गुरुग्राम को नई पहचान देने वाले, बहुत याद आएंगे श्री ओपी चौटाला

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला का निधन एक युग का अंत है। गुरुग्राम के 'मिलेनियम सिटी' बनने की कहानी में उनका नाम सदैव याद किया जाएगा। चौटाला के कार्यकाल में साइबर सिटी का उद्घाटन हुआ, जो आज गुरुग्राम की पहचान है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोड इंफ्रास्ट्रक्चर और शहर की सुंदरता को लेकर उनके द्वारा किए गए कार्य अमिट हैं। गुरुग्राम के कई प्रतिष्ठित हॉस्पिटल, कॉलेज और पार्क उनकी दूरदर्शिता के प्रमाण हैं।
 

हरियाणा : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला का निधन एक युग का अंत है। गुरुग्राम के 'मिलेनियम सिटी' बनने की कहानी में उनका नाम सदैव याद किया जाएगा। चौटाला के कार्यकाल में साइबर सिटी का उद्घाटन हुआ, जो आज गुरुग्राम की पहचान है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोड इंफ्रास्ट्रक्चर और शहर की सुंदरता को लेकर उनके द्वारा किए गए कार्य अमिट हैं। गुरुग्राम के कई प्रतिष्ठित हॉस्पिटल, कॉलेज और पार्क उनकी दूरदर्शिता के प्रमाण हैं।

चौटाला का ड्रीम प्रोजेक्ट भौंडसी क्षेत्र में होटल और रेस्तरां की चेन लाने का था, जो उनके व्यापक विकास दृष्टिकोण को दर्शाता है। उनके साथ काम कर चुके नेताओं का कहना है कि वह एक दूरदर्शी नेता थे, जो हर छोटे कार्यकर्ता का सम्मान करना बखूबी जानते थे। 1999 से 2004 के बीच, उनके नेतृत्व में सेक्टर-40 लॉ कॉलेज और सेक्टर-9 कॉलेज का निर्माण हुआ, जो उनके शिक्षा क्षेत्र में योगदान की मिसाल है।

**"गुरुग्राम के विकास में ओमप्रकाश चौटाला का योगदान ऐतिहासिक रहा है। सेक्टर-51 का बायोडायवर्सिटी पार्क और सेक्टर-23 का देवीलाल पार्क जैसे प्रमुख स्थान उन्हीं के कार्यकाल में बने। इसके साथ ही सेक्टर-38 में मेडिसिटी हॉस्पिटल का निर्माण कार्य भी उनकी सरकार के दौरान पूरा हुआ। गुरुग्राम, जिसे कभी ऑटो और गारमेंट इंडस्ट्री के लिए जाना जाता था, आज साइबर सिटी के रूप में प्रसिद्ध है। इस पहचान का आगाज भी चौटाला जी ने किया था, जब उन्होंने हाइवे पर बनी साइबर सिटी का उद्घाटन किया। उनके कार्यकाल में शहर के रोड इंफ्रास्ट्रक्चर पर व्यापक काम हुआ।

डिप्टी स्पीकर रहे गोपीचंद गहलोत कहते हैं कि चौटाला जी की सोच पूरी तरह विकासपरक थी। उनकी सरकार में केएमपी (कुंडली-मानेसर-पलवल) एक्सप्रेसवे का शिलान्यास भी हुआ, जो उनके दूरदर्शी नेतृत्व का उदाहरण है।"**

ओमप्रकाश चौटाला के कार्यकाल में गुरुग्राम (जिसे पहले गुड़गांव के नाम से जाना जाता था) में कई महत्वपूर्ण विकास कार्य करवाए गए, जिनका शहर के समग्र विकास में अहम योगदान रहा। यहाँ कुछ प्रमुख कार्य दिए गए हैं:

  1. साइबर सिटी का उद्घाटन: ओमप्रकाश चौटाला के कार्यकाल में गुरुग्राम को साइबर सिटी के रूप में एक नई पहचान मिली। उन्होंने साइबर सिटी के उद्घाटन को मंजूरी दी और यह शहर की पहचान का हिस्सा बन गया।

