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छत पर सब्जियों की खेती शुरू कर 4 साल में दो दोस्तों ने 4 करोड़ के टर्नओवर वाली कंपनी बनाई

श्रीगंगानगर के अमित कुमार और रावतभाटा के अभय सिंह आईआईटी, मुंबई में पढ़ते थे। दोनों ने किसानों को नई तकनीक जोड़ना व आय कैसे दोगनी हो इस पर काम करना शुरू किया। दोनों ने 6 महीने भारत के अलग अलग राज्यों के कई गांवों में किसानों से मिलकर जैविक खेती को समझा। खेती में आ
 

श्रीगंगानगर के अमित कुमार और रावतभाटा के अभय सिंह आईआईटी, मुंबई में पढ़ते थे। दोनों ने  किसानों को नई तकनीक जोड़ना व आय कैसे दोगनी हो इस पर काम करना शुरू किया। दोनों ने 6 महीने भारत के अलग अलग राज्यों के कई गांवों में किसानों से मिलकर जैविक खेती को समझा। खेती में आ रही परेशानियों को जाना। कुछ नेट से जानकारी जुटाई। दोनों  ने घर की छत पर सब्जियों की खेती शुरू कर दी। 4 साल में दोनों ने 4 करोड़ के टर्नओवर वाली कंपनी खड़ी  कर दी।

 

दोनों रोबोटिक पर रिसर्च कर रहे थे। इसी दौरान दोनों की दोस्ती हो गई। अमित व अभय ने साल 2015 में जॉब शुरू की थी। उस वक्त दोनों का सालाना पैकेज करीब 15-15 लाख था। 2017 तक दोनों ने पुणे, मुंबई बेंगलुरु में अलग-अलग कंपनियों में जॉब किया। तब तक उनका पैकेज 20 लाख रुपए हो गया था। अलग-अलग राज्यों में घूमे तो ग्रोइंग चैंबर्स और पॉलीहाउस का आइडिया आया। दोनों ने तय किया कि एग्रीकल्चर में ही कुछ करेंगे। 2018 में उन्होंने इसकी शुरुआत की और 4 साल में खेती को कॉर्पोरेट बिजनेस बना दिया। आज 75 लोगों की टीम उनके साथ काम कर रही है, जिसमें मजदूर के लेकर मार्केटिंग टीम और मैनेजर शामिल हैं। कंपनी फाउंडर अमित का कहना है कि हमारी कंपनी ईकी फूड्स का विजन है कि वे लोगों को प्योर ऑर्गेनिक सब्जियां उपलब्ध करवाएं। उनके कोटा, बूंदी और भीलवाड़ा में 5 पॉलीहाउस है।

 

एक पॉलीहाउस से महीने की इनकम करीब 10 लाख है। ऐसे में एक पॉलीहाउस से साल के 1 करोड़ से ज्यादा और सभी को पालीहाउस को मिलाकर 4 करोड़ से ज्यादा का टर्नओवर है। पॉलीहाउस में तैयार सब्जियां देश के कई मल्टीनेशनल  फूड ब्रांड और फास्ट फूड कंपनियों को बेची जा रही हैं। अमित और अभय सिंह ने बताया कि जॉब के दौरान ही ऑर्गेनिक खेती का आइडिया आया। चैलेंज था कि हम किसानों को जोड़ना चाहते थे। उनकी इनकम डबल करना चाहते थे। इसके लिए हम दोनों 6 महीने तक देश के अलग-अलग राज्यों के गांवों में घूमे।

 

वहां किसानों से मिलकर ऑर्गेनिक खेती का कॉन्सेप्ट समझा। इंटरनेट पर रिसर्च किया। इसी से ग्रोइंग चैंबर्स का आइडिया आया।। अभय और अमित ने बताया कि उन्होंने भीलवाड़ा में जमीन मालिक से पार्टनरशिप करके 1 एकड़ में पॉलीहाउस तैयार किया। फिर साल 2021 में बूंदी के तालेड़ा व नांता में 2 पॉलीहाउस तैयार किए। सभी जगह जमीन मालिक से पाटर्नर शिप की। अब पानीपत में 5 एकड़, जयपुर में 3 एकड़ व कोटा में 20 एकड़ जमीन पर पॉलीहाउस तैयार कर रहे हैं। इस साल के आखिरी तक 100 एकड़ में पॉलीहाउस तैयार करने की प्लानिंग है।

 

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