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बिना दहेज की शादी बनी चर्चा का विषय, सुमठनी की थाली में रखे 11लाख रुपए ना लेकर स्वीकार किया 1रुपया व नारियल

शक्कर मंदोरी निवासी मंगल सिंह सहारण की बेटी नितिन की शादी मोडा खेड़ा निवासी जतिन के साथ बिना दहेज़ के संपन्न हुई
 
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चोपटा। राजस्थान की सीमा से सटे सिरसा जिले के पैंतालिसा क्षेत्र में दहेज प्रथा रूपी दानव को खत्म करने की मुहिम लगातार जारी है। इसी कड़ी में शुक्रवार को गांव शक्कर मंदोरी निवासी मंगल सिंह सहारण की पुत्री नितिन की शादी गाँव मोडा खेड़ा जिला हिसार निवासी जतिन के साथ धूमधाम से संपन्न हुई। शादी में सभी परंपरागत रस्में अदा की गई। जब विदाई के समय वधू पक्ष की ओर से 11 लाख रुपए थाली में रखे गए तो वर के पिता दलबीर सिंह ने मात्र 1 रुपया और नारियल यह कहकर स्वीकार किया कि  दुल्हन ही दहेज है।

shakkar mandri

 

 

शादी समारोह में हरियाणा प्रदेश सरपंच एसोसिएसन की उप प्रधान संतोष बैनीवाल, विनोद बैनीवाल, किसान नेता रणधीर जोधंका, टीम मीनू बैनीवाल, पूर्व सरपंच दया राम सहारण, सुरेंदर सहारण सहित क्षेत्र के कई गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की और बिना दहेज की शादी सिरसा व हिसार जिलों में चर्चा का विषय बनी हुई है । 24 मार्च को सिरसा जिले के शक्कर मंदोरी निवासी मंगल सिंह सहारण की पुत्री नितिन की शादी हिसार जिले के गांव मोड़ा खेडा निवासी जतिन पुत्र दलबीर सिंह भादु के साथ पूरे रस्मो रिवाज से संपन्न हुई।

सुबह  विदाई के समय मंगल सिंह ने विदाई की रस्म अदा करते हुए सुमठनी की थाली में 11 लाख रुपए नगद रखें तो लड़के के पिता दलबीर सिंह भादू ने दहेज में लेने से मना कर दिया और रस्म के मुताबिक शगुन का  मात्र 1 रुपया व नारियल ही स्वीकार किया। इस मौके पर दलबीर सिंह ने कहा कि वह पेशे से अध्यापक हैं और हमेशा से ही समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ रहे हैं।

 

इसी के तहत दहेज प्रथा तो बिल्कुल ही बंद करने के पक्ष में है । उन्होंने बताया कि वधू पक्ष की ओर से आज विदाई के समय उन्होंने जो  11 लाख रुपए राशि देनी चाही तो उन्होंने उनका मान रखते हुए शगुन के रूप में मात्र 1 और नारियल ही लेकर दुल्हन को ही दहेज के रूप में स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि समाज  के अन्य लोगों को भी सबक लेकर दहेज प्रथा रूपी दानव को खत्म करना चाहिए।

 

उधर नितिन के माता-पिता सुमन और मंगल सिंह ने कहा कि  नितिन ने एम तक पढ़ाई की हुई है और उन्होंने शादी भी धूमधाम से संपन्न की है उनका कहना है कि वह बहुत खुश हैं कि उनकी पुत्री को ऐसा परिवार मिला जो दहेज के लोभी नहीं है और वह अन्य लोगों से अपील करते हैं कि अपनी बेटी को दहेज से पहले ही शिक्षित कर अपना फर्ज निभाना चाहिए। और समाज में फैली कुरीतियों को खत्म करने में  योगदान देना चाहिए।

इस अवसर पर शादी में शेर सिंह सहारनराधा कृष्ण बैनीवाल हंजिरा, विकास पलनिया, कृष्ण सहारन, हवा सिंह भादू, रमेश कुमार, भादू, कृष्ण सांघा, अजित ज्याणी, कृष्ण कासनियां, कृष्ण राव तेलनवाली, विक्रम, सुरेंदर, राजेश कुमार, देवी लाल, नरेंदर पाल, राज कुमार, दीवान सहारण सहित कई लोगों ने शिरकत की व वर पक्ष द्वारा दहेज प्रथा को खत्म करने में की मुहिम में अहम योगदान की सराहना की। जहां 11 लाख रुपए एक बहुत बड़ी रकम मानी जाती है वही दहेज के रूप में 1 लाख रुपए ना ले करके मात्र 1 रुपया व नारियल लेना लोगों में पूरी तरह चर्चा का विषय बना हुआ है। हर तरफ ग्रामीणों द्वारा शादी समारोह की तारीफ की जा रही है ।

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