बीजेपी उम्मीदवार सुनील सांगवान को राम रहीम से क्यों जोड़ा जा रहा कनेक्शन?
बीजेपी ने हरियाणा की चरखी दादरी सीट से सुनील सांगवान को टिकट दिया है. दो दिन पहले ही बीजेपी में शामिल हुए सुनील सांगवान के टिकट पर सवाल क्यों उठ रहे हैं और क्यों उनका डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम से कनेक्शन जोड़ा जा रहा है?
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 67 उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. इसमें एक नाम है सुनील सांगवान का. सुनील सांगवान दो दिन पहले ही बीजेपी में शामिल हुए थे और अब पार्टी ने उन्हें चरखी दादरी सीट से उम्मीदवार बना दिया है.
सुनील के बीजेपी में शामिल होने और उम्मीदवार जाने को सत्ता-सिस्टम गठजोड़ का उदाहरण बताते हुए सवाल भी उठाए जा रहे हैं. जेल विभाग में कार्यरत रहे सुनील सांगवान कौन हैं और उन्हें बीजेपी उम्मीदवार बनाए जाने पर सवाल क्यों उठ रहे हैं?
कौन हैं सुनील सांगवान?
सुनील सांगवान हरियाणा सरकार में राजस्व एवं सहकारिता मंत्री रहे सतपाल सांगवान के बेटे हैं. सतपाल सांगवान पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के करीबियों में गिने जाते थे. सुनील को साल 2002 में हरियाणा के जेल विभाग में तैनाती मिली थी. भौंडसी जेल में बतौर जेल उपाधीक्षक जेल विभाग के के साथ सफर शुरू किया था, उसी भौंडसी जेल में जेल अधीक्षक पद पर रहते हुए वीआरएस ले लिया.
सुनील के टिकट पर सवाल क्यों?
जेल विभाग में 22 साल से अधिक की नौकरी के बाद सुनील ने वीआरएस के लिए आवेदन किया था. 1 सितंबर को ही हरियाणा सरकार के गृह विभाग ने सुनील का आवेदन स्वीकार किया था और 3 सितंबर को उन्होंने औपचारिक रूप से बीजेपी का दामन थाम लिया. 4 सितंबर को बीजेपी ने सुनील को चरखी दादरी सीट से टिकट देने का ऐलान कर दिया.
अब सुनील के टिकट पर सवाल उठ रहे हैं तो उसकी वजह न तो टाइमलाइन है और ना किसी अफसर का सियासी डेब्यू, इसकी वजह है उनका सुनारिया कनेक्शन. सुनील सांगवान करीब पांच साल तक रोहतक की सुनारिया जेल के जेल अधीक्षक रहे.
राम रहीम से क्यों जोड़ा जा रहा कनेक्शन
सुनील सांगवान जिस सुनारिया जेल के जेल अधीक्षक पद पर पांच साल तक तैनात रहे, उसी जेल में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम बंद है. राम रहीम हाल ही में 21 दिन की फरलो पर जेल से बाहर आया था.
चुनावी मौसम में राम रहीम के फरलो को लेकर सवाल भी उठे. राम रहीम को अब तक 10 बार फरलो या परोल पर रिहाई मिली है और इनमें से छह मौके सुनील सांगवान के सुनारिया जेल में जेल अधीक्षक पद पर तैनात रहते ही आए. फरलो हो या परोल या फिर किसी कैदी की अच्छे आचरण की वजह से सजा माफी, जेल अधीक्षक की रिपोर्ट ही निर्णायक मानी जाती है. अब सुनील सांगवान को बीजेपी ने चुनाव मैदान में उतार दिया है तो इस पर सवाल उठ रहे हैं.
हरियाणा में चुनाव कब?
हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं. सूबे की सभी 90 सीटों पर एक ही चरण में 5 अक्टूबर को वोटिंग होनी है और नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे. पहले चुनाव आयोग ने हरियाणा की सभी सीटों पर मतदान के लिए 1 अक्टूबर की तारीख तय की थी और चुनाव नतीजे 4 अक्टूबर को आने थे.
अखिल भारती बिश्नोई महासभा बीकानेर ने चुनाव आयोग से गुरु जम्भेश्वर की याद में 2 अक्टूबर को असोज अमावस का जिक्र करते हुए हरियाणा में मतदान की तारीख बदलने की मांग की थी. बिश्नोई महासभा ने समाज के लोगों के इस त्योहार पर राजस्थान आने का उल्लेख करते हुए कहा था कि हजारों परिवार जो राजस्थान की यात्रा करेंगे, वे मताधिकार वंचित रह जाएंगे.