सिरसा: भगवान शिव की कथा से मिलता है विश्व कल्याण का संदेश.

सिरसा में आयोजित श्री शिव पुराण कथा में प्रसिद्ध कथावाचक और आध्यात्मिक गुरु पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज ने भगवान शिव की महिमा का गुणगान किया। उन्होंने कहा कि शिव की कथा न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग दिखाती है, बल्कि विश्व का कल्याण भी करती है। भगवान शिव की कृपा के बिना उनके दर्शन भी संभव नहीं हैं।
यदि मनुष्य अपने शरीर के एक रोम के बराबर भी ईश्वर की अविरल भक्ति प्राप्त कर ले, तो उसका जीवन सार्थक हो जाता है।
शिव भक्ति का महत्व
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि भगवान शिव की कृपा और उदारता केवल उन्हीं को प्राप्त होती है, जो सच्चे मन से उनकी भक्ति करते हैं। भले ही कोई 24 घंटे शिव की आराधना न कर सके, लेकिन यदि वह प्रतिदिन एक मिनट भी उनका ध्यान करता है, तो महादेव की कृपा से उसके जीवन में शुभ घटनाएँ घटित होने लगती हैं।
उन्होंने चेताया कि यदि चित्तवृति परमात्मा में स्थिर नहीं है, तो की गई भक्ति व्यर्थ चली जाती है। इसलिए, भक्ति में स्थिरता और निष्ठा आवश्यक है।
शिव और भक्त का अटूट संबंध
उन्होंने श्रद्धालुओं को प्रेरित करते हुए कहा कि यदि किसी को भगवान शिव पर सच्चा विश्वास है, तो उसे शिवालय में जाकर शिवलिंग पर एक लोटा जल अर्पित करना चाहिए। इससे भगवान शिव उस भक्त को अपना बना लेंगे और उसके जीवन के सभी कष्ट हर लेंगे।
उन्होंने बताया कि शिव से जुड़ने के लिए घंटों ध्यान करने की आवश्यकता नहीं है। केवल "श्री शिवाय नमस्तुभ्यम" मंत्र का उच्चारण करते हुए जल अर्पित करना और नंदी के कान में अपनी मनोकामना कह देना पर्याप्त है। भगवान शिव निश्चित रूप से भक्त की प्रार्थना स्वीकार करेंगे।
भक्ति में बहाने नहीं चलते
आजकल लोग भक्ति के कार्यों को टालने के लिए विभिन्न बहाने बनाते हैं। पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि कई लोग बारिश या खराब मौसम का बहाना बनाकर मंदिर जाने से बचते हैं, लेकिन यदि वही लोग अपने दफ्तर या दुकान पर जाने की बात हो तो वे मौसम की चिंता नहीं करते। उन्होंने स्पष्ट किया कि सच्चे भक्त को कभी भी भक्ति के मार्ग में रुकावटें नहीं आने देनी चाहिए।
जिस प्रकार परिवार में कोई संकट आने पर मौसम की परवाह नहीं की जाती, उसी प्रकार सच्चा शिवभक्त कभी भी भगवान की पूजा को टालता नहीं है।
सिरसा का धार्मिक महत्व
इस अवसर पर पूर्व मंत्री गोपाल कांडा ने भी अपनी धर्मपत्नी सरस्वती कांडा के साथ व्यासपीठ से आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि सिरसा की भूमि के नीचे सरस्वती नदी बहती है और यह बाबा सरसांईनाथ की नगरी है। इसी कारण इस स्थान का नाम सिरसा पड़ा। इस ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को समझते हुए, यहाँ शिव भक्ति को और अधिक बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
शिव कथा न केवल आध्यात्मिकता को जागृत करती है, बल्कि भक्तों को सही दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरित भी करती है। भगवान शिव की भक्ति से व्यक्ति अपने जीवन के सभी संकटों से मुक्ति पा सकता है और उसे शांति एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है।
श्रद्धा और विश्वास से की गई छोटी-सी भक्ति भी महादेव को प्रसन्न कर सकती है, इसलिए हर व्यक्ति को भगवान शिव की कृपा पाने के लिए निस्वार्थ भाव से उनकी पूजा करनी चाहिए।