2 साल में दोगुनी हुई ओपीडी
गरीब लोग बन रहे नशे के आदी
यही कारण है कि नशे से मौत के आंकड़े निरंतर बढ़ रहे हैं।
सिरसा। जिले में नशा तेजी से पैर पसार रहा है। इसका उदाहरण है नागरिक अस्पताल में निरंतर बढ़ने वाली नशे से ग्रसित मरीजों की बढ़ती ओपीडी। हालात यह हो गए है कि नागरिक अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र में प्रतिदिन 200 मरीजों की ओपीडी हो रही है। इसमें 160 के करीब मरीज उपचार के लिए आते हैं। जबकि 40 मरीज परामर्श के लिए आ रहे हैं। निरंतर बढ़ रही नशे के मरीजों की संख्या ने चिकित्सकों को भी हैरान कर दिया है।
चिक्तिसकों के अनुसार मेडिकल नशा, चिट्टा, अफीम आदि नशे के मरीज उनके पास आ रहे हैं। गंभीर मरीजों को नशा मुक्ति वार्ड में दाखिल किया जा रहा है ताकि उनका उपचार किया जा सके। 44 ऐसे मरीजों का मौजूदा समय में उपचार किया जा रहा हैं।
हैरानी की बात है कि पुलिस से लेकर स्वास्थ्य विभाग तक नशे को लेकर जागरूक करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। ऐसे में मरीजों की संख्या क्यों बढ़ रही है। यह गंभीर विषय बना हुआ है। जबकि पुलिस ने कई बड़े गांवों को नशा मुक्त करने का दावा किया है। पूर्व में 200 से ज्यादा नशा छोड़ने के इच्छुक मरीजों को पुलिस ने नशा मुक्ति केंद्र से दवाइयां दिलवाई थी और उपचार करवाया था।
2 साल में दोगुनी हुई ओपीडी
नागरिक अस्पताल में करीब दो साल पहले तक नशा पीडितों की ओपीडी 100 से नीचे थी। दो साल में ही ओपीडी दोगुनी हो गई है। चिकित्सकों के अनुसार नशा पीडितों में युवा और महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल हैं। आंकड़ों के अनुसार पुलिस कर्मचारी प्रतिदिन 15 से 20 मरीजों को नागरिक अस्पताल में इलाज के लिए लेकर आती हैं .
गरीब लोग बन रहे नशे के आदी
नशा पीड़ित मरीजों के उपचार के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो नशे के आदी ज्यादातर गरीब युवाओं को बनाया जा रहा है। जिनके पास रोजगार के साधन नहीं है। इसके अलावा कई युवा नशा बेचने के पेशे में आ चुके हैं। जिससे युवाओं में नशा तेजी से फैल रहा है। चिकित्सकों की माने तो युवतियों की संख्या निरंतर बढ़ रही है।
नशा एक बीमारी है इसे नशा पीड़ित नहीं समझ पाता है। उसके परिजन भी इसे नहीं समझ पाते। यही कारण है कि नशे से मौत के आंकड़े निरंतर बढ़ रहे हैं। नशे की बीमारी का इलाज किया जाना बेहद जरूरी है। सही समय पर नशा पीड़ित को इलाज मिल जाए तो उसकी जान बच सकती है और उसका जीवन सुधर सकता है।