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Sirsa News: विधानसभा क्षेत्रकालांवाली से नहीं आया कोई बड़ा प्रोजेक्ट, केहरवाला कीराह आसान नहीं होगी।

केहरवाला का दावा है कि उन्होंने हलके में 15करोड़ के कार्य करवाए हैं।
 
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शीशपाल केहरवाला के चुनाव जीतने का बड़ा कारण यह रहा था कि उनकी पंजाबी बेल्ट में अच्छी पैठ है।

 

 कालांवाली क्षेत्र से इस बार भाजपा ने राजेंद्र देसुजोधा पर दांव खेल दिया है। वहीं, मौजूदा विधायक शीशपाल केहरवाला को कांग्रेस से टिकट मिलना लगभग तय है।

 

 

अपने पांच साल के कार्यकाल में शीशपाल केहरवाला केवल विधानसभा में क्षेत्र के मुद्दे ही उठाते रहे हैं, लेकिन कोई बड़ा प्रोजेक्ट वह अपने विधानसभा क्षेत्र में नहीं ला पाए।

शीशपाल केहरवाला ने 2019 में कालांवाली क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था। शीशपाल केहरवाला 53 हजार 59 वोट लेकर विधायक बने थे। इस चुनाव में अकाली दल से चुनाव लड़े राजेंद्र सिंह देसूजोधा 33,816 वोट लेकर दूसरे नंबर पर रहे थे। भाजपा के प्रत्याशी बलकौर सिंह 30 हजार 134 वोट लेकर तीसरे नंबर पर रहे थे।

शीशपाल केहरवाला के चुनाव जीतने का बड़ा कारण यह रहा था कि उनकी पंजाबी बेल्ट में अच्छी पैठ है। साथ ही वह लोगों के बीच में जाकर उनसे लगातार संपर्क में रहे। वहीं राजेंद्र देसुजाधा पहले भाजपा में थे, 2029 में टिकट कटने के चलते नाराज होकर वह अकाली दल में शामिल हो गए और अकाली दल की टिकट पर चुनाव लड़ा था। अब भाजपा ने उन पर विश्वास जताया है और कालांवाली से टिकट थमाई है।

शीशपाल केहरवाला विधानसभा में अपने हलके की आवाज तो उठाते रहे, लेकिन कई चुनावी वादे पूरे नहीं कर पाए। इसका एक मुख्य कारण यह भी रहा है कि वह विपक्षी पार्टी के नेता थे। हालांकि केहरवाला का दावा है कि उन्होंने हलके में 15 करोड़ के कार्य करवाए हैं। जिनमें गांवों में शेड निर्माण, गली निर्माण, पार्कों का नवीनीकरण व सड़कें आदि शामिल हैं।

काम जो नहीं कर पाए शीशपाल केहरवाला

-कालांवाली को सब डिवीजन बना दिया गया, लेकिन अभी तक उप मंडल स्तरीय इमारत का निर्माण नहीं हो पाया।

-कालांवाली में खेल मैदान नहीं बनवा पाए।

- लड़कों का अलग से कॉलेज बनना था, लेकिन नहीं बन पाया, अब कालांवाली में को एजुकेशन कॉलेज चल रहा है।

- शिक्षा व स्वास्थ्य के मामलों को विधानसभा में आवाज उठाते रहे, लेकिन काम नहीं हो पाए।

- शीशपाल केहरवाला ने अपने क्षेत्र में कोई काम नहीं करवाया है। कालांवाली की जनता को विधायक से कई उम्मीदें थीं, लेकिन वह उस पर खरा नहीं उतर पाए। जनता ने उन पर विश्वास करके एक तरह से घर बैठे की उनको विधायक बनाया था, लेकिन वह जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरे।

रिपोर्ट कार्ड कालांवाली विधानसभा क्षेत्र

1- शीशपाल केहरवाला (कांग्रेस)

जन्म तिथि- 13 दिसंबर 1979

जन्म का स्थान- गांव केहरवाला

पिता का नाम- ओम प्रकाश केहरवाला

मां का नाम- रेशमा केहरवाला

शिक्षा- पॉलिटिकल साइंस में एमए, बीएड

नौकरी- नहीं

भाई-बहन- दो भाई व एक बहन में सबसे बड़े हैं

बच्चे- दो बेटे हैं

राजनीति शुरुआत

काॅलेज समय से ही शुरुआत कर दी थी। परिवार भी राजनीति से है। उनके परदादा केसरा राम मंत्री रह चुके हैं और जिला सिरसा में सबसे पहले नहर लेकर आए थे।

दादा मनीराम केहरवाला भी ऐलनाबाद से विधायक रह चुके हैं। वह खुद भी यूथ कांग्रेस के नेशनल महासचिव हैं। वो जम्मू कश्मीर, अरुणाचल, आसाम, उत्तराखंड, चंडीगढ़, यूपी प्रदेश के यूथ कांग्रेस के इंचार्ज रह चुके हैं।

कांग्रेस पार्टी ने अभी उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की है। लेकिन सीटिंग एमएलए शीशपाल केहरवाला विधानसभा कालांवाली से सबसे मजबूत चेहरा बताए जा रहे है।

सिटिंग एमएलए की टिकट भी लगभग तय बताई जा रही है। विधायक शीशपाल केहरवाला पिछले 5 साल में लगभग 15 करोड़ रुपये की लागत से हर शहर व गांव में गलियों, सड़कों, शैड़ लगाने, खेल ग्राउंड बनाने इत्यादि से विकास कार्य करवा चुके हैं।

शहर कालांवाली की कॉलोनियों को अप्रूवड करवाने, नशे पर रोक लगाने, खेल स्टेडियम बनाने, कालांवाली को सब-डिविजन बनाने, लड़कों के लिए कालेज बनाने, किसानों को घग्गर का पानी देने इत्यादि आमजन की मांगे उठा चुके हैं। शीशपाल केहरवाला राजनीतिक परिवार से संबंधित है। हरियाणा बनने के बाद पहली सरकार में ही केसराराम को सिंचाई उपमंत्री बनने का सौभाग्य हासिल हुआ।

मंत्री रहते हुए अपने छोटे से कार्यकाल में केसराराम ने सिंचाई को लेकर कई अहम कदम उठाए। उन्होंने जिला सिरसा में सिंचाई को लेकर कई नहरों का जाल बिछवाया। केसराराम के बाद उनके बेटे व शीशपाल केहरवाला के दादा मनीराम केहरवाला भी ऐलनाबाद से विधायक रह चुके हैं।

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