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गांव ढूकड़ा के भारतीय सेना के जवान सुनील निराणिया का भव्य स्वागत, पहली सैलरी गौशाला में की दान

यह आयोजन गांव ढूकड़ा (जिला सिरसा) के इतिहास में एक प्रेरणास्पद और यादगार क्षण बन गया है।
 
 
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इस अवसर पर एक भावपूर्ण संदेश सभी के हृदय को छू गया

       Chopta plus:    गांव ढूकड़ा के होनहार युवा सुनील निराणिया, पुत्र श्री राजेंद्र निराणिया, ने भारतीय सेना में चयन के बाद अपना प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया, जिसके उपरांत गांव लौटने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। ढोल-नगाड़ों, फूल मालाओं और देशभक्ति के नारों के साथ पूरे गांव ने गौरव और उत्साह से उनका अभिनंदन किया।

गांव की पुरानी परंपरा रही है कि जब कोई युवा सेना में भर्ती होता है, तो समस्त ग्रामवासी उसका सार्वजनिक अभिनंदन करते हैं। उसी परंपरा का पालन करते हुए गांव की गौशाला में स्वागत समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें सभी आयु वर्ग के लोग और गांव के प्रमुख नागरिक उपस्थित रहे।

इस अवसर पर एक भावपूर्ण संदेश सभी के हृदय को छू गया —
"सेना का प्रशिक्षण शरीर को थकाता है, पर मन को कसता है। यही वह तप है, जो एक सैनिक को साधारण से असाधारण बनाता है।"
सुनील निराणिया ने न केवल इस तपस्या को सहा, बल्कि पूरे आत्मबल के साथ उसे पूरा कर गांव का गौरव बढ़ाया।

इस पावन अवसर पर सुनील निराणिया ने अपनी पहली सैलरी गौ माता की सेवा हेतु गांव की गौशाला को समर्पित कर दी, जिससे उनकी सेवा भावना और संस्कारों की झलक मिलती है। उन्होंने कहा, “सेना की सेवा करना मेरा कर्तव्य है, और गौ सेवा मेरे जीवन की आस्था है।”

सुनील निराणिया का परिवार राष्ट्र सेवा से लंबे समय से जुड़ा रहा है। उनके परदादा शहीद लादूराम वर्मा और पतराम वर्मा स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं, और उनके परिवार के अन्य सदस्य भी सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। अब तीसरी पीढ़ी में सुनील ने भारतीय सेना में चयनित होकर पूरे गांव और परिवार का नाम रोशन किया है।

गौशाला कमेटी द्वारा सभी ग्रामीणों के लिए जलपान की सुंदर व्यवस्था की गई थी। कार्यक्रम के बाद सभी लोग सुनील के घर पहुंचे, जहां पर भी सम्मानपूर्वक सभी के लिए जलपान की उत्तम व्यवस्था थी।

गांववासियों ने इस अवसर पर कहा, “देश सेवा करने वाले युवा हमारे गांव का गौरव हैं। सुनील ने जो कार्य किया है, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा।”

यह आयोजन गांव ढूकड़ा (जिला सिरसा) के इतिहास में एक प्रेरणास्पद और यादगार क्षण बन गया है।
 

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