जानियें मुख्यमंत्री नायब सैनी के लिए भाजपा हाईकमान ने आखिरकार सुरक्षित सीट तलाश ली।
भाजपा के 67 उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। पहली लिस्ट में तीन मंत्रियों समेत आठ विधायकों का टिकट कटा है। नौ मंत्रियों को दोबारा मौका मिला है, जबकि 27 नए चेहरे मैदान में उतारे हैं। जजपा से आए पांच नेताओं को भी टिकट मिला है।
मुख्यमंत्री नायब सैनी के लिए भाजपा हाईकमान ने आखिरकार सुरक्षित सीट तलाश ली। वह लाडवा से चुनाव लड़ेंगे। दस साल में विधानसभा चुनाव में यह उनका तीसरा निर्वाचन क्षेत्र है। वहीं, पार्टी ने उन लोगों को पूरा मौका दिया है, जो दूसरे दलों से आए थे। इनमें जजपा, कांग्रेस और इनेलो के नेता शामिल हैं।
नायब सैनी ने 2014 में पहली बार नारायणगढ़ विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी। उसके बाद वह कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। बीते मार्च में मनोहर लाल के सीएम पद छोड़ने पर सैनी ने करनाल विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ा और जीता। रोचक बात यह है कि वह कहीं से भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।
नारायणगढ़ के विधायक रूप में कार्यकाल पूरा करने से पहले पार्टी ने उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में कुरुक्षेत्र सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया। कुरुक्षेत्र सांसद का कार्यकाल पूरा होने से पहले 2024 में उन्हें मनोहर लाल की जगह सीएम नियुक्त कर दिया गया।
करनाल में भी वह सिर्फ चार महीने विधायक रहेंगे। लाडवा की सीट इस समय कांग्रेस के कब्जे में है। यहां से विधायक मेवा सिंह हैं, जिन्होंने 2019 में पूर्व विधायक डॉ. पवन सैनी को 12637 मतों से हराया था। 2014 में डॉ. पवन सैनी विधायक चुने गए थे और उससे पहले इनेलो ने जीत दर्ज की थी।
इसलिए लाडवा सीट को चुना
पूर्व सीएम मनोहर लाल के इस्तीफा देने के बाद जब नायब सैनी को करनाल विधानसभा से उपचुनाव लड़वाया गया तो पंजाबी समुदाय खुश नहीं था। वह पंजाबी ही उम्मीदवार चाहते थे। इस पर मनोहर लाल ने उन्हें भरोसा दिया था कि अभी सैनी को चुनाव लड़ने दें। अगले चुनाव में पंजाबी उम्मीदवार ही उतारेंगे।
दूसरा कारण यह है कि यदि सैनी करनाल से चुनाव लड़ते तो कांग्रेस उनके सामने पंजाबी उम्मीदवार उतारने की रणनीति बना रही थी। ऐसे में सैनी के लिए यह सीट सुरक्षित नहीं होती। वहीं, लाडवा में नायब सैनी का पैतृक गांव है। उनकी काफी सारी रिश्तेदारियां हैं और सैनी समुदाय के भी 30 हजार से ज्यादा मतदाता हैं।
कुलदीप बिश्नोई के समर्थकों को मिला टिकट
भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई जो टिकट मांग रहे थे, पार्टी में उन्हें पूरा सम्मान मिला है। उनके बेटे भव्य बिश्नोई को आदमपुर से टिकट दिया है। चौधरी दूड़ाराम बिश्नोई को एक बार फिर फतेहाबाद से टिकट दिलवाने में कुलदीप कामयाब रहे हैं। कुलदीप के पारिवारिक मित्र रणधीर सिंह पनिहार को नलवा से टिकट मिला है।
इसलिए लाडवा सीट को चुना
पूर्व सीएम मनोहर लाल के इस्तीफा देने के बाद जब नायब सैनी को करनाल विधानसभा से उपचुनाव लड़वाया गया तो पंजाबी समुदाय खुश नहीं था। वह पंजाबी ही उम्मीदवार चाहते थे। इस पर मनोहर लाल ने उन्हें भरोसा दिया था कि अभी सैनी को चुनाव लड़ने दें। अगले चुनाव में पंजाबी उम्मीदवार ही उतारेंगे।
दूसरा कारण यह है कि यदि सैनी करनाल से चुनाव लड़ते तो कांग्रेस उनके सामने पंजाबी उम्मीदवार उतारने की रणनीति बना रही थी। ऐसे में सैनी के लिए यह सीट सुरक्षित नहीं होती। वहीं, लाडवा में नायब सैनी का पैतृक गांव है। उनकी काफी सारी रिश्तेदारियां हैं और सैनी समुदाय के भी 30 हजार से ज्यादा मतदाता हैं।
कुलदीप बिश्नोई के समर्थकों को मिला टिकट
भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई जो टिकट मांग रहे थे, पार्टी में उन्हें पूरा सम्मान मिला है। उनके बेटे भव्य बिश्नोई को आदमपुर से टिकट दिया है। चौधरी दूड़ाराम बिश्नोई को एक बार फिर फतेहाबाद से टिकट दिलवाने में कुलदीप कामयाब रहे हैं। कुलदीप के पारिवारिक मित्र रणधीर सिंह पनिहार को नलवा से टिकट मिला है।
इन 23 सीटों पर घोषित नहीं हुए टिकट
भाजपा ने 23 सीटों पर टिकट अभी रोक लिए हैं। इनमें नारायणगढ़, पूंडरी, असंध, गन्नौर, राई, बरौदा, जुलाना, नरवाना, डबवाली, सिरसा, ऐलनाबाद, रोहतक, महेंद्रगढ़, नारनौल, बावल, पटौदी, नूंह, फिरोजपुर झिरका, पुन्हाना, हथीन, होडल, फरीदाबाद एनआईटी, बड़खल शामिल हैं।
भाजपा नेताओं के बेटे-बेटियों को भी टिकट
हरियाणा में भाजपा के लिए एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत अपवाद हो गया है। पार्टी ने केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव को अटेली और सांसद किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को तोशाम से उम्मीदवार बनाया है। वहीं, भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को आदमपुर, पूर्व मंत्री करतार भड़ाना के बेटे मनमोहन भड़ाना को समालखा और पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के बेटे सुनीत सांगवान को चरखी दादरी से मैदान में उतार है। इस फेहरिस्त में पूर्व मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी शक्तिरानी शर्मा भी शामिल हैं।
पूर्व मुख्यमंत्रियों के पोता-पोतियों को मौका
भाजपा ने राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों के पोता-पोतियों को भी टिकट दिया है। इनमें पूर्व सीएम राव बिरेंद्र सिंह की पोती आरती राव, चौधरी भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई और चौधरी बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी को शामिल हैं।
मनोहर सरकार के पूर्व मंत्रियों को दिया मौका
भाजपा ने मनोहर सरकार के पूर्व मंत्रियों को भी मौका दिया है। मनोहर लाल के पहले कार्यकाल में मंत्री रहे कैप्टन अभिमन्यु, ओपी धनखड़, विपुल गोयल, कृष्ण लाल पंवार, राव नरबीर सिंह को मौका मिला है। वहीं, पूर्व निकाय मंत्री कविता जैन, पूर्व मंत्री कर्णदेव कांबोज को टिकट नहीं मिला है।
वहीं पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा की सीट पर टिकट की घोषणा नहीं हुई है। इसी तरह से सैनी सरकार के दो मंत्री सीमा त्रिखा और बनवारी लाल की सीट की घोषणा अभी रहती है। दूसरी सूची में इनकी सीट की घोषणा हो सकती है।