पेरिस ओलंपिक-2024  में स्वर्ण पदक पर  निशाना साधेंगी ऐलनाबाद की भजन कौर

 

पेरिस ओलंपिक-2024  में स्वर्ण पदक पर  निशाना साधेंगी ऐलनाबाद की भजन कौर
 पिता ने आढ़तिए से 25 हजार रुपये उधार  लेकर पहली तीरंदाजी की किट खरीदकर दी अब बेटी खेलेगी ओलंपिक
तीरंदाज  भजन कौर ऑल इंडिया कैंप पुणे में कर रही तैयारी
 


ऐलनाबाद । ऐलनाबाद की होनहार बेटी भजन कौर ने तीरंदाजी ओलंपिक-2024 के लिए अपना स्थान पक्का कर लिया है। इस बार ओलंपिक खेल पेरिस में 26 जुलाई से 11 अगस्त तक होने हैं । वह रिकर्व स्पर्धा में भाग लेंगी। बता दें कि तीरंदाजी में भजन कौर ने अंताल्या (तुर्की) में ओलंपिक के लिए क्वालिफाइंग में महिलाओं की व्यक्तिगत रिकर्व स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर भारत को ओलंपिक में कोटा दिलाया है। भजन कौर ने तीरंदाजी में स्वर्ण और रजत पदक जीतकर माता-पिता के साथ-साथ जिले का भी नाम रोशन किया है । हॉकी खिलाड़ी सविता पूनिया के बाद भजन कौर सिरसा जिले से दूसरी महिला हैं, जो ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी। वह तीरंदाजी में अपनी प्रतिभा दिखाएंगी।
 

वर्तमान मे  पुणे में अभ्यास कर रहीं भजन

भजन कौर के पिता भगवान सिंह ने बताया कि भजन ने ओलंपिक तक पहुंचने में कड़ी  मेहनत की है। इस समय भजन कौर ऑल इंडिया कैंप पुणे में तीरंदाजी का अभ्यास कर रही हैं। भगवान सिंह ने बताया कि भजन कौर का तीरंदाजी के प्रति इतना समर्पण है कि घर आने में भी महीनों बीत जाते हैं। जब बेटी घर नहीं आ पाई तो उससे मिलने के लिए पुणे जा रहे हैं। ताकि, ओलंपिक से पहले बेटी को जीत का आशीर्वाद दे सकें।
इस प्रकार शुरू हुआ तीरंदाजी का सफर

पिता भगवान सिंह ने बताया कि जब भजन कौर आठवीं कक्षा में थीं तो किसी सीनियर का धनुष-बाण स्कूल में रह गया था। इस दौरान स्कूल के एक शिक्षक ने उसे धनुष चलाने के लिए कहा। उसने बहुत अच्छे से तीरंदाजी की। इसे देखकर स्कूल के सभी शिक्षक प्रभावित हुए। यहीं से भजन का तीरंदाजी का सफर शुरू हो गया।
 

पिता ने कर्ज लेकर शुरू कराया खेल

भगवान सिंह ने बताया कि जब भजन कौर ने उनको बताया कि वह तीरंदाजी करना चाहती हैं तो बहुत अच्छा लगा। घर की आर्थिक तंगी को देखते हुए टाल दिया। परंतु बेटी की जिद्द और जज्बा देखकर वह आढ़तिए से रकम लेकर पहली तीरंदाजी की किट 25 हजार रुपये में खरीदकर लाए। इससे कुछ काम चला लेकिन किट इतनी अच्छी नहीं थी। इसके बाद एक बार फिर से पैसे जुटाकर साढ़े तीन लाख रुपये की किट बेटी को लाकर उन्होंने दी।
बहन की राह पर छोटा भाई

भजन कौर के पिता खेती-बाड़ी करते हैं। माता गृहिणी हैं। उनकी एक बहन और एक भाई भी है। छोटा भाई भी तीरंदाजी का प्रशिक्षण ले रहा है। बड़ी बहन को तीरंदाजी करते देखते हुए भाई ने भी इसी खेल को अपनाने का मन बनाया है।