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Sirsa News: नागरिक अस्पताल में सर्जरी हो गई बंद, मर्ज से ज्यादा इंतजार का दर्द.

सरकार और स्वास्थ्य विभाग दादरी सिविल अस्पताल में विशेषज्ञों की कमी अब तक दूर नहीं कर पाए हैं।
 
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  ये ऑपरेशन  हो गए हैं ,   बंद

ग्रामीण क्षेत्र के मरीज भी सिविल अस्पताल पर निर्भर

दस हजार से एक लाख तक है सर्जरी का खर्च

विभाग छह बार भेज चुका मांग, इश्तिहार भी निकाला


सरकार और स्वास्थ्य विभाग दादरी सिविल अस्पताल में विशेषज्ञों की कमी अब तक दूर नहीं कर पाए हैं। विशेषज्ञों की कमी का आलम ये है कि 100 बेड के अस्पताल में छोटे ऑपरेशन करने के लिए सामान्य सर्जन तक नहीं है। 24 माह में जिला स्वास्थ्य विभाग सामान्य सर्जन समेत अन्य विशेषज्ञों की तैनाती के लिए छह बार मांग भेज चुका है।


साथ ही एसएमओ डॉ. राजविरेंद्र मलिक के छुट्टी पर चले जाने से परेशानी और बढ़ गई है। एसएमओ एक से 15 जुलाई तक छुट्टी पर हैं और इसके चलते सिजेरियन डिलिवरी बंद है। अस्पताल में तैनाती गाइनी डॉ. शिल्पा स्वास्थ्य संबंधी समस्या के चलते सिजेरियन डिलिवरी नहीं करवा पा रहीं। ऐसे में डॉ. राजविरेंद्र मलिक के लौटने के बाद ही सिजेरियन डिलिवरी की सुविधा शुरू हो पाएगी।


पिछले दो साल में सिविल अस्पताल से सामान्य ऑपरेशन के लिए करीब एक हजार मरीज भिवानी और रोहतक रेफर किए गए हैं। कई मरीजों ने रोहतक या भिवानी जाने के झंझट से बचने के लिए निजी अस्पताल में जाकर ऑपरेशन करवाना सही समझा। यहां उन्हें जेब ढीली करनी पड़ी। भिवानी और रोहतक जाने वाले मरीजों को 60 से 130 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ रही है। ऐसे में छोटे ऑपरेशन बंद होने से मरीज बड़ी दिक्कतें झेल रहे हैं।

सिविल अस्पताल में सामान्य ऑपरेशन सुविधा करीब साढ़े चार साल पहले तत्कालीन सीएमओ डॉ. विरेंद्र यादव ने शुरू कराई थी। इसके बाद यहां सर्जन के तौर पर डॉ. अंकित जांगड़ा अपनी सेवाएं दे रहे थे। ऑपरेशन सुविधा का मरीजों को काफी लाभ मिल रहा था। करीब दो साल पहले सर्जन डॉ. अंकित का यमुनानगर तबादला हुआ था। इसके बाद से ही दादरी को सामान्य सर्जन नहीं मिला और सामान्य ऑपरेशन बंद हैं।


  ये ऑपरेशन  हो गए हैं ,   बंद

सामान्य सर्जन न होने के चलते दादरी सिविल अस्पताल में हर्निया, फोड़ा, पथरी, पित की थैली और पेट संबंधी समेत अन्य विभिन्न छोटे ऑपरेशन बंद हैं। ये ऑपरेशन निशुल्क करवाने के लिए मरीजों को रोहतक पीजीआई और भिवानी सिविल अस्पताल की खाक छाननी पड़ रही है।

ग्रामीण क्षेत्र के मरीज भी सिविल अस्पताल पर निर्भर
चरखी दादरी सिविल अस्पताल के अधीन 12 पीएचसी और तीन सीएचसी आते हैं लेकिन जिले में एक भी सामान्य सर्जन नहीं है। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दरकार है और सामान्य ऑपरेशन शुरू करने के लिए कम से कम दो सामान्य सर्जन चाहिए।

दस हजार से एक लाख तक है सर्जरी का खर्च

विभागीय सूत्रों के अनुसार हर्निया जैसी सर्जरी के निजी अस्पतालों में दस से पंद्रह हजार रुपये तक चार्ज किया जाता है। इसके अलावा अगर पेट संबंधी कोई ऑपरेशन है तो इसका सामान्य तौर पर खर्च एक लाख रुपये तक आता है। पित की थैली के ऑपरेशन के निजी अस्पतालों में 20 से 30 हजार के बीच खर्च आ जाता है लेकिन ये सभी ऑपरेशन सिविल अस्पताल में निशुल्क हैं।

विभाग छह बार भेज चुका मांग, इश्तिहार भी निकाला


जिला स्वास्थ्य विभाग का तर्क है कि पिछले दो साल के अंदर सामान्य सर्जन की तैनाती के लिए मुख्यालय छह बार मांग भेजी गई है। इसके अलावा भर्ती का इश्तिहार भी दिया गया लेकिन किसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। अब पे-स्केल बढ़ाने की मांग मुख्यालय से की जाएगी और उसके बाद उम्मीद है कि सामान्य सर्जन की तैनाती हो जाए।

जिला अस्पताल में सामान्य सर्जन तैनाती नहीं है और इसके छोटे ऑपरेशन बंद हैं। ओटी में फिलहाल ऑर्थो और आंखों के ऑपरेशन हो रहे हैं। जल्द ही सामान्य सर्जन की तैनाती होने की उम्मीद है और इसके तुरंत बाद सामान्य ऑपरेशन सुविधा फिर से बहाल कर दी जाएगी।

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