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आज मिलेगा रोहतक को 20वां सांसद, 12 बार जीती है कांग्रेस, एक बार BJP ने मारी बाजी

मंगलवार को रोहतक संसदीय क्षेत्र को 20वां सांसद मिलेगा।
 
rohtak
रोहतक लोकसभा क्षेत्र को कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है, जहां से कांग्रेस 19 लोकसभा चुनाव, उप चुनाव सहित 12 बार जीत हासिल कर चुकी है।


हरियाणा की रोहतक लोकसभा सीट पर भाजपा से अरविंद शर्मा और कांग्रेस से दीपेंद्र हुड्डा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में चुनाव परिणाम तड़के तीन बजे आया था। अब की बार पहला रुझान जल्द आने की संभावना है। दोपहर तक तस्वीर साफ होगी।
रोहतक लोकसभा क्षेत्र को कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है, जहां से कांग्रेस 19 लोकसभा चुनाव, उप चुनाव सहित 12 बार जीत हासिल कर चुकी है। जनसंघ दो बार व एक बार भाजपा ने बाजी मारी। हुड्डा पिता-पुत्र के नाम जीत की हैट्रिक लगाने का रिकार्ड है। मंगलवार को रोहतक संसदीय क्षेत्र को 20वां सांसद मिलेगा। चार हलकों गढ़ी सांपला-किलोई, महम, रोहतक शहर व कलानौर की रोहतक, झज्जर, बहादुरगढ़, बेरी व बादली की झज्जर व कोसली की रेवाड़ी में सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू होगी। 10 बजे तक पहला रुझान मिलने की संभावना है। 12 बजे तक तस्वीर साफ हो सकती है।


संयुक्त पंजाब के समय 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में हरियाणा में सात लोकसभा क्षेत्र थे। इसमें रोहतक से चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा सांसद बने थे। उस समय रोहतक लोकसभा क्षेत्र के अंदर सोनीपत जिला भी आता था। 1957 में भी रणबीर हुड्डा ने ही जीत हासिल की। 1962 के लोकसभा चुनाव में रणबीर सिंह हुड्डा ने कलानौर से विधानसभा चुनाव लड़ा, जबकि कांग्रेस ने रणधीर सिंह बैंयापुर को लोकसभा का टिकट दिया, लेकिन वे पहली बार चुनाव मैदान में उतरे जनसंघ के चौधरी लहरी सिंह से हार गए। हालांकि 1967 के लोकसभा चुनाव में रणधीर सिंह जनसंघ के रामरूप को हराने में कामयाब रहे।

इसी बीच 1977 के लोकसभा चुनाव आपातकाल की छाया में हुए। कांग्रेस छोड़कर प्रोफेसर शेर सिंह नवगठित जनता पार्टी में आ गए और उन्होंने कांग्रेस के चौधरी मनफूल सिंह को रिकार्ड 2 लाख 59 हजार 645 वोटों से हरा दिया।रोहतक से जीतकर ताऊ देवीलाल बने थे उप प्रधानमंत्री
1980 में जनता पार्टी (सेक्लयूर) ने स्वामी इंद्रवेश, 1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रोफेसर हरद्वारी लाल, जबकि 1989 के लोकसभा चुनाव में जनता दल के प्रत्याशी चौधरी देवीलाल ने कांग्रेस के प्रोफेसर हरद्वारी लाल को हरा दिया। इसके बाद कांग्रेस का अब तक दबदबा कायम है।

1991,1996 व 1998 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, 1999 में लोकदल के कैप्टन इंद्र सिंह, 2004 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, 2005 के उप चुनाव, 2009 व 2014 में दीपेंद्र हुड्डा व 2019 में अरविंद शर्मा सांसद बने।

प्रोफेसर शेर सिंह का नहीं टूटा रिकार्ड
लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा मत लेने का रिकार्ड जनता पार्टी के प्रोफेसर शेर सिंह पर है,  जिनहोंने        1980 के चुनाव में रिकार्ड 80.3 प्रतिशत वोट हासिल की थी। इसके बाद 2009 में दीपेंद्र हुड्डा ने 70 प्रतिशत वोट हासिल की थी। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नाम विजय होने के साथ 30 प्रतिशत वोट लेने का रिकार्ड नाम है।

ताऊ देवीलाल व हुड्डा के बीच था सबसे करीब मुकाबला
1998 के लोकसभा चुनाव में सबसे करीबी मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व ताऊ देवीलाल के बीच हुआ था। देर रात तक मतगणना चलती रही। हुड्डा 383 वोट से जीत हासिल करने में कामयाब हुए थे।
 

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