ज्यादा पैदावार ओर लाखों की कमाई के लिए दिसंबर महीने में इन कृषि कार्य पर ध्यान दें

फसल प्रबंधन और देखभाल अत्यंत आवश्यक

 

रबी फसलों की देखभाल और प्रबंधन

गेहूं (Wheat)

चना और मसूर (Chickpea and Lentils)

खरपतवार नियंत्रण: खरपतवार निकालने के लिए हाथ से गुड़ाई करें।

पाले का प्रबंधन:

 

दिसंबर का महीना भारतीय कृषि के लिए एक महत्वपूर्ण समय होता है, क्योंकि इस समय रबी फसलों की देखभाल और विकास पर ध्यान दिया जाता है। यह समय ठंड का होता है और दिन छोटे होते हैं। इस मौसम में फसलें पाले और नमी की कमी से प्रभावित हो सकती हैं, इसलिए फसल प्रबंधन और देखभाल अत्यंत आवश्यक हो जाती है। यहां दिसंबर में किए जाने वाले कृषि कार्यों का विस्तार से वर्णन किया गया है।

 

1. रबी फसलों की देखभाल और प्रबंधन

रबी फसलों की बुवाई और प्रारंभिक देखभाल मुख्यतः अक्टूबर और नवंबर में की जाती है। दिसंबर में फसलों के विकास, सिंचाई, पोषण, और कीट नियंत्रण पर ध्यान दिया जाता है।

 

(i) गेहूं (Wheat)

बुवाई का प्रबंधन: यदि अब तक गेहूं की बुवाई नहीं की गई है, तो इस महीने देर से बुवाई के लिए उपयुक्त किस्मों का चयन करें, जैसे कि 'एचडी 2967' या 'डब्ल्यूएच 1105'

सिंचाई: गेहूं की पहली सिंचाई बुवाई के 20-25 दिन बाद करें। खेत में नमी की कमी नहीं होनी चाहिए।

खरपतवार नियंत्रण: गेहूं में खरपतवारों की वृद्धि फसल उत्पादन को प्रभावित कर सकती है। इन्हें नियंत्रित करने के लिए मैकेनिकली (हाथ से) या रासायनिक नियंत्रण जैसे पेन्डीमेथालिन का उपयोग करें।

पोषण: आवश्यकतानुसार नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश का छिड़काव करें।

(ii) चना और मसूर (Chickpea and Lentils)

नमी प्रबंधन: इन फसलों को अधिक सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती। मिट्टी में नमी बनाए रखने के लिए केवल आवश्यकतानुसार सिंचाई करें।

रोग और कीट प्रबंधन: चने में उकठा रोग और चने की फली छेदक का ध्यान रखें। जैविक या रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग करें।

खरपतवार नियंत्रण: खरपतवार निकालने के लिए हाथ से गुड़ाई करें।

(iii) सरसों (Mustard)

सिंचाई: सरसों के फूल आने और फलियों के विकास के दौरान हल्की सिंचाई करें।

कीट प्रबंधन: माहू (Aphids) का आक्रमण आम है। इसे नियंत्रित करने के लिए इमिडाक्लोप्रिड या अन्य अनुमोदित कीटनाशकों का उपयोग करें।

उर्वरक प्रबंधन: उर्वरकों की उचित मात्रा डालें ताकि पौधों को पोषण मिले और उपज बढ़े।

2. सब्जी फसलों की देखभाल

दिसंबर में कई प्रकार की सब्जियों की खेती की जाती है। यह समय ठंडे मौसम वाली सब्जियों के लिए अनुकूल होता है।

 

(i) गाजर और मूली (Carrot and Radish)

इन फसलों को समय पर पानी देना आवश्यक है।

मिट्टी में नमी बनाए रखने के लिए हल्की सिंचाई करें।

पौधों के बीच की दूरी सुनिश्चित करें ताकि उनकी बढ़वार सही तरीके से हो।

(ii) मटर (Peas)

मटर की सिंचाई फूल आने से पहले करें।

खरपतवार को हटाने के लिए खेत की नियमित गुड़ाई करें।

मटर की फसलों में लगने वाले कीट जैसे चने की इल्ली पर नियंत्रण करें।

(iii) पालक, शलजम, और ब्रोकली (Spinach, Turnip, and Broccoli)

इन फसलों के लिए ठंड का मौसम अनुकूल होता है।

खरपतवार नियंत्रण और नमी बनाए रखना बहुत जरूरी है।

पाले से बचाने के लिए फसलों को ढकने की व्यवस्था करें।

(iv) आलू (Potato)

दिसंबर में आलू के पौधों में मृदा चढ़ाई (Hilling) करें।

तना गलन रोग और कीट नियंत्रण के लिए उचित दवा का छिड़काव करें।

सिंचाई के समय ध्यान रखें कि अधिक पानी पौधों को नुकसान पहुंचा सकता है।

3. फलों की खेती

दिसंबर में फलों के पौधों की देखभाल महत्वपूर्ण होती है। फलों के पौधों को पाले और ठंड से बचाना एक बड़ा कार्य है।

 

(i) आम, अमरूद, और नींबू (Mango, Guava, and Citrus)

