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Haryana : नकली बीज व कीटनाशक बेचने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई, जल्द बिल लाएगी सरकार.

सरकार ने उन किसानों के लिए अनुदान राशि में वृद्धि की है जो धान की खेती छोड़ रहे हैं।
 
HARYANA BJT
हरियाणा सरकार ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के लिए बजट को 19.2% बढ़ाकर 4,229.29 करोड़ रुपये कर दिया है।

 

हरियाणा सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में कृषि और किसान कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं। नकली बीज और कीटनाशकों से किसानों को बचाने के लिए एक नया बिल लाने, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने, बागवानी और पशुपालन के लिए बजट बढ़ाने जैसी योजनाएँ इस बजट की प्रमुख विशेषताएँ हैं।

 

किसानों को नकली बीज और कीटनाशकों से बचाने के लिए नया बिल

हरियाणा सरकार ने नकली बीज और कीटनाशकों की समस्या से निपटने के लिए एक विशेष कानून लाने की घोषणा की है। इस कानून के तहत सरकार नकली बीज और कीटनाशकों की बिक्री पर सख्त कार्रवाई करेगी, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके।

धान छोड़ने वाले किसानों को बढ़ा अनुदान

सरकार ने उन किसानों के लिए अनुदान राशि में वृद्धि की है जो धान की खेती छोड़ रहे हैं। पहले यह राशि 7,000 रुपये प्रति एकड़ थी, जिसे अब बढ़ाकर 8,000 रुपये प्रति एकड़ कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, जो पंचायतें अपनी कृषि भूमि को धान की खेती के लिए पट्टे पर न देकर खाली छोड़ेंगी, उन्हें भी इस प्रोत्साहन राशि का लाभ मिलेगा।

प्राकृतिक खेती को बढ़ावा

हरियाणा सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष के बजट में बड़ा प्रावधान किया है। 2025-26 में प्राकृतिक खेती के तहत क्षेत्र को 2,500 एकड़ से बढ़ाकर 1,00,000 एकड़ कर दिया गया है। साथ ही, अब एक एकड़ खेती करने वाले किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा।

देसी गाय खरीदने पर अनुदान में वृद्धि

प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने देसी गाय खरीदने के लिए दिए जाने वाले अनुदान को 2,500 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दिया है। इससे किसान जैविक खेती को अधिक अपनाने के लिए प्रेरित होंगे।

कृषि एवं कल्याण विभाग का बजट बढ़ा

हरियाणा सरकार ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के लिए बजट को 19.2% बढ़ाकर 4,229.29 करोड़ रुपये कर दिया है। इसी तरह, बागवानी विभाग का बजट 95.50% बढ़ाकर 1,068.89 करोड़ रुपये, पशुपालन विभाग का बजट 50.9% बढ़ाकर 2,083.43 करोड़ रुपये और मत्स्य पालन विभाग का बजट 144.40% बढ़ाकर 2,018.76 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

कृषक उत्पादक संगठनों को योजनाओं का लाभ

सरकार अब उन कृषक उत्पादक संगठनों (FPO) को भी सरकारी योजनाओं का लाभ देने जा रही है जो सहकारी समिति के रूप में पंजीकृत हैं। अभी तक केवल कंपनी के रूप में पंजीकृत FPO ही इन योजनाओं का लाभ ले सकते थे।

महिला किसानों के लिए ब्याज मुक्त ऋण

महिलाओं द्वारा लिए गए पहले 1 लाख रुपये तक के कृषि ऋण पर अब कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा। इस ब्याज राशि का भार सरकार उठाएगी।

गोबर खाद को बढ़ावा देने के लिए नई नीति

सरकार शीघ्र ही गोबर खाद के व्यापक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक नई नीति लेकर आएगी। इससे किसानों को जैविक खाद उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।

मोरनी क्षेत्र के किसानों के लिए विशेष योजना

सरकार मोरनी क्षेत्र के किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक विशेष कार्ययोजना लेकर आएगी। यह योजना पहाड़ी क्षेत्रों में कृषि उत्पादकता बढ़ाने पर केंद्रित होगी।

पशुपालकों के लिए नई योजनाएँ

बकरी और भेड़ पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार उच्च नस्लों जैसे बीटल, सिरोही और मुंजल को किसानों को उपलब्ध कराने के लिए एक नई योजना लेकर आएगी।

धान की सीधी बुआई और पराली प्रबंधन के लिए अनुदान में वृद्धि

  • धान की सीधी बुआई के लिए अनुदान राशि को 4,000 रुपये प्रति एकड़ से बढ़ाकर 4,500 रुपये प्रति एकड़ कर दिया गया है।

  • पराली का प्रबंधन करने वाले किसानों को 1,000 रुपये प्रति एकड़ की जगह अब 1,200 रुपये प्रति एकड़ अनुदान मिलेगा।

यूरिया और डीएपी की कमी पूरी करने के लिए नई योजना

यूरिया और डीएपी की आपूर्ति में सुधार के लिए "मेरी फसल मेरा ब्यौरा" पोर्टल से इसे जोड़ा जाएगा। इसके जरिए नैना यूरिया और नैना डीएपी को बढ़ावा मिलेगा।

बागवानी और कृषि से जुड़े प्रमुख विकास कार्य

  • गुरुग्राम में अत्याधुनिक वातानुकूलित फूलमंडी की स्थापना की जाएगी।

  • हिसार एयरपोर्ट में बागवानी उत्पादों के निर्यात के लिए 5 एकड़ भूमि पर गोदाम बनाया जाएगा।

  • 3 लाख मीट्रिक टन क्षमता के नए गोदाम बनाए जाएंगे।

  • यमुनानगर में 1 लाख टन क्षमता का आधुनिक सायलो बनाया जाएगा।

  • दक्षिण हरियाणा में सहकारी क्षेत्र की सबसे बड़ी आधुनिक सरसों तेल मिल और कुरुक्षेत्र में सूरजमुखी तेल की मिल स्थापित की जाएगी।

  • ई-नाम पोर्टल के साथ सभी मंडियों का पूर्ण एकीकरण किया जाएगा।

  • 18 जिलों में नई बीज परीक्षण प्रयोगशालाएँ स्थापित की जाएंगी।

  • अंबाला में लीची, यमुनानगर में स्ट्रॉबेरी और हिसार में खजूर के लिए उत्कृष्टता केंद्र बनाए जाएंगे।

  • 22 जिलों में 400 बागवानी क्लस्टर बनाए जाएंगे, जिसमें जापान सरकार की सहायता से 9 वर्षों में 2,738 करोड़ रुपये का निवेश होगा।

  • मशरूम, हाईटेक हाइड्रोपोनिक्स और एरोपोनिक्स कोल्ड स्टोरेज को रियायती दर पर बिजली दी जाएगी।

  • मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल में इंटरक्रॉपिंग की सुविधा सभी फसलों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी।

  • 2,600 करोड़ रुपये की लागत से गन्नौर में अंतरराष्ट्रीय फसल एवं सब्जी मंडी का निर्माण किया जाएगा।

  • हिसार में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की मदद से शुक्राणु छंटाई प्रयोगशाला बनाई जाएगी।

  • 1,000 से अधिक पशुओं वाली गौशालाओं को दो ई-रिक्शा और 1,000 से कम पशुओं वाली गौशालाओं को एक ई-रिक्शा दिया जाएगा।

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