जानियें  ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत कब है 21 या 22 जून ,  सही तारीख और पूजा विधि

ज्येष्ठ मास में आने वाली पूर्णिमा का विशेष महत्व है। पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा अर्चना की जाती है।
 

ज्येष्ठ पूर्णिमा पूजा शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि

     
ज्येष्ठ मास का पूर्णिमा व्रत को लेकर कंफ्यूजन बना हुआ है। 21 या 21 तारीख किस दिन पूर्णिमा का व्रत किया जाएगा।  पूर्णिमा तिथि दोनों दिन है। जिस वजह से व्रत की तारीख को लेकर असमंजस बना हुआ है। आइए जानते हैं पूर्णिमा व्रत की सही तारीख, पूजा विधि और मुहूर्त।


ज्येष्ठ मास में आने वाली पूर्णिमा का विशेष महत्व है। पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा अर्चना की जाती है। इस व्रत को करने से व्यक्ति को सुख समृद्धि और धन धान्य की प्राप्ति होती है। इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है कि ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 21 या 22 जून को कब रखा जाएगा।

ज्येष्ठ पूर्णिमा पूजा शुभ मुहूर्त


ज्येष्ठ पूर्णिमा का आरंभ 21 जून को सुबह 7 बजकर 32 मिनट पर होगा और अगले दिन 22 जून को सुबह 6 बजकर 38 मिनट पर पूर्णिमा तिथि का समापन हो जाएगा। 21 तारीख को पूर्णिमा तिथि रात में व्याप्त रहेगी। पूर्णिमा तिथि का विधान है कि जिस दिन पूर्णिमा रात तक हो उसी दिन पूर्णिमा का व्रत किया जाता है। इसलिए पूर्णिमा का व्रत 21 जून को ही रखा जाएगा। पूर्णिमा व्रत करने से व्यक्ति को लक्ष्मी नारायण भगवान की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही व्यक्ति के सांसारिक दुखों का नाश होता है। इस दिन चंद्रमा से संबंधित चीजों का दान करना चाहिए।

पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि


पूर्णिमा तिथि के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें।

पूजा स्थल को अच्छे से साफ कर लें। भगवान सत्यनारायण की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद भगवान सत्यनारायण का अभिषेक करें और तिलक लगाएं। साथ ही माता लक्ष्मी का पूजन भी करें। माता लक्ष्मी को गुलाब का फूल अर्पित करें।
फिर भगवान सत्यनारायण को फूल, चावल, वस्त्र आदि अर्पित करें और सत्यनारायण कथा का पाठ करें। अंत में सत्यनारायण भगवान की आरती उतारें।

शाम के समय चंद्रमा को अर्घ देने के बाद ही अपना व्रत खोलें।