होलिका पूजन 2025: जानें विधि एवं गृह क्लेश निवारण के अचूक उपाय।
होलिका दहन के समय उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजन करना शुभ माना जाता है।
होलिका दहन भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह त्योहार न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि आध्यात्मिक और पारिवारिक उन्नति के लिए भी विशेष माना जाता है।
होलिका पूजन के दौरान कुछ विशेष उपाय अपनाने से गृह क्लेश दूर होते हैं, नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है, और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं कि होलिका पूजन की सही विधि क्या है और गृह क्लेश निवारण के लिए किन उपायों को अपनाना चाहिए।
होलिका पूजन विधि
होलिका पूजन करने के लिए सर्वप्रथम स्थानीय पंचांग के अनुसार शुभ मुहूर्त जानना आवश्यक है। होलिका दहन के समय उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजन करना शुभ माना जाता है।
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पूजन सामग्री – फल, फूल, जल, रोली, मोली, गुलाल, गुड़, गोबर से बनी ढाल और खिलौने, सूत का धागा, नवग्रहों की लकड़ी, गेहूं की बालियां आदि।
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परिक्रमा – कच्चे सूत को होलिका के चारों ओर तीन या सात बार लपेटें और जल अर्पण करें।
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मंत्रोच्चारण – पूजन के दौरान निम्न मंत्र का जाप करना शुभ होता है:
"अहकूटा भयत्रस्तैः ता त्वं होलि बालिशैः।
अतस्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम्।।"यह मंत्र गृहस्थ जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाने में सहायक होता है।
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गेहूं की बाली सेंकना – होलिका दहन की अग्नि में गेहूं की बालियों को सेंकना चाहिए और घर में वितरित करना चाहिए। इससे परिवार में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
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विशेष माला संग्रहण – होलिका पूजन के दौरान गोबर से बनी चार मालाएं अलग से घर में सुरक्षित रखी जाती हैं:
- एक माला पितरों के लिए
- एक हनुमान जी के लिए
- एक शीतला माता के लिए
- एक घर-परिवार की सुख-शांति के लिए
गृह क्लेश निवारण के उपाय
होलिका पूजन के दौरान किए गए कुछ विशेष उपाय घर में सुख-शांति और समृद्धि लाने में सहायक होते हैं।
- नारियल और गोमती चक्र का उपाय – एक जटा वाला नारियल और नौ गोमती चक्र को घर में घुमाकर या सिर से सात बार उतारकर होलिका की अग्नि में समर्पित करें। इससे घर के सदस्यों के बीच प्रेम और सौहार्द बना रहता है।
- ऊपरी बाधा से मुक्ति – यदि परिवार के किसी सदस्य पर ऊपरी बाधा या नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव हो, तो
- ‘सर्वाबाधा विर्निमुक्तो धन धान्य सुतान्वितः, मनुष्यो मत् प्रसादेन भविष्यति न संशयः’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
- नवग्रह की लकड़ी, गोमती चक्र, सफेद बताशे, लौंग आदि को सिर से उतारकर होलिका की अग्नि में अर्पित करें।
- परिवार की समृद्धि के लिए – होलिका दहन की अग्नि में थोड़ी मात्रा में गुड़, गेंहू, और काले तिल अर्पित करें। यह उपाय धन-धान्य में वृद्धि करता है।
- बुरी नजर से बचाव – यदि किसी व्यक्ति को नजर दोष लग गया हो, तो होलिका की राख लेकर दरवाजे पर छिड़कें। यह घर को नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त करता है।