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सिरसा: विनय और विवेक से ही जीवन में मिलती है सफलता.

माता-पिता का पहला कर्तव्य है कि वे बच्चों को विनय और विवेक के साथ शिक्षा दिलाएं।
 
विनय और विवेक
सत्यप्रकाश जी महाराज ने कहा कि विनय का विकास जीवन का सद्गुण है।

जीवन में सफलता पाने के लिए विनय और विवेक जरूरी हैं। इंसान  इन दोनों को अपनाए तो उसका कल्याण संभव है। यह बात शुक्रवार को ज्योतिषाचार्य वचन सिद्ध उप प्रवर्तक सत्यप्रकाश जी महाराज ने प्रवचनों में कही। वे ठाणे-2 एस.एस. जैन सभा में समर्थ मुनि जी महाराज के साथ भगवान महावीर की वाणी से जीवन जीने की कला सिखा रहे हैं।

सत्यप्रकाश जी महाराज ने कहा कि विनय का विकास जीवन का सद्गुण है। विद्या के साथ विवेक भी जरूरी है। विनय और विवेक से इंसान को किसी बात का दुख नहीं होता। उन्होंने नवकार महामंत्र की महिमा बताते हुए कहा कि इसका नियमित जाप तनाव को दूर करता है।

जाप करते समय धैर्य जरूरी है। धैर्य से व्यक्ति न केवल तनावमुक्त रहता है, बल्कि सही निर्णय भी ले पाता है। उन्होंने कहा कि संयम और धैर्य जीवन के जरूरी गुण हैं। कठिनाइयों का सामना करने से व्यक्तित्व मजबूत होता है। उन्होंने कहा कि विद्या कम हो तो भी विवेक और बुद्धि से सुख-शांति मिलती है। माता-पिता का पहला कर्तव्य है कि वे बच्चों को विनय और विवेक के साथ शिक्षा दिलाएं।

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