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Sirsa news. स्त्री में सृजन, पोषण व परिवर्तन की शक्ति है: लक्ष्मण दास नाहर।

महिलाओं को किसी भी रूप में अपने आप को पुरुषों से काम नहीं समझना चाहिए।
 
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प्रारंभिक शिक्षा से ही छात्रों में स्त्री पुरुष समानता के विचार पल्लवित किए जाएं।


सिरसा। स्वतंत्रता सेनानी वेद रामदयाल राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मंडी डबवाली में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में 3 एचआर बीएन एनसीसी हिसार के कार्यक्रम समाज सेवा और सामुदायिक विकास के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया।

 

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि लक्ष्मण दास नाहर खंड शिक्षा अधिकारी व प्रधानाचार्य द्वारा किया गया। उन्होंने इस विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण संबंधी किया जा रहे प्रयास तभी सफल सिद्ध हो सकते हैं, जब सामाजिक जागरूकता लाई जाए।

 

प्रारंभिक शिक्षा से ही छात्रों में स्त्री पुरुष समानता के विचार पल्लवित किए जाएं। उन्होंने  कहा कि ईश्वर ने स्त्री को सृजनए पोषण व परिवर्तन की शक्ति से नवाजा हैए सृष्टि का अस्तित्व महिलाओं के बिना संभव नहीं है।

इसलिए महिलाओं को किसी भी रूप में अपने आप को पुरुषों से काम नहीं समझना चाहिए। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डा. प्रियंका जोशी प्रवक्ता राजनीतिक विज्ञान ने महिला सुरक्षा, शिक्षा और सशक्तिकरण विषय पर अपने विचार सांझा किए।

उन्होंने कहा की सरकार को सबसे पहले महिला सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए, यदि बेटियां सुरक्षित रूप से जन्म ले भी लेती है तो भी उनकी चुनौतियां कम नहीं होती। नवजात बच्चियों से लेकर 80 वर्षीय महिलाएं भी दुष्कर्म का शिकार हो रही हैं।

इस परिदृश्य को देखते हुए महिलाओं की सुरक्षा का प्रश्न सबसे अधिक महत्वपूर्ण है।

उन्होंने छात्राओं से कहा कि आत्मनिर्भर होने के लिए उनका शिक्षित होना सबसे ज्यादा जरूरी है, इसलिए उन्हें जो पढऩे का अवसर मिला है इसका उन्हें उचित लाभ उठाते हुए अपने सपनों को उड़ान देनी चाहिए।

पूनम सचदेवा प्रवक्ता अंग्रेजी ने आधुनिक संदर्भ में नारी सशक्तिकरण पर अपने विचार रखते हुए कहा कि महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं है।

वह शिक्षा, खेलकूद, राजनीति यहां तक की अंतरिक्ष में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं। कृष्ण कायत प्रवक्ता अंग्रेजी ने कार्यक्रम में विशेष संबोधन में कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए समाज का वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित किया जाना जरूरी है।

उन्होंने उन पुरानी रूढिय़ों व मान्यताओं का वैज्ञानिक आधार पर खंडन करने को कहा जो महिलाओं के साथ भेदभाव करती आई हैं। कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन डा. सुनील कुमार प्रवक्ता पंजाबी (एएनओ एनसीसी) द्वारा किया गया।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि नारी चेतना का अर्थ नारी द्वारा मर्दों वाले काम करना नहीं, बल्कि औरतों के काम को मान्यता देना है। इस अवसर पर निशा जसूजा प्रवक्ता गणित, रेनू प्रवक्ता हिंदी, अंजू प्रवक्ता वाणिज्य, गुरप्रीत सिंह प्रवक्ता शारीरिक शिक्षा, किरण ड्राइंग अध्यापिका, जितेंद्र कुमार वोकेशनल अध्यापक (ऑटोमेशन) व सन्नी कुमार वोकेशनल अध्यापक (आईटी) व एनसीसी यूनिट के छात्र-छात्राएं व विद्यालय के अन्य छात्र-छात्राएं भी उपस्थित थे।



 

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