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राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) का परिचय.

भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आजीविका और रोजगार एक प्रमुख मुद्दा रहा है।
 
gramin mission
ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन के लिए एक प्रमुख योजना।

भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आजीविका और रोजगार एक प्रमुख मुद्दा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनमें से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) एक प्रभावी योजना है, जो महिलाओं और गरीब परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) का परिचय
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, जिसे आजीविका मिशन भी कहा जाता है, 2011 में शुरू किया गया था। यह योजना केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा संचालित की जाती है और इसे विश्व बैंक का भी सहयोग प्राप्त है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण गरीबों को संगठित करके उन्हें सतत आजीविका के अवसर प्रदान करना और गरीबी से बाहर निकालना है।

NRLM के मुख्य उद्देश्य
NRLM का मुख्य उद्देश्य गरीबी रेखा के नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाले लोगों को स्वरोजगार और कौशल विकास के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इसके अन्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

  • स्वयं सहायता समूह (SHGs) का गठन: ग्रामीण क्षेत्रों में Self Help Groups (SHGs) का निर्माण करके महिलाओं को संगठित किया जाता है, जिससे वे वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।
  • बैंक लिंकेज: SHGs को बैंकों से जोड़कर उन्हें आसानी से ऋण उपलब्ध कराना।
  • कौशल विकास: ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को Skill Development के माध्यम से रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना।
  • उद्यमिता को बढ़ावा: ग्रामीण क्षेत्रों में Micro Enterprises स्थापित करने के लिए सहायता प्रदान करना।
  • महिलाओं का सशक्तिकरण: NRLM विशेष रूप से महिलाओं पर केंद्रित है और उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए सहयोग करता है।

NRLM के अंतर्गत कार्यान्वित योजनाएं
NRLM को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए इसे विभिन्न उप-योजनाओं में विभाजित किया गया है, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

  1. दीन दयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM):

    • ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन के लिए एक प्रमुख योजना।
    • SHGs के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना।
  2. रूरल स्किल डेवलपमेंट स्कीम (RSETI):

    • बेरोजगार युवाओं को व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करना।
    • स्वरोजगार और लघु उद्योगों को बढ़ावा देना।
  3. महिला सशक्तिकरण एवं उद्यमिता कार्यक्रम:

    • महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार और व्यवसायिक अवसर उपलब्ध कराना।
    • SHGs को वित्तीय सहायता प्रदान करना।
  4. स्टार्टअप विलेज एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम (SVEP):

    • ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को प्रोत्साहित करना।
    • Micro Enterprises की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता और मार्गदर्शन देना।

NRLM का प्रभाव और उपलब्धियां
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। इसकी प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार हैं:

  • SHGs की संख्या में वृद्धि:
    भारत में 80 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह कार्यरत हैं, जिनमें लगभग 9 करोड़ महिलाएं सदस्य हैं।
  • आर्थिक स्थिति में सुधार:
    इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे व्यवसाय और स्वरोजगार के अवसर बढ़े हैं।
  • बैंक लिंकेज में सुधार:
    NRLM के तहत SHGs को बैंकों से जोड़कर उन्हें ऋण प्रदान किया जाता है, जिससे वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिला है।
  • महिलाओं की भागीदारी:
    इस योजना के कारण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिला है, जिससे उनका सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण हुआ है।

चुनौतियां और सुधार के सुझाव
हालांकि NRLM ने उल्लेखनीय प्रगति की है, लेकिन अभी भी कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं:

  • SHGs के प्रबंधन की कमी: कुछ समूहों में प्रबंधन और प्रशिक्षण की उचित व्यवस्था नहीं है।
  • बैंक ऋण की जटिल प्रक्रिया: कई ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं की पहुंच सीमित है, जिससे SHGs को ऋण प्राप्त करने में कठिनाई होती है।
  • तकनीकी जागरूकता की कमी: ग्रामीण महिलाओं और युवाओं को डिजिटल तकनीक और मार्केटिंग की जानकारी देने की आवश्यकता है।

इन चुनौतियों को दूर करने के लिए निम्नलिखित सुधार किए जा सकते हैं:

  • SHGs के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।
  • बैंकों की ऋण प्रक्रिया को सरल बनाना और ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करना।
  • डिजिटल लिटरेसी और ऑनलाइन मार्केटिंग के लिए प्रशिक्षण देना।

    भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आजीविका और रोजगार एक प्रमुख मुद्दा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं।

  • इनमें से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) एक प्रभावी योजना है, जो महिलाओं और गरीब परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है।

  • राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) का परिचय
    राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, जिसे आजीविका मिशन भी कहा जाता है, 2011 में शुरू किया गया था। यह योजना केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा संचालित की जाती है और इसे विश्व बैंक का भी सहयोग प्राप्त है।
  • इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण गरीबों को संगठित करके उन्हें सतत आजीविका के अवसर प्रदान करना और गरीबी से बाहर निकालना है।

  • NRLM के मुख्य उद्देश्य
    NRLM का मुख्य उद्देश्य गरीबी रेखा के नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाले लोगों को स्वरोजगार और कौशल विकास के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इसके अन्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
  • स्वयं सहायता समूह (SHGs) का गठन: ग्रामीण क्षेत्रों में Self Help Groups (SHGs) का निर्माण करके महिलाओं को संगठित किया जाता है, जिससे वे वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।
  • बैंक लिंकेज: SHGs को बैंकों से जोड़कर उन्हें आसानी से ऋण उपलब्ध कराना।
  • कौशल विकास: ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को Skill Development के माध्यम से रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना।
  • उद्यमिता को बढ़ावा: ग्रामीण क्षेत्रों में Micro Enterprises स्थापित करने के लिए सहायता प्रदान करना।
  • महिलाओं का सशक्तिकरण: NRLM विशेष रूप से महिलाओं पर केंद्रित है और उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए सहयोग करता है।
  • NRLM के अंतर्गत कार्यान्वित योजनाएं
    NRLM को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए इसे विभिन्न उप-योजनाओं में विभाजित किया गया है, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

  • दीन दयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM):

    • ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन के लिए एक प्रमुख योजना।
    • SHGs के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना।
  • रूरल स्किल डेवलपमेंट स्कीम (RSETI):

    • बेरोजगार युवाओं को व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करना।
    • स्वरोजगार और लघु उद्योगों को बढ़ावा देना।
  • महिला सशक्तिकरण एवं उद्यमिता कार्यक्रम:

    • महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार और व्यवसायिक अवसर उपलब्ध कराना।
    • SHGs को वित्तीय सहायता प्रदान करना।
  • स्टार्टअप विलेज एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम (SVEP):

    • ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को प्रोत्साहित करना।
    • Micro Enterprises की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता और मार्गदर्शन देना।
  • NRLM का प्रभाव और उपलब्धियां
    राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। इसकी प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार हैं:

  • SHGs की संख्या में वृद्धि:
    भारत में 80 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह कार्यरत हैं, जिनमें लगभग 9 करोड़ महिलाएं सदस्य हैं।
  • आर्थिक स्थिति में सुधार:
    इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे व्यवसाय और स्वरोजगार के अवसर बढ़े हैं।
  • बैंक लिंकेज में सुधार:
    NRLM के तहत SHGs को बैंकों से जोड़कर उन्हें ऋण प्रदान किया जाता है, जिससे वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिला है।
  • महिलाओं की भागीदारी:
    इस योजना के कारण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिला है, जिससे उनका सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण हुआ है।
  • चुनौतियां और सुधार के सुझाव
    हालांकि NRLM ने उल्लेखनीय प्रगति की है, लेकिन अभी भी कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं:

  • SHGs के प्रबंधन की कमी: कुछ समूहों में प्रबंधन और प्रशिक्षण की उचित व्यवस्था नहीं है।
  • बैंक ऋण की जटिल प्रक्रिया: कई ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं की पहुंच सीमित है, जिससे SHGs को ऋण प्राप्त करने में कठिनाई होती है।
  • तकनीकी जागरूकता की कमी: ग्रामीण महिलाओं और युवाओं को डिजिटल तकनीक और मार्केटिंग की जानकारी देने की आवश्यकता है।
  • इन चुनौतियों को दूर करने के लिए निम्नलिखित सुधार किए जा सकते हैं:

  • SHGs के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।
  • बैंकों की ऋण प्रक्रिया को सरल बनाना और ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करना।
  • डिजिटल लिटरेसी और ऑनलाइन मार्केटिंग के लिए प्रशिक्षण देना।
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