सफल किसान विरेंद्र सहु -: वर्णिका सहू फ्रूट नर्सरी में तैयार सीडलैस कीन्नू, माल्टा, मौसमी व नींबू के पौधे बने 12 राज्यों के किसानों की पहली पंसद
नाथूसरी चोपटा पंचायत समिति के पूर्व चेयरमैन विरेंद्र सहू को राजनीति,समाजसेवा से मिली शोहरत तो बागवानी ने दिलाई दौलत
फसल विविधीकरण और उच्च तकनीक नर्सरी के क्षेत्र में हरियाणा सरकार द्वारा मिल चुका है राज्य स्तरीय पुरस्कार
अब समृद्धि मुहिम के तहत स्कूलों में बच्चों को मुफ्त छायादार व फलदार पौधे बांटकर कर रहे पर्यावरण के प्रति जागरूक
वर्णिका सहू फ्रूट नर्सरी गिगोरानी में तैयार उच्च क्वालिटी के पौधों को क्षेत्र के लोग काफी पसंद कर रहे हैं। लीक से हटकर कुछ करने के जज्बे ने राजनीति व समाजसेवा के साथ साथ विरेंद्र सहू को हरियाणा के साथ- साथ निकटवर्ती राजस्थान के आस पास के गांवों में अलग पहचान भी दिलवाई।
आधुनिक खेती, राजनीति व समाजसेवा के जज्बे के साथ किसानों के लिए प्रेरणा बन गया। इसी की बदौलत प्रगतिशील किसान वीरेंद्र साहू को चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार में आयोजित कृषि मेले में प्रोग्रेसिव फार्मर एंड हाईटेक नर्सरी के क्षेत्र में सराहनीय कार्य के लिए 15 मार्च को सम्मानित किया गया. वीरेंद्र सहू को यह पुरस्कार दूसरी बार मिलेगा। पुरस्कार के लिए सिरसा जिले से एकमात्र किसान वीरेंद्र सहू का चयन किया गया । वीरेंद्र सहू द्वारा वर्णिका फ्रूट नर्सरी में तैयार पौधे आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र और दिल्ली के किसान लेने के लिए आते हैं।
प्रगतिशील किसान वीरेंद्र सहू वर्तमान में पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए समृद्धि नामक मुहिम चला रखी है जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में बच्चों को मुफ्त फलदार व छायादार पौधे देकर पर्यावरण को बचाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
विरेंद्र सहू ने बताया कि एमए हिन्दी तक पढने के बाद खेती पर ध्यान देना शुरू किया तो परंपरागत खेती के साथ आधुनिक खेती करने के इरादे से साल
2003-04 में अपने 22 एकड़ भूमि में किन्नू का व 8 एकड़ में आग्रेनिक अमरूद लगाए। जिसमें अपने माता पिता का पूरा सहयोग मिला। इसी के साथ साथ कृषि विभाग से डॉ लक्ष्यवीर बैनीवाल व डीएचओ सतवीर शर्मा की पे्ररणा से परंरागत खेती के साथ साथ अतिरिक्त कमाई का जरिया शुरू होने के बाद पिछले तीन वर्षों से किन्नू, मोसमी व नींबू की पौधे तैयार कर बेचने से कमाई और बढ़ गई है।
उसने बताया कि वह हर रोज सुबह 5 बजे से तीन या चार घंटे बाग में पौधों की देखभाल अवश्य करता है । विरेंद्र सहू ने बताया कि सरकार के सहयोग से उसने खेत में एक पानी की डिग्गी भी बना ली है। उस डिग्गी में पानी इक्टठा करके रखता है जब भी सिचांई की जरूरत होती है, तभी किन्नू के पौधों व फसलों मे सिंचाई कर लेता है। किन्नू के पौधों में जल्दी सिंचाई की जरूरत नहीं होती। वह सिंचाई ड्रिप सिस्टम द्वारा की जाती है , जिससे पानी व ,खाद व दवाई सीधे पौधों को मिल जाती है। तथा पानी बेकार नहीं जाता।