पौधों के चारों ओर मिट्टी को गुड़ाई करके ढीला करें।

खाद और उर्वरक डालें ताकि पौधों को पोषण मिल सके।

पाले से बचाने के लिए पौधों को प्लास्टिक की चादरों या घास से ढकें।

(ii) सेब और अन्य शीतोष्ण फल (Apple and Temperate Fruits)

इस महीने इन फलों के पौधों की कटाई-छंटाई करें।

रोगों से बचाव के लिए बोर्डो मिश्रण (Bordeaux mixture) का छिड़काव करें।

पौधों के तने के चारों ओर जैविक मल्चिंग करें ताकि जड़ें सुरक्षित रहें।

4. चारा फसलों का प्रबंधन

पशुओं के लिए चारा फसलों का प्रबंधन भी दिसंबर में एक महत्वपूर्ण कार्य होता है।

 

बरसीम (Berseem): इसकी बुवाई जारी रखें। पहली कटाई के बाद सिंचाई करें।

जई (Oats): जई की फसलों में पोषण के लिए नाइट्रोजन का छिड़काव करें।

लूसर्न (Lucerne): पशुओं के लिए यह अत्यधिक पोषण देने वाली फसल है। इसकी बुवाई भी की जा सकती है।

5. कीट और रोग नियंत्रण

दिसंबर के महीने में ठंड और नमी के कारण कीट और रोगों का खतरा अधिक होता है। इसलिए इन पर नियंत्रण आवश्यक है।

 

पाले का प्रबंधन:

 

फसलों को पाले से बचाने के लिए खेत में हल्की सिंचाई करें।

फसलों को ढकने के लिए मल्चिंग का प्रयोग करें।

रोग नियंत्रण:

चने में उकठा रोग और गेहूं में झुलसा रोग का प्रबंधन करें।

सब्जियों में झुलसा और फफूंद रोग के लिए उचित फफूंदनाशकों का उपयोग करें।

कीट प्रबंधन:

कीटों की पहचान करें और जैविक या रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग करें।

फसलों में फेरोमोन ट्रैप और प्रकाश जाल का उपयोग कीट नियंत्रण के लिए करें।

6. जैविक खाद और उर्वरक प्रबंधन

दिसंबर में खेतों में जैविक खाद डालने का काम किया जा सकता है।

गोबर की खाद और वर्मी-कम्पोस्ट का प्रयोग करें।

जैविक खाद तैयार करने के लिए फसल अवशेषों का उपयोग करें।

संतुलित उर्वरकों का प्रयोग करें ताकि मिट्टी की उर्वरता बनी रहे।

7. कृषि उपकरणों का रखरखाव

इस समय खेत में काम करने वाले उपकरणों की देखभाल करें।

कृषि यंत्रों की सफाई और मरम्मत करें।

सिंचाई उपकरणों को जंग और लीकेज से बचाने के लिए जांच करें।

ट्रैक्टर और अन्य मशीनरी को ठीक से रखरखाव करें।

8. जल प्रबंधन

ठंड के मौसम में फसलों को अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन मिट्टी में नमी बनाए रखना जरूरी है।

खेत में ड्रिप सिंचाई पद्धति का प्रयोग करें।

अधिक ठंड वाले क्षेत्रों में हल्की सिंचाई करें ताकि फसल पाले से बच सके।

जल स्रोतों का संरक्षण करें और पानी के कुशल उपयोग पर ध्यान दें।

9. फसल अवशेष प्रबंधन

दिसंबर में रबी फसलों की तैयारी के लिए खेतों में बचे हुए फसल अवशेषों को हटाना आवश्यक है।

फसल अवशेष जलाने की बजाय उसे जैविक खाद के रूप में उपयोग करें।

कम्पोस्ट पिट तैयार करें और अवशेषों को उसमें डालें।

10. किसानों के लिए सलाह

मौसम की जानकारी: दिसंबर में तापमान तेजी से गिरता है। स्थानीय मौसम विभाग से मौसम की सटीक जानकारी प्राप्त करें

दिसंबर में किए जाने वाले कृषि कार्य

1. रबी फसलों की देखभाल और प्रबंधन

गेहूं (Wheat)

चना और मसूर (Chickpea and Lentils)

सरसों (Mustard)

2. सब्जी फसलों की देखभाल

गाजर और मूली (Carrot and Radish)

मटर (Peas)

पालक, शलजम, और ब्रोकली (Spinach, Turnip, and Broccoli)

आलू (Potato)

3. फलों की खेती

आम, अमरूद, और नींबू (Mango, Guava, and Citrus)

सेब और अन्य शीतोष्ण फल (Apple and Temperate Fruits)

4. चारा फसलों का प्रबंधन

बरसीम (Berseem)

जई (Oats)

लूसर्न (Lucerne)

5. कीट और रोग नियंत्रण

पाले का प्रबंधन

रोग नियंत्रण

कीट प्रबंधन

6. जैविक खाद और उर्वरक प्रबंधन

7. कृषि उपकरणों का रखरखाव

8. जल प्रबंधन

9. फसल अवशेष प्रबंधन

10. किसानों के लिए सलाह

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