सीधी बिजाई को प्राथमिकता देने के मुख्य कारण-
1.पानी की खपत को कम करना।
2. भूजल स्तर में गिरावट आना।
3. नहरी पानी की कमी ।
4. भूमि में पोषक तत्वों की बड़े स्तर पर कमी आना।
भूजल स्तर को गंभीरता से लेते हुए इस बार जिले के किसानों ने धान की सीधी बिजाई को प्राथमिकता दी है। हालांकि धान रोपाई के लिए मजदूर न मिलना किसानों के लिए बड़ी समस्या रही है। ऐसे में कई कारणों के चलते किसानों ने धान की सीधी बिजाई को तव्वजो दी है।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. सुखदेव कंबोज ने बताया कि कृषि विभाग हरियाणा की ओर से किसानों द्वारा खरीफ सीजन 2024 में धान की सीधी बिजाई करने पर चार हजार रुपये प्रति एकड़ की अनुदान राशि दी जाएगी। इस वर्ष जिला सिरसा में 85 हजार एकड़ का लक्ष्य रखा गया है। योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक किसान 10 जुलाई तक मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करवा सकते हैं।
डॉ सुखदेव सिंह ने बताया कि धान की सीधी बिजाई करके किसान गिरते भूजल स्तर को रोकने में मदद कर सकते हैं। किसान पारंपरिक विधि से धान की बिजाई करते हैं, तो पानी की खपत बढ़ जाती है। इसलिए किसान धान की सीधी बिजाई करें ताकि पानी की खपत को 20 प्रतिशत कम किया जा सके। उन्होंने बताया कि स्कीम का लाभ लेने के लिए किसान 10 जुलाई तक सलडॉटहरियाणाडॉटजीओवीडॉटइन पोर्टल पर पंजीकरण करवांए।
ग्राम स्तरीय कमेटी द्वारा भौतिक सत्यापन उपरांत किसान के बैंक खाता में स्कीम का लाभ प्रदान किया जाएगा। धान की सीधी बिजाई वाली फसल पारंपरिक विधि से बीजी गई फसल के मुकाबले 7 से 10 दिन पहले पक कर तैयार हो जाती है और किसान को पराली प्रबंधन के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है। उन्होंने बताया कि जड़े गहरी चले जाने के कारण लोह तत्व की समस्या बहुत कम आती है।
किसान को सीधी बिजाई करने पर रोपाई पर होने वाले खर्च की भी बचत होती है तथा फसल में बीमारियां विशेष तौर पर बकानी रोग का प्रकोप कम होता है।
सीधी बिजाई को प्राथमिकता देने के मुख्य कारण-
1.पानी की खपत को कम करना।
2. भूजल स्तर में गिरावट आना।
3. नहरी पानी की कमी ।
4. भूमि में पोषक तत्वों की बड़े स्तर पर कमी आना।