के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।

जशपुर में आश्रम की स्थापना की और शिविर लगाकार निरक्षरता को खत्म करने और मानक स्वास्थ्य सेवा को उन्नत करने के लिए काम किया। महामारी के दौरान झिझक को दूर करने, टीकाकरण की सुविधा दिलवाई, जिससे शिशु मृत्युदर को कम करने में भी मदद मिली। आर्थिक तंगी के बावजूद उनका जुनून सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए बना रहा।

4. दुखू माझी पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के सिंदरी गांव के आदिवासी पर्यावरणविद् दुखू माझी को सामाजिक कार्य (पर्यावरण वनीकरण) के क्षेत्र में पद्मश्री दिया जाएगा। उन्होंने हर दिन अपनी साइकिल पर नए गंतव्यों की यात्रा करते हुए बंजर भूमि पर 5,000 से अधिक बरगद, आम और ब्लैकबेरी के पेड़ लगाए।

5. हेमचंद मांझी

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर के पारंपरिक औषधीय चिकित्सक हेमचंद मांझी को चिकित्सा (आयुष पारंपरिक चिकित्सा) के क्षेत्र में पद्मश्री दिया जाएगा। उन्होंने पांच दशकों से अधिक समय से ग्रामीणों को सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने 15 साल की उम्र से जरूरतमंदों की सेवा शुरू कर दी थी।

6. संगथंकिमा

मिजोरम के सबसे बड़े अनाथालय 'थुतक नुनपुइटु टीम' चलाने वाले आइजोल के एक सामाजिक कार्यकर्ता संगथंकिमा को सामाजिक कार्य (बाल) के क्षेत्र में पद्मश्री दिया जाएगा।

8. के चेल्लम्मल

अंडमान व निकोबार के जैविक किसान के. चेल्लम्मल (नारियल अम्मा) को अन्य (कृषि जैविक) के क्षेत्र में पद्मश्री मिला। उन्होंने 10 एकड़ का जैविक फार्म सफलतापूर्वक विकसित किया।

9. गुरविंदर सिंह:

हरियाणा के सिरसा के दिव्यांग सामाजिक कार्यकर्ता जिन्होंने बेघरों, निराश्रितों, महिलाओं, अनाथों और दिव्यांगजनों की भलाई के लिए काम किया।

पिछले साल 106 पद्म पुरस्कारों का हुआ था ऐलान

साल 2023 में राष्ट्रपति ने 106 पद्म पुरस्कारों को मंजूरी दी थी, इनमें 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्म श्री शामिल थे। 19 पुरस्कार विजेता महिलाएं थीं। पुरस्कार पाने वालों में 19 महिलाएं हैं। सात लोगों को मरणोपरांत इस सम्मान के लिए चुना गया है।

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