जानिए आस्थमा जैसी घातक बीमारी के बारे ...........................
साँस में हो रही दिक्कत तो जल्द कराए डॉक्टर से चेकअप कंही आपको दमा या अस्थमा जैसी बीमारी तो नही लग गयी है
बीमारयो में दमा या अस्थमा एक घातक बीमारी है जो हमारे फेंफड़े संबन्धित बीमारी है। इसमें मरीज को हो सकती श्वास लेने में दिक्कत होती है। दमा के रोग के लिए नियमित रूप से शरीरिक गतिविधियाँ कठिन और असंभव होता है।
यह फेफड़े के वायुमार्ग से जुड़ी बीमारी है। अस्थमा में श्वास नली में सुजन आ जाती है। जानिए दमा के कारण, उपचार और रोकथाम के तरीके बताये गये है इन वायुमार्गों के द्वारा श्वास अन्दर और बाहर जाती है। सही समय पर इलाज न होने पर जानलेवा हो सकता है।
दमा और अस्थमा दोनों एक ही बीमारी है जो श्वसन तन्त्र को प्रभावित जिससे हमारा श्वास को प्रभावित करता है। दमा की बीमारी 5 से 11 साल के बच्चों में भी देखने को मिलता है। इस बीमारी में ब्रोन्कियल ट्यूबों (यहाँ से वायु फेफड़े में घूसती और निकलती है) सूजन आ जाती है जिस कारण से श्वास लेने में सीटी या फुसफुसाहट की आवाज निकलती है विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के आधार पर भारत में 20 मिलियन दमा के मरीज है। यह बीमारी आनुवांशिक और वायुप्रदूषण कारणों से होती है।
प्रदूषण स्थानों के कारण हवा में श्वास लेने से प्रदूषण नाक और मुंह के होते हुवे फेफड़े में जाती है। जिसके दमा तब होता है जब वायुपथ बंद होने लगता है। जिसके बाद श्वास लेने में तकलीफ होती है। मांसपेशियां पास होकर सिकुड़ जाती है।
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विश्व आस्थमा दिवस 2022
इस वर्ष यानि 2022 में 3 मई को विश्व अस्थमा दिवस मनाया गया था जिसको विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा हर वर्ष मई के पहले बृहस्पतिवार को मनाया जाता है । इसे मनाने का उद्देश्य लोगों का अस्थमा( दमा) के प्रति जागरूक किया जा सके ।
दमा या आस्थमा के प्रभावी लक्षण
- ऐसे स्थान जंहा जल्दी थकावट महसूस हो जाती है
- सांस लेते समय तकलीफ और हमारी छाती पर जकड़न या दर्द महसूस करना साँस लेते समय सीटी की तरह आवाज प्रतित होती है गले का अवरूद्ध एवं शुष्क होना।
- रात्रि के समय खाँसी हँसी और श्वास लेने में घबराहट पैदा हो जाना जो असहनीय होती है ।
- हमारी नाड़ी की गति का बढ़ना भी शामिल है।
- खाँसी से ज्यादा समय तक कठिनाई होना और कफ का लम्ब्बे समय तक न निकल पाना।
- हमारे शरीर में एक बेचैनी सी बनी रहना।
अस्थमा के प्रकार
अस्थमा कई का हो सकता है
आनुवांशिक के रूप में मिला दमा- यह अस्थमा पीढ़ी दर पीढ़ी चलता है जब इसका मूल रूप से इलाज ना किया जाये
मौसम के कारण से संक्रमणः- यहा अस्थमा मोसम में बदलाव से संक्रमण में वायरल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है
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