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राजस्थानी भाषा को बचाने की पहल को लेकर झाम्बर गांव में, अभियान से जुड़े युवा।

राजस्थानी भाषा का गौरवशाली इतिहास है, जिसे संरक्षित करना जरूरी है।
 
घनी खम्मा सा
मॉडल गांव बहलोलनगर की तरह झाम्बर में भी युवा इस अभियान से जुड़ रहे हैं।

हनुमानगढ़ के गांव झाम्बर में 'आपणो राजस्थान आपणी राजस्थानी' अभियान के तहत राजस्थानी भाषा को बचाने के लिए  मुहिम चल रही है। ग्रामीण दीवारों पर राजस्थानी भाषा में स्लोगन लिखवा रहे हैं।

गांव के मेडिकल स्टोर पर स्लोगन,  जानकारियां राजस्थानी भाषा में लिखी गई हैं। स्थानीय पेंटर शंकरलाल प्रजापत राजस्थानी भाषा में पेंटिंग और स्लोगन लिखकर युवाओं को मायड़ भाषा के प्रति जागरूक कर रहे हैं।

तुलछाराम सिहाग के अनुसार, हिंदी शिक्षा के कारण बच्चे राजस्थानी भाषा और संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं। इसलिए दीवारों पर राजस्थानी लिखवाई जा रही है, जिससे नई पीढ़ी अपनी जड़ों से जुड़ी रहे।

मॉडल गांव बहलोलनगर की तरह झाम्बर में भी युवा इस अभियान से जुड़ रहे हैं। आसपास के गांवों में भी 'आपणो राजस्थान आपणी राजस्थानी' अभियान शुरू किया जाएगा। सतपाल सिहाग ने अपनी गाड़ी पर राजस्थानी लिखवाई, जिसकी गांव वालों ने सराहना की।

अभियान का सकारात्मक प्रभाव दिख रहा है। गांव के विद्यार्थी अब राजस्थानी को आसानी से पढ़ पा रहे हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि राजस्थानी भाषा का गौरवशाली इतिहास है, जिसे संरक्षित करना जरूरी है।

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