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Motor Car Insurance: बारिश के पानी में कार डूबने या खराब होने पर भी कर सकते है बीमा क्लेम, इस प्रकार करें बीमा क्लेम

मोटर वाहन मालिकों को मोटर कार इंश्योरेंस चुनते समय कई प्रकार की सावधानियां बरतनी चाहिए
 
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Motor car Insurance

इस प्रकार चुनें कार इंश्योरेंस

बरतें ये सावधानियां

Insurance  में यह अवश्य एड-ऑन कराएं

Motor Car Insurance: बारिश के पानी में कार डूबने या खराब होने पर भी कर सकते है बीमा क्लेम, इस प्रकार करें बीमा क्लेम, कार इंश्योरेंस

Motor Car Insurance: मोटर वाहन मालिकों को मोटर कार इंश्योरेंस चुनते समय कई प्रकार की सावधानियां बरतनी चाहिए। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किस प्रकार चुने बेस्ट मोटर कार बीमा (Motor car Insurance)

 

इस समय बारिश का मौसम चल रहा है। देश में  जगह जगह भारी बारिश के बाद सडक़ों पर पानी भरने और वाहन फंसने के समाचार आते रहते हैं। जहां जलभराव रहता है, वहां गाड़ी फंसने या इंजन खराब होने का डर ज्यादा होता है। वे गाड़ियां ज्यादा खतरे में होती हैं, जिनका ग्राउंड क्लियरेंस कम है। यानी जमीन से जिनके चैसिस की ऊंचाई कम है। अगर आप भी ज्यादा बारिश या जलभराव वाले क्षेत्र में रहते हैं तो इंजन प्रोटेक्शन कवर लेना जरूरी है।

 

इस प्रकार चुनें कार इंश्योरेंस

वाहन मालिकों के पास थर्ड पार्टी बीमा के साथ साथ  कॉम्प्रिहेंसिव मोटर बीमा जरूर होना चाहिए, क्योंकि यह गाड़ी के साथ कोई हादसा होने, चोरी, या गाड़ी से किसी और को नुकसान पहुंचने पर खर्च की भरपाई कर देता है। परन्तु मॉनसून की बारिश से होने वाले नुकसान की भरपाई इसमें नहीं होती है। इसके लिए आपको कुछ ऐड ऑन कवर लेने चाहिए। वाहन मालिक वाहन बीमा लेते समय सिर्फ उसके चोरी हो जाने या किसी कलपुर्जे में खराबी के बारे में ही नहीं सोचें, बल्कि इस बात का भी ध्यान रखें कि जो बीमा ले रहे हैं, वो बारिश या बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान करती है या नहीं।

Insurance  में यह अवश्य एड-ऑन कराएं

इंजन प्रोटेक्शन कवर (Engine Protection Cover): अगर गाड़ी में पानी घुसने से कोई नुकसान होता है या इंजन बंद हो जाता है तो उसकी मरम्मत में या पूरे इंजन और पुर्जों को बदलने में आने वाला खर्च इस ऐड-ऑन कवर से मिल जाता है। इंजन के अलावा गियरबॉक्स जैसे पुर्जों को हुए नुकसान की भी भरपाई इसमें हो जाती है।

जीरो डेप्रिसिएशन कवर (Zero Depreciation Cover) : दावा निपटाते समय बीमा कंपनी डेप्रिसिएशन के नाम पर पुर्जे की कीमत कम लगाती हैं। मरम्मत में जो खर्च आता है और बीमा कंपनी डेप्रिसिएशन के बाद जो रकम तय करती है, उन दोनों के बीच का अंतर ग्राहक को अपनी जेब से देना होता है। जीरो डेप्रिसिएशन कवर से क्लेम की पूरी रकम मिल जाती है।

टायर प्रोटेक्शन (Tyre Protection): भारी बारिश में अक्सर सडक़ें खराब हो जाती हैं और इससे गाडिय़ों के टायरों को भी नुकसान होता है। टायर कटने, फटने या फूल जाने पर मरम्मत कराने या टायर बदले जाने के एवज में जो भी खर्च आता है, वह इस ऐड-ऑन से मिल जाता है

क्या बीमा कंपनी क्लेम देने से मना कर सकती है?

बीमा कंपनियां ऐसे दावों को खारिज कर सकती हैं, जिसमें कार को नुकसान ड्राइवर या कार मालिक की लापरवाही से हुआ है। मान लीजिए कार बेसमेंट में खड़ी है और उसमें पानी भर गया है। ऐसी स्थिति में अगर आप इंश्योरेंस कंपनी को सूचित कर कार को रिपेयर के लिए सर्विस सेंटर भेजते हैं तो बीमा का क्लेम पाने में परेशानी नहीं होगी। लेकिन अगर आप कार को स्टार्ट करने की कोशिश करते हैं तो कार का इंजन हाइड्रोस्टेटिक लॉक हो जाएगा। ऐसी स्थिति में बीमा कंपनी कार के इंजन में हुई खराबी को कवर नहीं करेगी।

बरतें ये सावधानियां

अगर कार पानी के अंदर खराब हो जाती है तो वह उसे स्टार्ट न करें, बल्कि क्रेन की मदद से उठाकर सर्विस सेंटर पहुंचाएं।

कार के पानी में डूबते ही सबसे पहले बैटरी को डिसकनेक्ट कर दें। इससे कार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और वायर पानी में खराब होने से बच जाएंगे। इससे कार वायरिंग के शार्ट सर्किट से जलने का खतरा भी कम हो जाता है।

वाहन के खोने या क्षतिग्रस्त होने पर तुरंत बीमा कंपनी को सूचित करें। बीमा कंपनी को सूचित करने और परामर्श लेने से पहले स्वयं कुछ न करें।

अगर कार बाढ़ में बह गई है तो सबसे पहले नजदीकी पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज कराएं। कार नहीं मिलने पर बीमा कंपनी कार के बीमाकृत घोषित मूल्य या आइडीवी का भुगतान करेगी।

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