  2. शिक्षा क्षेत्र में योगदान: उनके कार्यकाल में सेक्टर-40 में लॉ कॉलेज और सेक्टर-9 में एक कॉलेज का निर्माण हुआ। यह शिक्षा के क्षेत्र में उनका अहम योगदान था।

  3. स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार: ओमप्रकाश चौटाला ने शहर में कई अस्पतालों की स्थापना कर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में कदम उठाए। विशेष रूप से, सेक्टर-38 में मेडिसिटी अस्पताल का निर्माण उनके कार्यकाल में हुआ।

  4. रोड इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास: चौटाला के नेतृत्व में गुरुग्राम के रोड इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी काफी ध्यान दिया गया। सड़कें और हाईवे को आधुनिक और सुसंगत रूप से विकसित किया गया।

  5. पार्क और हरियाली का विस्तार: उन्होंने सेक्टर-51 के बायोडायवर्सिटी पार्क और सेक्टर-23 के देवीलाल पार्क जैसे बड़े पार्कों का निर्माण करवाया, जो शहर के वातावरण को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण थे।

  6. भौंडसी एरिया में ड्रीम प्रॉजेक्ट: चौटाला का एक बड़ा प्रोजेक्ट भौंडसी एरिया में होटल और रेस्तरां की चेन लाने का था, जिससे शहर का पर्यटन और व्यापारिक माहौल बेहतर होता।

हर छोटे कार्यकर्ता का सम्मान करना जानते थे

प्रदेश के पूर्व खेल राज्य मंत्री सुखबीर कटारिया का कहना है कि उन्होंने स्टूडेंट लाइफ से ही पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला से राजनीति के गुर सीखे हैं। पूर्व सीएम ने शहर में विकास के कई कार्य करवाए। वह सोहना में ड्रीम प्रॉजेक्ट भी लाना चाहते थे। मेट्रो का काम भी उनके समय में ही शुरू हुआ। उनके साथ रहकर वह इनेलो में प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर रहे। आईएनएलडी के प्रदेश सचिव पूर्व पार्षद धर्मबीर बाघोरिया बताते हैं कि पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला हर छोटे कार्यकर्ता का सम्मान करना जानते थे।

पार्षद चाय खत्म करेंगे, तभी सब चलेंगे...

"1999 में मुख्यमंत्री बनने के बाद जब ओमप्रकाश चौटाला सोहना पहुंचे, तो वहां एक चाय कार्यक्रम आयोजित किया गया था। सभी लोग चाय पीकर उठने लगे, लेकिन पूर्व पार्षद धर्मबीर बाघोरिया अभी चाय पी रहे थे। इस पर मुख्यमंत्री की नजर पड़ी और उन्होंने सभी को वापस बैठने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जब तक धर्मबीर बाघोरिया अपनी चाय समाप्त नहीं करेंगे, तब तक कोई नहीं जाएगा। यह घटना उनके हर छोटे कार्यकर्ता के प्रति सम्मान और समानता के दृष्टिकोण को दर्शाती है।

मूलचंद शर्मा ने भी किया याद

"फरीदाबाद के बीजेपी विधायक मूलचंद शर्मा ने साझा किया कि उन्होंने 1992 में मात्र 27 साल की उम्र में इनेलो पार्टी जॉइन की थी और 2009 तक इसके साथ जुड़े रहे। इस दौरान वे पार्टी के जिलाध्यक्ष भी रहे और दो बार विधानसभा चुनाव लड़ा। शर्मा ने चौटाला के निधन को व्यक्तिगत आघात बताया और कहा कि चौटाला हर कार्यकर्ता को नाम से पहचानते थे और उनके सुख-दुख में व्यक्तिगत रूप से शामिल होते थे। यह उनकी संवेदनशीलता और लोगों से जुड़ाव को दर्शाता है।"